आगरा/धौलपुरः दो दशक पहले सैंपऊ और बसेड़ी क्षेत्र में दहशत का पर्याय रहे कुख्यात डकैत गुड्डन काछी और साथियों को आगरा की अदालत ने शुक्रवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. इन सभी डकैतों पर 10 फरवरी 2007 को खेरागढ़ निवासी रवि एडवोकेट को गोली मारकर उसके पुत्र हर्ष गर्ग का अपहरण कर लिया था. जिस हर्ष का दस्यु गुड्डन गैंग के द्वारा अपहरण किया गया था, उसी ने वकील बनकर सजा दिलाई है. 17 वर्ष तक चले मुकदमे में विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र नीरज कुमार बक्शी ने दस्यु गुड्डन काछी, राजकुमार काछी सहित 6 अन्य को आजीवन कारावास और 10-10 हजार के अर्थ दंड की सजा सुनाई है.
अपहृत बालक ने वकील बनकर, डकैतों को दिलाई सजा
वर्ष 2007 में घर के आगे से अपहृत हुए हर्ष गर्ग ने बताया कि दस्यु गुड्डन गैंग द्वारा जब उसका अपहरण किया, तब वह सात साल का था. डकैतों ने फिरौती के लिए सरेशाम पिता को गोली मारकर उसे अगवा करके ले गए. गैंग की दहशत उसके मन मस्तिष्क में घर कर गई. जब चंगुल से छूटकर आया तो माता-पिता के दर्द ने उसकी इच्छा शक्ति को मजबूत किया. 12 वीं पास करने के बाद तय कर लिया, वकील बनेगा और अपहरण करने वालों को खुद सजा दिलाएगा.
17 वर्ष बाद ऐसे दिलाई सजा
15 साल बाद 2022 में हर्ष गर्ग ने आगरा कॉलेज से वकालत की पढ़ाई पूरी कर बार एसोसिएशन में पंजीकरण कराया. इसके बाद अपने मुकदमे में अभियोजन पक्ष के साथ जुड़ गया. अभियोजन अधिकारी नाहर सिंह तोमर के साथ हर तारीख पर कोर्ट जाकर तथ्य प्रस्तुत किए. कोर्ट के सामने पेश होकर अपने केस की बहस की इजाजत मांगी. मंजूरी मिलने के बाद जोरदार तरीके से बहस की. अधिवक्ता हर्ष गर्ग ने बताया कि उसने अपने पिता रवि गर्ग एडवोकेट, भाजपा नेता ताऊ महेश गर्ग और चाचा अविनाश गर्ग के सहयोग से विशेष न्यायाधीश दस्यु प्रभावी क्षेत्र की अदालत ने अपहरण में दोषी दस्यु गुड्डन काछी, राजकुमार काछी, फतेह सिंह, अमर सिंह, बलवीर, राजेश शर्मा, भीकम सिंह, राम प्रकाश को उम्र कैद की सजा सुनाई है. बलवीर के अदालत में हाजिर नहीं होने पर उसके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी करने के आदेश दिए हैं.
राजस्थान और यूपी में काछी गैंग ने मचाई थी दहशत
बता दें कि गुड्डन के खिलाफ यूपी और राजस्थान में लगभग 36 से अधिक मामले दर्ज हैं. खेरागढ़ के बसइया निवासी गुड्डन काछी और उसका गैंग धौलपुर जिले में वर्ष 2003 से 2005 तक एक के बाद एक लूट अपहरण हत्या जैसे जघन्य अपराधों को अंजाम देकर पुलिस के लिए चुनौती बना था. सैंपऊ में बाड़ी मार्ग पर यात्रियों से भरी बस को लूटने के बाद वह खासा चर्चित हुआ. 21 फरवरी 2006 को धौलपुर के सैपऊ-कौलारी मार्ग पर खेरागढ़ के गिर्राज गुर्जर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. इसके बाद उसने आगरा में 2006 व 2007 में ताबड़तोड़ वारदातों को अंजाम देता रहा.
26 दिन बाद पुलिस ने हर्ष को कराया था मुक्त
घटना 10 फरवरी 2007 को खेरागढ़ कस्बे के एडवोकेट रवि गर्ग छोटे भाई अविनाश के साथ शाम सात बजे अपने मेडिकल स्टोर पर सात वर्ष के बेटे हर्ष के साथ बैठे थे. इसी दौरान दस्यु गुड्डन काछी मार्शल जीप में अपने साथियों के साथ पहुंचा. हथियारों के बल पर बच्चे हर्ष को उठाया और रवि गर्ग को गोली मारकर चला गया. सरेशाम दुस्साहस से इलाके में दहशत फैल गई थी. दस्यु गुड्डन काछी समेत अज्ञात 14 लोगों के खिलाफ हर्ष गर्ग के चाचा अविनाश गर्ग ने अपहरण का मुकदमा दर्ज कराया था. आगरा और मध्य प्रदेश पुलिस ने अपहृत की बरामदगी को संयुक्त अभियान चलाया. 26 दिन बाद मध्यप्रदेश पुलिस ने शिवपुरी के बीहड़ से छह मार्च 2007 को गैंग की घेराबंदी कर हर्ष को मुक्त करवा लिया था. स्कूटर से दूसरी जगह ले जा रहे बदमाश हर्ष गर्ग को शिवपुरी कस्बे में छोड़कर भागने में सफल रहे थे. पुलिस ने अपहरण करने वाले दस्यु गुड्डन काछी, राजकुमार काछी, फतेह सिंह उर्फ फत्ते, अमर सिंह, बलवीर, राजेश शर्मा, भीकम सिंह, राम प्रकाश आदि को गिरफ्तार करके जेल भेजा था.