प्रयागराज : कृष्ण जन्मभूमि शाही ईदगाह विवाद से जुड़े सभी 18 सिविल सूट की सुनवाई हाईकोर्ट एक साथ करेगा. भगवान श्रीकृष्ण की ओर से दाखिल सिविल सूट मुख्य वाद होगा, जबकि बाकी सभी मुकदमों को उसी में समाहित कर सुनवाई की जाएगी. न्यायमूर्ति मयंक कुमार जैन के समक्ष सुनवाई के दौरान लंबित सभी मुकदमों की सुनवाई एक साथ करने की प्रार्थना की गई थी. कहा गया कि चूंकि सभी मामलों में लगभग एक जैसा विवाद है और साक्ष्य भी समान हैं, इसलिए एक साथ सुनने से कोर्ट का समय और वादकारियों का खर्च, दोनों बचेगा. कोर्ट ने इस मांग को स्वीकार कर लिया है.
भगवान श्रीकृष्ण विराजमान कटरा केशव देव मंदिर सहित अन्य दीवानी मुकदमों में वादी की ओर से हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडेय, प्रदीप शर्मा, शाही ईदगाह मस्जिद के वरिष्ठ अधिवक्ता वजाहत हुसैन व एमिकस क्यूरी मार्कंडेय राय सहित विभिन्न पक्षों के अधिवक्ताओं ने पक्ष रखे. सुनवाई शुरू होते ही मुस्लिम पक्ष की ओर से दो आधारों पर सुनवाई स्थगित करने की प्रार्थना की गई कि सर्वे कमीशन के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी लंबित है और उसके अगले 16 जनवरी को आने की संभावना है. सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के एडवोकेट पुनीत गुप्ता के पिता की मृत्यु हो चुकी है और वह पहले ही स्थगन का प्रस्ताव दे चुके हैं, इसलिए मामले पर आज सुनवाई न की जाए.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि मथुरा में कृष्ण जन्मभूमि मंदिर से सटे शाही ईदगाह परिसर के सर्वे कमीशन की संरचना और तौर-तरीकों के मुद्दे पर सर्वे टीम गठित करने के आदेश से कोई नुकसान नहीं होने वाला है. न्यायालय हाईकोर्ट के किसी रिटायर जज की अध्यक्षता में सर्वे टीम गठित करने का आदेश कर सकता है. सभी 18 दीवानी मुकदमों के पक्षकारों ने विभिन्न अर्जियां दाखिल कर अपने तर्क रखे. कुछ अर्जियों पर दूसरे पक्ष को आपत्ति दाखिल करने का समय दिया गया. कुछ अर्जियां पक्षकार बनाने की भी दाखिल की गईं.
श्रीकृष्ण जन्मस्थान मुक्ति समिति की ओर से एक पक्षकार ने कहा कि पूरी जमीन कटरा केशव देव के नाम दर्ज है, जिसका सर्वे कमीशन का आदेश हुआ है. यह भी कहा गया कि शाही ईदगाह परिसर में तोड़फोड़ कर स्मृतियों को नष्ट किया जा रहा है. इसलिए वहां भी एडवोकेट कमिश्नर या अमीन से सर्वे कराया जाए. यह भी कहा कि उसकी अर्जी पर आपत्ति दाखिल करने के लिए अंतिम अवसर देने के बावजूद सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड आपत्ति दाखिल न कर सुनवाई में देरी कर रहा है और दूसरी ओर तोड़फोड़ करके साक्ष्य समाप्त किए जा रहे हैं. प्रतीक चिन्हों को मिटाया जा रहा है. कोर्ट ने कहा कि सर्वे का आदेश देने से पूर्व सभी पक्षों को सुना जाएगा इसलिए सुनवाई के लिए 17 जनवरी की तिथि नियत कर दी है.
हिंदू संगठन की मांग
श्री कृष्ण जन्मभूमि मंदिर परिसर से पास बनी हुई शाही ईदगाह मस्जिद का सर्वे को लेकर पिछले 3 वर्ष से मांग चली जा रही थी सबसे पहले लोअर कोर्ट में याचिका दाखिल की गई उसके बाद मुस्लिम पक्ष हाईकोर्ट चला गया. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी मस्जिद का सर्वे करने के आदेश पारित किया. हिंदू पक्ष का कहना है कि मंदिर परिसर के पास बनी हुई शाही ईदगाह मस्जिद की गुंबद में लगी हुई हिंदू संस्कृति आकृतियां अंकित है शंख चक्र और शेष की आकृतियां लगी हुई हैं. हिंदू संगठन द्वारा लगातार मांग की जा रही है कि भगवान श्री कृष्ण का मूल विग्रह मंदिर मस्जिद के नीचे दबा हुआ है. उस स्थान का सर्वे पुरातत्व विभाग की टीम के द्वारा और वीडियो ग्राफी होनी चाहिए उसके बाद सारी तस्वीर साफ हो जाएगी.
मुगल शासक ने मंदिरों को तोड़ा
मुगल शासक औरंगजेब ने उत्तर भारत में मंदिरों को तोड़कर मस्जिदों का अवैध निर्माण किया गया जिनमें से प्रमुख मथुरा श्री कृष्ण जन्मभूमि अयोध्या मंदिर और बाबा विश्वनाथ के मंदिर प्रमुख थे उन मंदिरों को तोड़कर मंदिरों के अवशेष से ही अवैध मस्जिद बनाई गई है.
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