मथुरा: ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड और पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के अधीन जिलों के चीफ इंजीनियर के साथ वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से समीक्षा बैठक की. इस दौरान उन्होंने बिलिंग में गड़बड़ी की शिकायतों पर संबंधित एजेंसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए. उन्होंने 30 दिन के भीतर दक्षिणांचल के 1,260 और पूर्वांचल के सभी चिह्नित 1,246 हाई लॉस उपकेंद्रों को 15% से नीचे ले आने के निर्देश भी दिए.
समीक्षा बैठक में ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने निर्देश दिए कि सूर्यास्त से सूर्योदय तक किसी भी गांव में बिजली की कटौती न हो. उन्होंने कहा कि कई जिलों में टेबल बिलिंग, गलत बिलिंग और एक्सेप्सनस का निराकरण न हो पाने की शिकायतें मिल रही हैं. यह ऊर्जा विभाग की उपभोक्ता हितैषी छवि को नुकसान पहुंचा रहा है. उन्होंने कहा कि जहां भी शिकायत आ रही है, वहां एमडी विशेष टीम भेजकर परीक्षण कराएं. उन्होंने कहा कि जहां भी गड़बड़ी है वहां बिलिंग करने वाली एजेंसी के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई के साथ ही एफआईआर दर्ज कराएं. उपभोक्ता की गलत बिलिंग की शिकायतों पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही भी एमडी अपने स्तर से सुनिश्चित करें.
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने लाइन लॉस कम करने के अभियान के संबंध में निर्देशित किया कि जो भी उपकेंद्र 15% से ऊपर की हानि पर हैं उसे हर हाल में इस सीमा के नीचे ले आना होगा. चिह्नित उपकेंद्रों को 30 दिन के भीतर इस अवधि में ले आना है. सभी जनपदों में हर उपकेंद्र की फीडरवार समीक्षा कर तय लक्ष्य को जरूर हासिल करें. उन्होंने अध्यक्ष यूपीपीसीएल व प्रबंध निदेशक को भी निर्देशित किया कि कहीं भी लापरवाही की गुंजाइश न रहे. वे स्वयं इसकी नियमित निगरानी करें.
ऊर्जा मंत्री ने ट्रांसफार्मरों की लोड बैलेंसिंग न करने, उनके फुंकने के कारणों की सही जानकारी न दे पाने और लक्ष्यपूर्ति में लापरवाही पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा कि लापरवाही से ईमानदार उपभोक्ता को नुकसान उठाना पड़ रहा है. उन्होंने दीपावली से पहले सभी वितरण ट्रांसफार्मरों की लोड बैलेंसिंग कराने के भी निर्देश दिए हैं. उपभोक्ता समस्याओं का नियमित अनुश्रवण और निस्तारण करना भी सुनिश्चित करें. एक माह बाद सभी के कार्यों की पुनः समीक्षा की जाएगी. लापरवाही पर जवाबदेही भी सुनिश्चित होगी.