मथुरा: ब्रज में हरियाली तीज (hariyali teej 2022) का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने के लिए बांके बिहारी जी मंदिर पहुंचे. हरियाली तीज पर ठाकुर जी हरे रंग के वस्त्र धारण करके सोने-चांदी के हिंडोले (झूला) में विराजमान होकर भक्तों को दर्शन दिए. जिला प्रशासन ने हरियाली तीज के पर्व को लेकर वृंदावन (hariyali teej banke bihari temple) में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं. अनुमानित है कि रविवार के दिन चार से पांच लाख श्रद्धालु दर्शन करने के लिए बिहारी जी पहुंचने के आसार हैं.
5 साल में बनकर तैयार हुआ हिंडोला
कोलकाता के सेठ गुलाबचंद बेरी वाला ने ठाकुर जी के लिए 1942 में कई क्विंटल की तादाद लकड़ियों और 22 सौ तौला सोना और एक लाख क्विंटल चांदी से बनारस के कारीगर द्वारा हिंडोला तैयार कराया गया था. कारीगरों को हिंडोला तैयार करने में 5 वर्ष का समय लगा. हिंडोला भव्य और आकर्षक के रूप में 18 फीट ऊंचा और 24 फीट चौड़ा तैयार हुआ है. हिंडोला लगाने के लिए हर साल आठ से 10 कारीगर 6 घंटे काम करते हैं.
हरियाली तीज के पर्व को लेकर जिला प्रशासन ने वृंदावन में सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए हैं. पूरे परिसर को 6 जोन, 12 सुपर सेक्टर में बांटा गया है. वहीं, मंदिर परिसर में दो निकासी गेट और एक प्रवेश द्वार है. मंदिर परिसर के अलावा वृंदावन में सीसीटीवी और अतिरिक्त पुलिस बल भी तैनात किया गया है. दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की कोई असुविधा न हो उसके लिए खुद एसएसपी ने हरियाली तीज को लेकर कमान संभाल रखी है.
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इन मार्गों पर वाहनों का प्रतिबंध
हरियाली तीज के मौके पर यातायात व्यवस्थाओं को लेकर जिला प्रशासन ने कई मार्गों पर वाहनों का प्रतिबंध लगाया है. छटीकरा वृंदावन मार्ग, वाहन मथुरा वृंदावन सौ सैया मार्ग, यमुना एक्सप्रेसवे से वृंदावन मार्ग, पानी घाट तिराहा, चामुंडा कट, सुन रख रोड पर चार पहिया वाहनों का प्रतिबंध लगाया गया है. श्रद्धालु सुषमा ने बताया कि हरियाली तीज के मौके पर बांके बिहारी जी के दर्शन करके मनमुग्ध हो गया है. पिछले कई वर्षों से हरियाली तीज पर दर्शन करने के लिए वृंदावन पहुंचते हैं.
श्रीनाथ गोस्वामी ने बताया कि बांके बिहारी जी का सबसे प्रिय उत्सव हरियाली तीज सोने-चांदी के झूले में विराजमान होकर साल में 1 दिन दर्शन देते हैं. इस दर्शन के लिए श्रद्धालु बहुत दिन पहले ही अपनी तैयारियां शुरू करते हैं. उत्तर भारत में ऐसा अद्भुत झूला कहीं नहीं है. ऐसा झूला केवल एक ही है, जिसमें बांके बिहारी मंदिर में ठाकुर जी विराजमान होते हैं. 5 वर्ष में इस झूले का निर्माण होने के बाद 1947 हरियाली तीज के दिन ही सर्वप्रथम बिहारी जी ने भक्तों को दर्शन दिए. ठाकुर जी जिस झूले में विराजमान होते हैं, उसके दाएं और बाएं 4 सखियां भी खड़ी रहती हैं.
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