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मंदिर की जमीन पर मजार बनाने के मामले में सपा नेता सहित 23 लोगों के खिलाफ FIR - case against sp leader in mathura

मथुरा के शाहपुर गांव में बिहारी जी के मंदिर की जमीन पर अवैध रूप से मजार बनाने के आरोप में सपा नेता सहित 23 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है. जानिए क्या है पूरा विवाद...

मथुरा में मंदिर और मजार विवाद
मथुरा में मंदिर और मजार विवाद
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Published : Jul 11, 2022, 6:39 PM IST

मथुरा: कोसीकला थाना क्षेत्र के अंतर्गत शाहपुर गांव में बिहारी जी के मंदिर की जमीन पर अवैध रूप से मजार बनाने के मामले में धर्म रक्षा संघ की शिकायत पर तत्कालीन समाजवादी पार्टी के नेता और प्रशासनिक अधिकारियों सहित 23 लोगों के खिलाफ थाना कोसीकला में एफ आई आर दर्ज की गई है. आरोप है कि 2004 में समाजवादी पार्टी के नेता द्वारा तत्कालीन अधिकारियों से सांठगांठ कर मुस्लिम समुदाय के लोगों के सहयोग से बिहारी जी के मंदिर को कब्रिस्तान में दर्ज करा लिया गया था और 2020 में बिहारी जी के मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में जो सिंहासन था उसको तोड़कर मजार बना ली गई थी, जिसके बाद से ही धर्म रक्षा संघ लगातार इस मामले में जांच कर कार्रवाई की मांग कर रहा था.

मथुरा में मंदिर और मजार विवाद.
राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म रक्षा संघ सौरभ गौड़ ने बताया कि शाहपुर गांव में बिहारी जी के मंदिर के स्थान पर मुस्लिम समाज ने मजार बना दी है.इस मजार के बनने का विरोध पिछले 2 साल से धर्म रक्षा संघ लगातार करता चला आ रहा है. 2004 में भोला खान ने अपने प्रशासनिक अधिकारियों और मुस्लिम साथियों के साथ मिलकर बिहारी जी के मंदिर को कब्रिस्तान में दर्ज करा लिया. 2020 में बिहारी जी के मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में जो सिंहासन था, उसको तोड़कर एक मजार का निर्माण कर लिया. हमारे धर्म रक्षा संघ के कार्यकर्ताओं ने उस समय भी विरोध किया लेकिन प्रशासन के सहयोग से कार्यकर्ताओं को जेल में डलवा दिया और मजार का निर्माण हो गया.

सौरभ गौड़ ने बताया कि 2020 में योगी सरकार के दौरान निचले स्तर पर प्रशासन ने पूरी तरह से मुस्लिम समाज का साथ दिया. हमने तब से लगातार प्रशासनिक अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाई. इसके बाद मामले में जांच भी हुई और वक्फ बोर्ड कमेटी ने भी लिखकर दे दिया यह कब्रिस्तान की जगह नहीं है, हमारे यहां कोई दर्ज नहीं है. जांच में भी पूरी तरह से वह जगह बिहारी जी के मंदिर की निकली. इसके बावजूद भी अधिकारी लोग मामले से बचते रहे. अंततः परेशान होकर भोला खान समेत 23 लोगों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करानी पड़ी.

सौरभ गौड़ ने कहा कि 'हम लोग चाहते हैं कि जल्द से जल्द वह जगह हिंदू समाज को सौंपी जाए और मजार हटाया जाए. जिससे हम वहां पर भव्य और दिव्य बिहारी जी का मंदिर का निर्माण कर सकें. क्योंकि आज की तारीख में वह मजार एक कलंक के रूप में बिहारी जी के मंदिर के ऊपर बनाई हुई है.'

एसपी देहात श्रीश चंद्र ने बताया कि कोसीकला थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव में कुछ लोगों द्वारा अवैध निर्माण किया गया. कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से निर्माण कराया गया है. जांच में प्रमाण सही पाया गया. इसके बाद तहसीलदार, लेखपाल राजस्व निरीक्षक, तत्कालीन प्रधान रामवीर, फुर्शीद उप प्रधान, शौकत, अहमद, युसूफ, अजीज, लुकमान, नवाब कुरैशी, नासिर पठान, अशरफ एहसान, हनीफ, इमरान, इरशाद, जफर, शमशाद, सलीम, शकील, असगर, नवाब खान, भोले पठान के खिलाफ कोसीकला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.

