मथुरा: नए साल का जश्न मनाने के लिए हर साल दूरदराज से लाखों की तादाद में श्रद्धालु कान्हा नगरी मथुरा-वृंदावन पहुंचते थे, लेकिन इस बार तेजी से बढ़ते ओमीक्रोन के खतरे को देखते हुए यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भी भारी कमी आई है. सैलानियों की संख्या कम होने के कारण होटल, रेस्टोरेंट व ढाबे खाली पड़े हैं. साथ ही अबकी नए साल का जश्न भी फीका नजर आया. वहीं, स्थानीय लोगों ने अपने घरों पर ही नए साल का जश्न मनाया.
श्रद्धालुओं की संख्या हुई कम
नए साल की शुरुआत व जश्न मानने को यहां दूरदराज से हर साल लाखों तादाद में श्रद्धालु पहुंचते थे. लेकिन कोरोना व ओमीक्रोन के बढ़ते खतरे के मद्देनजर अबकी यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आई है. जिसके कारण होटल, ढाबे व धर्मशालाएं खाली पड़ी है. दरअसल, ओमीक्रोन को लेकर लोग खासा भयभीत हैं और यही वजह है कि नए साल का जश्न मनाने के लिए लोगों ने अपनी पार्टियां कैंसल कर दी और अपने घरों में परिवार के लोगों के साथ ही नए साल को सेलिब्रेट किया.
होली गेट पर सन्नाटा पसरा
शहर के हृदय स्थल होली गेट पर रात 11 बजते ही सन्नाटा पसर गया, जहां हर रोज सैकड़ों की संख्या में लोगों की आवाजाही रहती थी, लेकिन वहां इक्का-दुक्का लोग ही देखते नजर आए. वहीं, डी गेट, भरतपुर गेट, भूतेश्वर चौराहा और कृष्ण नगर इलाके की सड़कें भी सुनसान पड़ी रही.
रात्रि 11 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू
कोरोना संक्रमण के चलते प्रदेश सरकार की गाइडलाइंस का पालन करते हुए जिले में रात्रि 11 बजे से सुबह 5 बजे तक कर्फ्यू लगा रखा है. शहर के चौराहे पर पुलिस कर्मी की ओर से गश्त लगाई जा रही है तो वहीं, आवाजाही करने वाले लोगों पर भी रोक टोक की जा रही है.
होटल कारोबारी अंकित बंसल ने बताया पिछले दो सालों से कोरोना संक्रमण के चलते कारोबार बिल्कुल धराशाई हो गया है. वहीं इस बार कारोबार को लेकर कुछ उम्मीद थी, लेकिन ओमीक्रोन को लेकर लोग भयभीत हैं. नए साल के जश्न की पार्टियां लोगों ने कैंसिल कर दिए और दूरदराज से आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या भी बहुत कम रही.
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