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...इस मंदिर में भोलेनाथ ने सुलझाया था 'कृष्ण-बलराम' का विवाद - सावन का पहला सोमवार

उत्तर प्रदेश के मथुरा के कंस टीले के पास रंगेश्वरनाथ महादेव मंदिर स्थापित है. मंदिर में सावन में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है. कहा जाता है कि इस मंदिर में कृष्ण-बलराम के बीच कंस के वध को लेकर हुए विवाद को स्वंय भगवान शिव ने सुलझाया था.

सावन में इस मंदिर में लगता है श्रद्धालुओं का तांता.
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Published : Jul 22, 2019, 7:49 PM IST

मथुरा: सावन के पहले सोमवार के दिन सुबह से ही भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है. हर तरफ बम-बम भोले के जयकारे गूंज रहे हैं. शिव भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर संचालकों ने पर्याप्त इंतजाम किए हुए हैं.

सावन में इस मंदिर में लगता है श्रद्धालुओं का तांता.

शहर के प्रमुख शिव मंदिरों में रंगेश्वरनाथ महादेव मंदिर का अपना अलग ही महत्व है. कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत कंस टीले के समीप यह मंदिर स्थापित है. कहा जाता है कि मंदिर की स्थापना कृष्ण कालीन है. कहते हैं राजा कंस के वध के बाद कृष्ण-बलराम में यह बहस छिड़ गई थी कि कंस को किसने मारा है.

विवाद बढ़ने पर यहां पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए और उन्होंने दोनों भाइयों का विवाद समाप्त कराया. तब से इस मंदिर को रंगेश्वर महादेव मंदिर का नाम मिला. इस मंदिर में वैसे तो हर रोज श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन सावन के दिनों में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है.

मथुरा: सावन के पहले सोमवार के दिन सुबह से ही भगवान शिव के मंदिरों में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया है. हर तरफ बम-बम भोले के जयकारे गूंज रहे हैं. शिव भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर संचालकों ने पर्याप्त इंतजाम किए हुए हैं.

सावन में इस मंदिर में लगता है श्रद्धालुओं का तांता.

शहर के प्रमुख शिव मंदिरों में रंगेश्वरनाथ महादेव मंदिर का अपना अलग ही महत्व है. कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत कंस टीले के समीप यह मंदिर स्थापित है. कहा जाता है कि मंदिर की स्थापना कृष्ण कालीन है. कहते हैं राजा कंस के वध के बाद कृष्ण-बलराम में यह बहस छिड़ गई थी कि कंस को किसने मारा है.

विवाद बढ़ने पर यहां पर भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए और उन्होंने दोनों भाइयों का विवाद समाप्त कराया. तब से इस मंदिर को रंगेश्वर महादेव मंदिर का नाम मिला. इस मंदिर में वैसे तो हर रोज श्रद्धालु पूजा-अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं, लेकिन सावन के दिनों में यहां श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है.

Intro:सावन माह के पहले सोमवार पर नगर के शिव मंदिर सजाए गए हैं शिव भक्तों की उमड़ने वाली भीड़ को देखते हुए मंदिर संचालकों ने पर्याप्त इंतजाम बात कर लिए हैं. शहर के प्रमुख शिव मंदिरों में रंगेश्वरनाथ महादेव मंदिर अपना अलग ही महत्व रखता है. कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत घनी आबादी के बीच कंस टीले के समीप स्थापित है मंदिर. मंदिर की स्थापना कृष्ण कालीन है. कहते हैं राजा कंस के वध के बाद कृष्ण बलराम में यह बहस छिड़ गई थी कि कंस को किसने मारा है. विवाद बढ़ा तो इसी रंगभूमि में भगवान शिव स्वयं प्रकट हुए और उन्होंने दोनों भाइयों का विवाद समाप्त कराया.


Body:मथुरा में कोतवाली थाना क्षेत्र अंतर्गत घनी आबादी के बीच कंस टीले के समीप स्थापित रंगेश्वर महादेव मंदिर अपना एक अलग ही महत्व रखता है. मंदिर की स्थापना कृष्ण कालीन है. कहते हैं राजा कंस के वध के बाद कृष्ण बलराम में यह बहस छिड़ गई थी कि कंस को किसने मारा है. जिसको लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा था. जिसके बाद विवाद को बढ़ता देख इसी रंगभूमि में भगवान शिव स्वयं ही प्रकट हो गए ,और कृष्ण और बलराम के बीच चल रहे विवाद को समझा कर स्वयं शिव जी ने समाप्त कराया.


Conclusion:मथुरा में कोतवाली थाना क्षेत्र स्थित रंगेश्वर महादेव मंदिर अपना एक अलग ही महत्व रखता है .यहां भगवान श्री कृष्ण और बलराम कंस के वध के बाद कंस का वध किसने किया है पर बहस कर रहे थे .जिसको लेकर विवाद बढ़ता ही जा रहा था जब विवाद को बढ़ता देखा तो स्वयं भगवान शिव प्रकट हुए, और दोनों भाइयों भगवान श्री कृष्ण और बलराम को समझा कर विवाद शांत कराया .जभी से इस मंदिर को रंगेश्वर महादेव मंदिर का नाम मिला. इस मंदिर में वैसे तो हर रोज श्रद्धालु पूजा अर्चना करने के लिए पहुंचते हैं ,लेकिन सावन के दिनों में यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ती है.
बाइट- महिला श्रद्धालु अनीता
काउंटर बाइट- संतोष नाथ पुजारी
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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