मथुरा: भगवान श्रीकृष्ण की क्रीडा स्थली गोकुल स्थित रमण रेती गुरु शरणानंद महाराज के आश्रम में पिछले 15 सालों से राधा नाम की हथिनी आरती करती है. साधु संत मिलकर ढोल नगाड़े झांझ बजाते हैं तो वहीं हथिनी भी घंटी लेकर ठाकुर जी के द्वार पर आरती करती है. हाथिनी की आरती को देखने के लिए दूरदराज से हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
जिला मुख्यालय से 15 किलोमीटर दूर गोकुल में गुरु शरणानंद महाराज का रमण रेती आश्रम स्थित है. आश्रम में राधा और माधव हाथी हथिनी का जोड़ा हुआ करता था. गुरु शरणानंद महाराज 2002 में हाथी और हथिनी का छोटा सा जोड़ा केरल से लेकर आए थे. महावत ने हाथी और हथिनी की आश्रम में ही परवरिश की.
राधा और माधव रमण रेती आश्रम में सुबह और शाम को ठाकुर जी की आरती करते थे. साधु संत ढोल मजीरा झांझ बजाते थे तो वहीं राधा भी घंटी बजाती और माधव दीपक लेकर आरती करता था. कुछ सालों पहले माधव अचानक बीमार हो गया, इलाज के बाद भी ठीक न होने के चलते साल 2016 में माधव की मृत्यु हो गई. इसके बाद से आश्रम में सुबह और शाम राधा ही भगवान श्रीकृष्ण की आरती करती है. इस दृश्य को देखने के लिए दूरदराज से लोग आते हैं.
महिला श्रद्धालु प्राची ने बताया कि गुरु शरणानंद महाराज जी के आश्रम में सुना था कि एक हथिनी ठाकुर जी की आरती सुबह और शाम करती है, उसे देखने के लिए हम यहां गोरखपुर से आए हैं. बहुत ही अच्छा लग रहा है, यहां आश्रम में आकर मन को शांति मिलती है.
महावत नदीम ने बताया कि गुरु शरणानंद महाराज जी के आश्रम में राधा सुबह और शाम ठाकुर जी की आरती करती है. मंदिर परिसर में आरती से पूर्व भजन कीर्तन होता है तो राधा अपने पैरों से हरे राम हरे कृष्णा करती है. साथ ही अपने सिर को भी हिलाती है.
कृष्णी गोविंद महाराज ने बताया कि गुरु शरणानंद महाराज जी एक और हाथी का जोड़ा लाने के लिए प्रयासरत हैं. जल्द ही फिर से राधा और माधव भगवान श्रीकृष्ण की आरती करते नजर आएंगे.