मथुरा : गुरुवार को जनपद के सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर पांच याचिकाओं पर सुनवाई हुई. वादी और प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता न्यायालय में उपस्थित हुए. प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता ने अपनी दलील कोर्ट में पेश की.
कहा कि मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर अवैध मस्जिदों का निर्माण कराया. वर्तमान में शाही ईदगाह मस्जिद के नीचे भगवान श्रीकृष्ण के मूल विग्रह दबे हुए हैं. मौके पर सर्वे अधिकारी भेजकर मुआयना कराना चाहिए ताकि हकीकत सामने आ सके. मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी.
सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर पिछले साल दायर की गई पांच याचिकाओं पर गुरुवार को सुनवाई हुई. दोपहर बाद कोर्ट में करीब दो घंटे तक वादी पक्ष अधिवक्ता ने अपनी दलील पेश की.
अधिवक्ता ने कहा वर्तमान में शाही ईदगाह मस्जिद के नीचे भगवान श्रीकृष्ण के मूल विग्रह दबे हुए हैं. मौके पर पुरातत्व विभाग की एक टीम भेजकर सर्वे कराना चाहिए ताकि हकीकत सामने आ सके. वादी पक्ष की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को तय की है.
सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सुनवाई के दौरान प्रतिवादी पक्ष शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता ने एतराज किया. कहा कि जिन लोगों ने जन्मभूमि को लेकर कोर्ट में वाद दाखिल किया गया है, वह अभी तक अहम सबूत कोर्ट में पेश नहीं कर सके. इसलिए मामले को खारिज कर देना चाहिए, यह मामला सुनने लायक ही नहीं है.
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क्या है मामला
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्रीकृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान जो कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. सभी याचिकाओं में मांग की जा रही है कि पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. साथ ही कहा गया कि डिक्री करने का अधिकार श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट को नहीं है.
चार प्रतिवादी पक्ष
सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में सभी याचिकाओं में चार प्रतिवादी पक्ष बनाए गए. शाही ईदगाह कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड, श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्मभूमि सेवा ट्रस्ट को प्रतिवादी पक्ष बनाया गया है.
श्रीकृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में कुल मिलाकर आठ मामले और जिला जज की कोर्ट में एक मामला अभी विचाराधीन है. मंदिर सेवायत, कृष्ण भक्त, भगवान श्रीकृष्ण के वंशज मनीष यादव सहित कई लोगों की याचिका जन्मभूमि मामले में अभी विचाराधीन है. आज पांच याचिकाओं पर सुनवाई हुई.
महेंद्र प्रताप सिंह याचिकाकर्ता अधिवक्ता ने बताया कि जन्मभूमि मामले को लेकर सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में लंबी बहस हुई. हमने अपनी दलील पेश करते हुए कई बिंदुओं पर कोर्ट में विस्तृत जानकारी दी. कहा कि पुरातत्व विभाग की एक टीम को शाही ईदगाह मस्जिद परिसर में जाकर सर्वे करना चाहिए ताकि कुछ अहम सबूत कोर्ट में पेश किए जा सकें. मामले की अगली सुनवाई 18 अक्टूबर को होगी.
तनवीर अहमद अधिवक्ता ने बताया कि न्यायालय के सामने हमने अपनी बात रखी. कहा कि यह पूरा मामला सुनने लायक नहीं है. अभी तक मंदिर तोड़ने के सबूत न्यायालय के सामने पेश नहीं किए गए. इसलिए इस मामले को खारिज कर देना चाहिए. यह सुनने लायक नहीं है. 18 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी.