मथुरा: कोरोना काल अभी पूरी तरह से समाप्त नहीं हुआ है और तीसरी लहर के साथ-साथ डेल्टा वेरिएंट का खतरा भी मंडरा रहा है. इसको लेकर भले ही शासन-प्रशासन चिंतित है और व्यवस्थाओं में जुटा हुआ है. लेकिन लोग इससे पूरी तरह बेखबर बने हुए हैं. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण धर्म नगरी वृंदावन में देखा जा सकता है. जहां जग प्रसिद्ध ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में अपार जनसैलाब उमड़ रहा है. जन सैलाब के कारण कोरोना गाइड लाइन की जमकर धज्जियां उड़ रही हैं.
लोग सोशल डिस्टेंसिंग को तो पूरी तरह भूल ही चुके हैं. वहीं अनेक लोग बिना फेस मास्क के ही भीड़ में देखे जा सकते हैं. यहां तक कि मंदिर के आंतरिक और बाहरी परिसर में बैठे रहने वाले मंदिर के सेवायत गोस्वामी भी बिना फेस मास्क के सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाते नजर आते हैं. इस सबके बावजूद न तो मंदिर प्रबंधन का इस ओर कोई ध्यान है और न ही प्रशासन इस ओर कोई ध्यान दे रहा है.
कहीं भारी न पड़ जाए यह आस्था
कोरोना वायरस संक्रमण ने विश्व के लगभग हर देश को अपनी चपेट में लेकर भारी संख्या में लोगों को संक्रमित किया तो बड़ी तादाद में लोगों की जान भी ली. वहीं इस जानलेवा वायरस ने भारत में भी कोहराम मचा दिया. पहली लहर के बाद दूसरी लहर में भी भारी संख्या में लोगों की जान गई तो वही बड़ी तादाद में लोग संक्रमित हुए. अब विशेषज्ञ तीसरी लहर की भी चिंता जता रहे हैं, तो वहीं कई नए वेरिएंट इस संक्रमण के सामने आ रही हैं. ऐसे में लगातार लोगों से अपील की जा रही है कि वह सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें, मास्क लगाकर रखें और कम से कम लोगों के संपर्क में आए. बहुत आवश्यकता होने पर ही बाहर निकले. लेकिन सब कुछ जानते हुए भी लोग बेपरवाह बने हुए हैं. ऐसा ही नजारा धर्म नगरी वृंदावन में देखने को मिल रहा है. यहां विश्वविख्यात ठाकुर बांके बिहारी मंदिर में भारी संख्या में श्रद्धालु भक्त रोज मंदिर पहुंच रहे हैं. जहां श्रद्धालुओं द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. वहीं बिना मास्क श्रद्धालु भक्त आसानी से देखे जा सकते हैं.
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कोरोना से बेपरवाह लोग नियमों की उड़ा रहे धज्जियां
जानलेवा वायरस का अभी कहर थमा भी नहीं है कि लोग इस संक्रमण से बेपरवाह नजर आ रहे हैं. धर्म नगरी वृंदावन में रोजाना हजारों की तादाद में विश्व प्रसिद्ध बांके बिहारी मंदिर पहुंच रहे है. श्रद्धालु भक्त जमकर गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे हैं और संभावित तीसरी लहर को न्योता दे रहे हैं. श्रद्धालु भक्त सोशल डिस्टेंसिंग को भूलकर बिना मास्क के आसानी से घूम रहे हैं.
वहीं दूसरी ओर बांके बिहारी मंदिर प्रशासन द्वारा भी इस ओर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है. औपचारिकता के लिए बीच-बीच में प्रशासन के अधिकारी लोगों को जागरूक करने के लिए पहुंच जाते हैं. लेकिन धरातल पर उसका कुछ असर नजर नहीं आता.