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श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले पर बहस हुई पूरी, 19 मई को आएगा फैसला

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Published : May 5, 2022, 5:56 PM IST

Updated : May 5, 2022, 7:16 PM IST

श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर 3 साल पूर्व दायर की गई पिटिशन कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री की याचिका पर गुरुवार को जिले के जिला जज की कोर्ट में सुनवाई हुई. पिछले कई महीनों से प्रतिवादी पक्ष की बहस आज पूरी होने के बाद 19 मई को अगली सुनवाई तय की गई है.

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श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामला

मथुराः श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर तीन साल पूर्व दायर की गई पिटिशन रंजना अग्निहोत्री की याचिका पर गुरुवार को जिला जज की कोर्ट में सुनवाई हुई. पिछले कई महीनों से प्रतिवादी पक्ष की बहस पूरी होने के बाद 19 मई को अगली सुनवाई की तारीख तय की गई है. न्यायालय इस पर फैसला सुनायेगा कि ये वाद सुनने लायक है या नहीं. सुनवाई के दौरान वादी-प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता न्यायालय में मौजूद रहे.

जन्मभूमि मामले की हुई सुनवाईः गुरुवार को जनपद के जिला जज की कोर्ट में कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री के 3 वर्ष पूर्व दायर की गई पिटिशन पर सुनवाई हुई. न्यायालय में प्रतिवादी पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता द्वारा पिछले कई महीनों से लगातार बहस चल रही थी जो कि आज गुरुवार को बहस पूरी हुई है. न्यायालय ने अगली सुनवाई 19 मई को तय की है. इस दिन श्री कृष्ण जन्मभूमि मामला न्यायालय में चलाने लायक है या खारिज कर दिया जाए, इस पर फैसला किया जायेगा.

कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने दायर की पिटीशनः लखनऊ निवासी रंजना अग्निहोत्री जो कि पेशे से अधिवक्ता के रूप में कार्यरत हैं, उन्होंने अपने आप को कृष्ण भक्त बताते हुए 3 वर्ष पूर्व सितंबर में श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर जनपद मथुरा न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था कि श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर में अतिक्रमण मुक्त कराया जाये. श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और सेवा संस्थान को मंदिर के जमीन की डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है. इसलिए न्यायालय स्वतः संज्ञान में लेते हुए उचित आदेश दे.

मामले पर बहस हुई पूरीः प्रतिवादी पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह कमेटी अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में आज बहस पूरी हुई है. इसको लेकर अब 19 मई को फैसला आएगा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि मामला न्यायालय में सुनने लायक है या इसको खारिज कर दिया जाए.

इसे भी पढ़ें- ताजमहल में प्रवेश न मिलने पर जगतगुरु परमहंस आचार्य ने किया SC का रुख

तनवीर अहमद अधिवक्ता ने बताया कि गुरुवार को जिला जज की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सुनवाई हुई. जिसमें पिछले कई दिनों से बहस चली आ रही थी, आज पूरी हो गई है. 19 मई को न्यायालय इस पर फैसला करेगा कि ये वाद चलने लायक है या नहीं. जबकि हम लोगों ने न्यायालय में जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि वादी ने जो प्रार्थना पत्र दाखिल किया है वह अनुरूप नहीं है. क्योंकि वो श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारी या कर्मचारी नहीं हैं. भगवान श्री कृष्ण के करोड़ों भक्त हैं. वह भी न्यायालय में प्रार्थना पत्र दे सकते हैं. इसलिए इस मामले को खारिज कर देना चाहिए. क्योंकि समय पूरा होने के बाद न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. 1968 में समझौता हुआ और 1974 में जमीन डिक्री कर दी गयी जो कि कानून के दायरे में सही है.

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मथुराः श्रीकृष्ण जन्मभूमि के मालिकाना हक को लेकर तीन साल पूर्व दायर की गई पिटिशन रंजना अग्निहोत्री की याचिका पर गुरुवार को जिला जज की कोर्ट में सुनवाई हुई. पिछले कई महीनों से प्रतिवादी पक्ष की बहस पूरी होने के बाद 19 मई को अगली सुनवाई की तारीख तय की गई है. न्यायालय इस पर फैसला सुनायेगा कि ये वाद सुनने लायक है या नहीं. सुनवाई के दौरान वादी-प्रतिवादी पक्ष के अधिवक्ता न्यायालय में मौजूद रहे.

जन्मभूमि मामले की हुई सुनवाईः गुरुवार को जनपद के जिला जज की कोर्ट में कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री के 3 वर्ष पूर्व दायर की गई पिटिशन पर सुनवाई हुई. न्यायालय में प्रतिवादी पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह कमेटी के अधिवक्ता द्वारा पिछले कई महीनों से लगातार बहस चल रही थी जो कि आज गुरुवार को बहस पूरी हुई है. न्यायालय ने अगली सुनवाई 19 मई को तय की है. इस दिन श्री कृष्ण जन्मभूमि मामला न्यायालय में चलाने लायक है या खारिज कर दिया जाए, इस पर फैसला किया जायेगा.

कृष्ण भक्त रंजना अग्निहोत्री ने दायर की पिटीशनः लखनऊ निवासी रंजना अग्निहोत्री जो कि पेशे से अधिवक्ता के रूप में कार्यरत हैं, उन्होंने अपने आप को कृष्ण भक्त बताते हुए 3 वर्ष पूर्व सितंबर में श्री कृष्ण जन्म भूमि के मालिकाना हक को लेकर जनपद मथुरा न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था कि श्री कृष्ण जन्मभूमि परिसर में अतिक्रमण मुक्त कराया जाये. श्रीकृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट और सेवा संस्थान को मंदिर के जमीन की डिक्री करने का कोई अधिकार नहीं है. इसलिए न्यायालय स्वतः संज्ञान में लेते हुए उचित आदेश दे.

मामले पर बहस हुई पूरीः प्रतिवादी पक्ष सुन्नी वक्फ बोर्ड और शाही ईदगाह कमेटी अधिवक्ता द्वारा न्यायालय में आज बहस पूरी हुई है. इसको लेकर अब 19 मई को फैसला आएगा कि श्री कृष्ण जन्मभूमि मामला न्यायालय में सुनने लायक है या इसको खारिज कर दिया जाए.

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तनवीर अहमद अधिवक्ता ने बताया कि गुरुवार को जिला जज की कोर्ट में श्री कृष्ण जन्मभूमि मामले को लेकर सुनवाई हुई. जिसमें पिछले कई दिनों से बहस चली आ रही थी, आज पूरी हो गई है. 19 मई को न्यायालय इस पर फैसला करेगा कि ये वाद चलने लायक है या नहीं. जबकि हम लोगों ने न्यायालय में जवाब दाखिल करते हुए कहा है कि वादी ने जो प्रार्थना पत्र दाखिल किया है वह अनुरूप नहीं है. क्योंकि वो श्री कृष्ण जन्मभूमि ट्रस्ट के पदाधिकारी या कर्मचारी नहीं हैं. भगवान श्री कृष्ण के करोड़ों भक्त हैं. वह भी न्यायालय में प्रार्थना पत्र दे सकते हैं. इसलिए इस मामले को खारिज कर देना चाहिए. क्योंकि समय पूरा होने के बाद न्यायालय में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया. 1968 में समझौता हुआ और 1974 में जमीन डिक्री कर दी गयी जो कि कानून के दायरे में सही है.

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Last Updated : May 5, 2022, 7:16 PM IST
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