मथुरा: शुक्रवार को जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोर्ट में श्रीकृष्ण जन्म भूमि प्रकरण को लेकर 6 याचिकाओं पर सुनवाई होनी थी. लेकिन न्यायालय में नो वर्क होने के कारण मामले की सुनवाई टल गई है. अब सभी याचिकाओं पर अगली सुनवाई 8 सितंबर को तय की गई है.
शुक्रवार को दोपहर बाद श्री कृष्ण जन्म भूमि बनाम शाही ईदगाह मस्जिद प्रकरण को लेकर जनपद के सिविल जज सीनियर डिवीजन, जिला जज ओर अपर सिविल जज सीनियर डिवीजन की कोट में 6 याचिकाएं अखिल भारत हिंदू महासभा वाद संख्या174/21, हिंदू आर्मी चीफ मनीष यादव वाद संख्या152/21, सेवन लॉ स्टूडेंट वाद संख्या 151/21 सहित अन्य 3 पर सुनवाई होने थी. न्यायालय मे नो वर्क होने कारण सुनवाई टल गई. अब अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी.
पिछले दो वर्ष पूर्व सिविल जज सीनियर डिविजन की कोर्ट में अखिल भारत हिंदू महासभा, हिंदू आर्मी चीफ मनीष यादव ने याचिका दाखिल की है, जिसमें मांग की गई थी कि मुगल शासक औरंगजेब ने मंदिरों को तोड़कर अवैध मस्जिद का निर्माण किया था, जिनमें से एक मथुरा शाही ईदगाह मस्जिद भी है. न्यायालय इस मामले को संज्ञान में लेकर मस्जिद हटाई जाए और उसी स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण का भव्य मंदिर बनाया जाए. अखिल भारत हिंदू महासभा के प्रार्थना पत्र में कहा गया कि शाही ईदगाह मस्जिद के नीचे भगवान श्रीकृष्ण का मूल विग्रह मंदिर है. न्यायालय वरिष्ठ कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करके वहां की मौजूदा स्थिति की रिपोर्ट न्यायालय मे पेश की जाए.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान परिसर 13.37 एकड़ में बना हुआ है. 11 एकड़ में श्री कृष्ण जन्मभूमि लीला मंच, भागवत भवन और 2.37 एकड़ में शाही ईदगाह मस्जिद बनी हुई है. श्रीकृष्ण जन्मस्थान जो प्राचीन विराजमान कटरा केशव देव मंदिर की जगह पर बना हुआ है. कोर्ट में दाखिल सभी प्रार्थना पत्र में यह मांग की जा रही है पूरी जमीन भगवान श्रीकृष्ण जन्मभूमि को वापस की जाए. 1968 में श्री कृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान और श्रीकृष्ण जन्म भूमि सेवा ट्रस्ट में जो समझौता हुआ था उसे जमीन डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है.
अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष दिनेश कौशिक ने बताया कि श्रीकृष्ण जन्मभूमि प्रकरण को लेकर आज न्यायालय में सुनवाई होनी थी, लेकिन नो वर्क होने के कारण मामले की सुनवाई नहीं हो सकी. फिलहाल अगली सुनवाई 8 सितंबर को होगी.
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