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अभिनेता विनय पाठक ने कहा- ड्रग्स लेने का प्रचलन केवल बॉलीवुड में ही नहीं बल्कि यूपी और पंजाब में भी है

अभिनेता विनय पाठक ( Actor Vinay Pathak ) ने कहा कि यह बात सिर्फ बॉलीवुड की नहीं है. यह बात हमारे समाज की है. ड्रग्स केवल बॉलीवुड में इस्तेमाल नहीं हो रहा. दिल्ली में भी हो रहा है, उत्तर प्रदेश में भी हो रहा है. पंजाब में भी हो रहा है.

अभिनेता विनय पाठक.
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Published : Dec 22, 2021, 8:58 AM IST

मथुराः साउथ एशिया फोरम फॉर आर्ट एंड क्रिएटिव हेरिटेज (South Asia Forum for Art & Creative Heritage) के बैनरतले तीसरे इंडस वैली इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (Indus Valley International Film Festival) का आयोजन वृंदावन में किया गया है. छटीकरा मार्ग स्थित फन लैंड में 18 से 23 दिसंबर तक आयोजित फिल्म फेस्टिवल में जहां विभिन्न भाषाओं की फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं ख्याति प्राप्त कलाकार भी इसमें सहभागिता कर रहे हैं. इसी श्रृंखला में फेस्टिवल में शिरकत करने आए मशहूर फिल्म अभिनेता विनय पाठक पत्रकारों से मुखातिब हुए.

अभिनेता विनय पाठक से पूछा गया कि बॉलीवुड में ड्रग्स का प्रचलन बढ़ रहा है तो उन्होंने कहा कि यह बात सिर्फ बॉलीवुड की नहीं है. यह बात हमारे समाज की है. ड्रग्स केवल बॉलीवुड में इस्तेमाल नहीं हो रहा, दिल्ली में भी हो रहा है. उत्तर प्रदेश में भी हो रहा है. पंजाब में भी हो रहा है. उन्होंने कहा कि मैं भर्त्सना करता हूं. सिने जगत ने पंजाब के ड्रग्स की समस्या को लेकर भी फिल्म बनाई और ड्रग्स की समस्याओं को लेकर कब से फिल्म बन रही हैं.

अभिनेता विनय पाठक.

अभिनेता विनय पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि वृंदावन में मैं पहले भी आ चुका हूं. मैंने यहां पर शूटिंग की है. फिल्म लुका छुपी जिसमें मथुरा और वृंदावन की कहानी थी और वह आज के मसले को लेकर थी. उन्होंने कहा कि यह फिल्म बताती है कि पुरातन संस्कृति और आधुनिक युग में वह तालमेल कैसे बनेगा. वह सामंजस्य कैसे आएगा.

इसे भी पढ़ें- जन विश्वास यात्रा में बार बालाओं ने लगाए ठुमके, बीजेपी कार्यकर्ता बोले 'वाह शानदार'

विनय पाठक ने कहा कि सबसे आसान काम है भर्त्सना करना और सबसे कठिन काम है उसको एक क्रियात्मक डिबेट देना. मतलब आप उसकी बात करेंगे तो चार हल मसले के निकल सकते हैं. इसीलिए संवाद करना जरूरी है. फिल्में उस संवाद को लेकर कहानी बनाती हैं और कहानी को आप तक पहुंचाती हैं. जो सोचने वाले चिंतक हैं, राइटर हैं, लेखक हैं, फिल्ममेकर हैं, जो साहित्यकार हैं वह पहले ही इस चीज पर काम शुरू कर चुके हैं, वह आगे बढ़ चुके हैं.

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मथुराः साउथ एशिया फोरम फॉर आर्ट एंड क्रिएटिव हेरिटेज (South Asia Forum for Art & Creative Heritage) के बैनरतले तीसरे इंडस वैली इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (Indus Valley International Film Festival) का आयोजन वृंदावन में किया गया है. छटीकरा मार्ग स्थित फन लैंड में 18 से 23 दिसंबर तक आयोजित फिल्म फेस्टिवल में जहां विभिन्न भाषाओं की फिल्मों का प्रदर्शन किया जा रहा है. वहीं ख्याति प्राप्त कलाकार भी इसमें सहभागिता कर रहे हैं. इसी श्रृंखला में फेस्टिवल में शिरकत करने आए मशहूर फिल्म अभिनेता विनय पाठक पत्रकारों से मुखातिब हुए.

अभिनेता विनय पाठक से पूछा गया कि बॉलीवुड में ड्रग्स का प्रचलन बढ़ रहा है तो उन्होंने कहा कि यह बात सिर्फ बॉलीवुड की नहीं है. यह बात हमारे समाज की है. ड्रग्स केवल बॉलीवुड में इस्तेमाल नहीं हो रहा, दिल्ली में भी हो रहा है. उत्तर प्रदेश में भी हो रहा है. पंजाब में भी हो रहा है. उन्होंने कहा कि मैं भर्त्सना करता हूं. सिने जगत ने पंजाब के ड्रग्स की समस्या को लेकर भी फिल्म बनाई और ड्रग्स की समस्याओं को लेकर कब से फिल्म बन रही हैं.

अभिनेता विनय पाठक.

अभिनेता विनय पाठक ने जानकारी देते हुए बताया कि वृंदावन में मैं पहले भी आ चुका हूं. मैंने यहां पर शूटिंग की है. फिल्म लुका छुपी जिसमें मथुरा और वृंदावन की कहानी थी और वह आज के मसले को लेकर थी. उन्होंने कहा कि यह फिल्म बताती है कि पुरातन संस्कृति और आधुनिक युग में वह तालमेल कैसे बनेगा. वह सामंजस्य कैसे आएगा.

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विनय पाठक ने कहा कि सबसे आसान काम है भर्त्सना करना और सबसे कठिन काम है उसको एक क्रियात्मक डिबेट देना. मतलब आप उसकी बात करेंगे तो चार हल मसले के निकल सकते हैं. इसीलिए संवाद करना जरूरी है. फिल्में उस संवाद को लेकर कहानी बनाती हैं और कहानी को आप तक पहुंचाती हैं. जो सोचने वाले चिंतक हैं, राइटर हैं, लेखक हैं, फिल्ममेकर हैं, जो साहित्यकार हैं वह पहले ही इस चीज पर काम शुरू कर चुके हैं, वह आगे बढ़ चुके हैं.

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