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देवकीनंदन ठाकुर ने कहा, 'ज्ञानवापी की तरह मथुरा व आगरा मस्जिदों की भी हो जांच' - ज्ञानवापी मामले

कथा प्रवक्ता देवकीनंदन ठाकुर ने गुरुवार को ज्ञानवापी मामले में याचिका खारिज होने के बाद खुशी जाहिर करते हुए कहा कि कृष्ण जन्म भूमि की भी जांच होनी चाहिए.

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Published : Aug 4, 2023, 8:37 AM IST

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मथुरा : ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे पर मुस्लिम पक्ष द्वारा रोक लगाने की याचिका हाईकोर्ट में खारिज होने के बाद मथुरा, वृंदावन में साधु संत मिठाई बांटकर खुशी का इजहार कर रहे हैं. पूरे मामले पर बोलते हुए प्रसिद्ध भागवत प्रवक्ता देवकीनंदन ठाकुर ने कहा है कि 'सनातन परंपरा को मानने वाले 100 करोड़ लोग इस देश में रहते हैं. राम, कृष्ण, शिव उनके प्राण हैं, लेकिन बार-बार उनकी भावनाओं पर आघात पहुंचाने का कुछ लोग प्रयास कर रहे हैं. कुछ लोग बार-बार कोर्ट में जाकर समय बर्बाद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे पहले कि दूसरा पक्ष किसी अन्य कोर्ट में जाकर मामले को लटकाए, इससे पहले ज्ञानवापी में सर्वे करके एजेंसी को कोर्ट के सामने रिपोर्ट पेश कर देनी चाहिए.'


ज्ञानवापी मामला
ज्ञानवापी मामला


प्रसिद्ध भागवत प्रवक्ता देवकीनंदन ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि 'सनातन परंपरा को मानने वाले 100 करोड़ से ज्यादा लोग इस देश में रहते हैं. राम कृष्ण शिव उनके प्राण हैं. बार-बार उनके और उनकी भावनाओं के ऊपर आघात करने का प्रयास कुछ लोगों के द्वारा होता है, जो भारी आक्रांता थे. उनसे कनेक्शन जोड़ने वाले लोग सनातन परंपरा का अपमान कर रहे हैं. बार-बार कभी किसी कोर्ट में कभी किसी कोर्ट में जाकर समय बर्बाद कर रहे हैं, हाईकोर्ट ने यह निर्णय लिया है इसी को कहेंगे सत्यमेव जयते.'

ज्ञानवापी मामला
ज्ञानवापी मामला



देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि 'मैं प्रार्थना करना चाहता हूं कि जब तक यह लोग दूसरे कोर्ट में जाएं इस जांच एजेंसी को अपनी जांच चालू कर देनी चाहिए और कोर्ट के सामने प्रस्तुत कर देनी चाहिए. इस जांच के बाद मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से भी जो जांच हो रही है काशी में ज्ञानवापी की, वही जांच होनी चाहिए मथुरा में कृष्ण जन्म भूमि की और वही जांच होनी चाहिए आगरा में जामा मस्जिद की सीढ़ियों की, जहां औरंगजेब ने 1670 में मथुरा के मंदिर को तोड़कर वहां की छवियों को केशव देव की मूर्तियों को ले जाकर उसने जिन सीढ़ियों में गाड़ दिया था, क्योंकि जब तक यह लोग उस पर पैर रखकर चलते रहेंगे, तब तक सनातनियों की 100 करोड़ हिंदुओं की भावना का अपमान होता रहेगा. इस लिए इसकी जांच हो और दूध का दूध और पानी का पानी हो. हमारे कृष्ण हमें वापस मिलने चाहिए जिससे उनकी पूजा हम कर सकें.'

ज्ञानवापी मामला
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यह भी पढ़ें : केजीएमयू में नेत्र विभाग की ओपीडी की तीसरी मंजिल से गिरी डेढ़ वर्षीय बच्ची, हालत नाजुक

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मथुरा : ज्ञानवापी में एएसआई सर्वे पर मुस्लिम पक्ष द्वारा रोक लगाने की याचिका हाईकोर्ट में खारिज होने के बाद मथुरा, वृंदावन में साधु संत मिठाई बांटकर खुशी का इजहार कर रहे हैं. पूरे मामले पर बोलते हुए प्रसिद्ध भागवत प्रवक्ता देवकीनंदन ठाकुर ने कहा है कि 'सनातन परंपरा को मानने वाले 100 करोड़ लोग इस देश में रहते हैं. राम, कृष्ण, शिव उनके प्राण हैं, लेकिन बार-बार उनकी भावनाओं पर आघात पहुंचाने का कुछ लोग प्रयास कर रहे हैं. कुछ लोग बार-बार कोर्ट में जाकर समय बर्बाद कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि इससे पहले कि दूसरा पक्ष किसी अन्य कोर्ट में जाकर मामले को लटकाए, इससे पहले ज्ञानवापी में सर्वे करके एजेंसी को कोर्ट के सामने रिपोर्ट पेश कर देनी चाहिए.'


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प्रसिद्ध भागवत प्रवक्ता देवकीनंदन ठाकुर ने जानकारी देते हुए बताया कि 'सनातन परंपरा को मानने वाले 100 करोड़ से ज्यादा लोग इस देश में रहते हैं. राम कृष्ण शिव उनके प्राण हैं. बार-बार उनके और उनकी भावनाओं के ऊपर आघात करने का प्रयास कुछ लोगों के द्वारा होता है, जो भारी आक्रांता थे. उनसे कनेक्शन जोड़ने वाले लोग सनातन परंपरा का अपमान कर रहे हैं. बार-बार कभी किसी कोर्ट में कभी किसी कोर्ट में जाकर समय बर्बाद कर रहे हैं, हाईकोर्ट ने यह निर्णय लिया है इसी को कहेंगे सत्यमेव जयते.'

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देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि 'मैं प्रार्थना करना चाहता हूं कि जब तक यह लोग दूसरे कोर्ट में जाएं इस जांच एजेंसी को अपनी जांच चालू कर देनी चाहिए और कोर्ट के सामने प्रस्तुत कर देनी चाहिए. इस जांच के बाद मैं हाथ जोड़कर प्रार्थना कर रहा हूं, सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट से भी जो जांच हो रही है काशी में ज्ञानवापी की, वही जांच होनी चाहिए मथुरा में कृष्ण जन्म भूमि की और वही जांच होनी चाहिए आगरा में जामा मस्जिद की सीढ़ियों की, जहां औरंगजेब ने 1670 में मथुरा के मंदिर को तोड़कर वहां की छवियों को केशव देव की मूर्तियों को ले जाकर उसने जिन सीढ़ियों में गाड़ दिया था, क्योंकि जब तक यह लोग उस पर पैर रखकर चलते रहेंगे, तब तक सनातनियों की 100 करोड़ हिंदुओं की भावना का अपमान होता रहेगा. इस लिए इसकी जांच हो और दूध का दूध और पानी का पानी हो. हमारे कृष्ण हमें वापस मिलने चाहिए जिससे उनकी पूजा हम कर सकें.'

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