मथुरा: मथुरा वृंदावन नगर निगम (Mathura Vrindavan Municipal Corporation) के सहायक नगर आयुक्त राजकुमार मित्तल ने आरोप लगाया है. उन्होंने जनपद के जाने-माने केडी मेडिकल हॉस्पिटल के प्रबंधक और चिकित्सकों समेत 10 लोगों के खिलाफ अपने पिता की गैर इरादतन हत्या का आरोप लगाते हुए न्यायालय द्वारा थाना छाता में रिपोर्ट दर्ज कराई गई है. आरोप है कि जिस दौरान सहायक नगर आयुक्त के पिता संक्रमण की चपेट में आकर उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती थे, उस दौरान लापरवाही के कारण उनकी मौत हो गई. वहीं उपचार के नाम पर अस्पताल प्रशासन द्वारा मोटी रकम की वसूली की गई. फिलहाल पुलिस द्वारा मामला दर्ज कर घटना की जांच की जा रही है.
जानकारी देते हुए सहायक नगर आयुक्त मथुरा राजकुमार मित्तल ने बताया कि मेरे पिता की तबीयत कोविड-19 के चलते खराब हुई थी. अप्रैल माह में जब 27 तारीख को उनके ऑक्सीजन का लेवल लो हुआ, क्योंकि मुझे भी संक्रमण था और मेरे परिवार वालों को भी संक्रमण था, तो चिंता के चलते अपने पिता को सरकारी डॉक्टरों की सलाह पर केडी हॉस्पिटल मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया. उस समय डॉक्टरों से भी मेरी बात हुई. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि कोई चिंता की बात नहीं है. मेरे पिता उस समय बिल्कुल स्वस्थ थे. मैंने 27 तारीख को उनको दोपहर में भर्ती कराया, देर रात्रि तक मेरे पिता का अस्पताल द्वारा किसी ने भी हाल चाल नहीं बताया. मैंने कई बार उनसे संपर्क करने का प्रयास किया, लेकिन किसी ने कोई जवाब नहीं दिया और अगले दिन 28 तारीख को अस्पताल प्रशासन द्वारा मुझे फोन कर सूचना दी गई कि आपके पिताजी की मौत हो गई है, जबकि मेरे पिता बिल्कुल स्वस्थ थे.
उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी हत्या केडी मेडिकल कॉलेज वालों ने की है. मेरे द्वारा काफी प्रयास किया गया कि मेरे प्रकरण में सही से जांच हो जाए और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई हो. जब मुझे प्रशासनिक स्तर पर कोई सहयोग प्राप्त नहीं हुआ, तो माननीय न्यायालय की शरण ली गई. कोर्ट ने 10 अगस्त को आदेश दिया और थाना छाता कोतवाली ने 17 अगस्त को आरोपियों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की है.
जानकारी देते हुए एसपी देहात श्रीश चंद ने बताया कि थाना छाता में एक अभियोग पंजीकृत कराया गया था, जिसके वादी श्री राजकुमार मित्तल जी हैं. यह अभियोग माननीय न्यायालय के आदेश अनुसार पंजीकृत किया गया है. कोर्ट के द्वारा अवगत कराया गया है कि पीड़ित के पिता को कोविड-19 के चलते उपचार के लिए केडी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. सही से इलाज न करने के कारण की मृत्यु हो गई.
इस संदर्भ में चिकित्सकों और प्रबंधक के खिलाफ माननीय न्यायालय के आदेश अनुसार अभियोग पंजीकृत किया गया है. अग्रिम विधिक कार्रवाई साक्ष्यों के आधार पर की जाएगी और जल्द ही विवेचना का निस्तारण किया जाएगा. 10 लोगों के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत किया गया है.
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