मथुरा: कोसीकला थाना क्षेत्र के अंतर्गत शाहपुर गांव में बिहारी जी के मंदिर की जमीन पर अवैध रूप से मजार बनाने के मामले में धर्म रक्षा संघ की शिकायत पर तत्कालीन समाजवादी पार्टी के नेता और प्रशासनिक अधिकारियों सहित 23 लोगों के खिलाफ थाना कोसीकला में एफ आई आर दर्ज की गई है. आरोप है कि 2004 में समाजवादी पार्टी के नेता द्वारा तत्कालीन अधिकारियों से सांठगांठ कर मुस्लिम समुदाय के लोगों के सहयोग से बिहारी जी के मंदिर को कब्रिस्तान में दर्ज करा लिया गया था और 2020 में बिहारी जी के मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में जो सिंहासन था उसको तोड़कर मजार बना ली गई थी, जिसके बाद से ही धर्म रक्षा संघ लगातार इस मामले में जांच कर कार्रवाई की मांग कर रहा था.

मथुरा में मंदिर और मजार विवाद.
राष्ट्रीय अध्यक्ष धर्म रक्षा संघ सौरभ गौड़ ने बताया कि शाहपुर गांव में बिहारी जी के मंदिर के स्थान पर मुस्लिम समाज ने मजार बना दी है.इस मजार के बनने का विरोध पिछले 2 साल से धर्म रक्षा संघ लगातार करता चला आ रहा है. 2004 में भोला खान ने अपने प्रशासनिक अधिकारियों और मुस्लिम साथियों के साथ मिलकर बिहारी जी के मंदिर को कब्रिस्तान में दर्ज करा लिया. 2020 में बिहारी जी के मंदिर के मुख्य गर्भ गृह में जो सिंहासन था, उसको तोड़कर एक मजार का निर्माण कर लिया. हमारे धर्म रक्षा संघ के कार्यकर्ताओं ने उस समय भी विरोध किया लेकिन प्रशासन के सहयोग से कार्यकर्ताओं को जेल में डलवा दिया और मजार का निर्माण हो गया.

सौरभ गौड़ ने बताया कि 2020 में योगी सरकार के दौरान निचले स्तर पर प्रशासन ने पूरी तरह से मुस्लिम समाज का साथ दिया. हमने तब से लगातार प्रशासनिक अधिकारियों तक अपनी बात पहुंचाई. इसके बाद मामले में जांच भी हुई और वक्फ बोर्ड कमेटी ने भी लिखकर दे दिया यह कब्रिस्तान की जगह नहीं है, हमारे यहां कोई दर्ज नहीं है. जांच में भी पूरी तरह से वह जगह बिहारी जी के मंदिर की निकली. इसके बावजूद भी अधिकारी लोग मामले से बचते रहे. अंततः परेशान होकर भोला खान समेत 23 लोगों के खिलाफ एक एफआईआर दर्ज करानी पड़ी.

सौरभ गौड़ ने कहा कि 'हम लोग चाहते हैं कि जल्द से जल्द वह जगह हिंदू समाज को सौंपी जाए और मजार हटाया जाए. जिससे हम वहां पर भव्य और दिव्य बिहारी जी का मंदिर का निर्माण कर सकें. क्योंकि आज की तारीख में वह मजार एक कलंक के रूप में बिहारी जी के मंदिर के ऊपर बनाई हुई है.'

एसपी देहात श्रीश चंद्र ने बताया कि कोसीकला थाना क्षेत्र के शाहपुर गांव में कुछ लोगों द्वारा अवैध निर्माण किया गया. कुछ लोगों ने फर्जी तरीके से निर्माण कराया गया है. जांच में प्रमाण सही पाया गया. इसके बाद तहसीलदार, लेखपाल राजस्व निरीक्षक, तत्कालीन प्रधान रामवीर, फुर्शीद उप प्रधान, शौकत, अहमद, युसूफ, अजीज, लुकमान, नवाब कुरैशी, नासिर पठान, अशरफ एहसान, हनीफ, इमरान, इरशाद, जफर, शमशाद, सलीम, शकील, असगर, नवाब खान, भोले पठान के खिलाफ कोसीकला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.

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