मथुरा: अगर इंसान के हौसले बुलंद हो तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं होता. ऐसा ही एक मामला जनपद मथुरा में देखने को मिला है. यहां एक बेटी ने अपने पिता को आजीवन कारावास की सजा से मुक्त कराने के लिए कानून की पढ़ाई की. बेटी ने वकील बनकर पिता को न्याय दिलाने के लिए पैरवी की.
21 साल के लंबे संघर्ष के बाद बेटी ने पिता को निर्दोष साबित कर रिहा कराया. वर्ष 2001 में बलदेव थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव धघेटा के रहने वाले कृष्ण वीर सिंह उर्फ पिंकू पर गांव के ही रहने वाले राम खिलाड़ी नामक व्यक्ति की हत्या का आरोप लगा था. इसके बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर कृष्ण वीर को जेल भेज दिया था. कुछ समय बाद कृष्ण वीर जमानत पर रिहा हो गया. लेकिन, 17 दिसंबर 2019 को कृष्ण वीर को मथुरा में आजीवन कारावास और 30 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई गई.
कृष्ण वीर की बेटी श्वेता उस समय महज 4 वर्ष की थी. उसी समय से उसने वकील बनकर अपने पिता को न्याय दिलाने की ठान ली. वकील बनकर लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उसने 1 अक्टूबर 2022 को अपने पिता को रिहा करा लिया. दरअसल, जनपद मथुरा के बलदेव थाना क्षेत्र के अंतर्गत गांव धघेटा के रहने वाले कृष्ण वीर सिंह उर्फ पिंकू पर वर्ष 2001 में गांव के ही रहने वाले राम खिलाड़ी की हत्या का आरोप लगा था. पुलिस ने एससी एसटी एक्ट और 302 में कृष्ण वीर के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर उसे जेल भेज दिया था.
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मथुरा न्यायालय के फैसले को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती देते हुए लंबी कानूनी लड़ाई के बाद आखिरकार उच्च न्यायालय ने 19 सितंबर को कृष्ण वीर को साक्ष्यों और बयानों के आधार पर बरी कर दिया गया. आखिरकार 1 अक्टूबर को कृष्ण वीर को रिहा कर दिया गया. बेटी के अपने पिता के लिए किए गए इस कार्य को सुन हर कोई उसकी प्रशंसा कर रहा है.
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