मथुरा: जिले के नौहझील में रहने वाले रवि करन सिंह (18) ग्रेनेडियर बटालियन में 29 अगस्त 1987 को सेना में भर्ती हुए थे. 4 महीने की छुट्टी बिताने के बाद लांस नायक रवि करण सिंह कारगिल युद्ध में टाइगर हिल पर तैनात थे और दुश्मनों को छक्के छुड़ा दिए थे. दुश्मनों से लड़ते हुए रवि करन शहीद हो गए. सेना ने उनकी वीरता के लिए उन्हें सेवा मेडल से सम्मानित किया. शहीद रवि करण की वीर गाथाएं आज भी उनके पैतृक गांव और परिवार में सुनने को मिलती हैं.
रवि करन मथुरा छुट्टी बिताने के बाद ड्यूटी ज्वाइन करने जम्मू जा रहे थे तो कहा अपना और बच्चों का ख्याल रखना. कारगिल में युद्ध के हालात बने हुए हैं, इसलिए मेरी ड्यूटी भी टाइगर हिल पर लगी है.
विमलेश देवी, पत्नीपापा की वीर गाथाएं की कहानी मां अक्सर परिवार में सुनाती हैं. पापा हमेशा से ही बहादुर निष्ठावान और अपनी ड्यूटी के प्रति जिम्मेदार रहे.हमें अपने पापा पर गर्व है ,और सरकार द्वारा जो वादे किए थे वह भी पूरे किए गए
शैलेंद्र, बेटाटाइगर हिल पर दुश्मनों के दांत खट्टे करते हुए शहीद हुए भाई करन सिंह की शहादत पर पैतृक गांव परिवार और देश को गर्व है क्योंकि भारत ने पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया. कारगिल युद्ध में टाइगर हिल पर दुश्मनों को कब्जा नहीं करने दिया.
गोविंद सिंह, भाई