मथुरा: वृंदावन थाना क्षेत्र के छटीकरा पर ट्रेन की चपेट में आने से करीब आधा दर्जन से अधिक गोवंशों की मौत हो गई. जबकि हादसे में कई गोवंश घायल हो गए. घटना की जानकारी लगते ही स्थानीय पुलिस और रेलवे कर्मचारी मौके पर पहुंच गए. उन्होंने घायल गोवंशों को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया. मृतक गोवंशों को दफनाया गया. जानकारी के मुताबिक गोवंशों का एक झुंड रेलवे ट्रैक पार कर रहा था. इसी दौरान कोई ट्रेन आ गई, जिसकी चपेट में आकर कई गोवंश घायल हो गये और कई की मौत हो गई.
थाना वृंदावन क्षेत्र में ट्रेन की टक्कर से 10 गोवंशों की दर्दनाक मौत की सूचना से स्थानीय पुलिस प्रशासन में हड़कंप मच गया. घटना की सूचना पर भारतीय गौ सेवा समिति के गौभक्त और इलाका पुलिस के साथ रेलवे कर्मचारी मौके पर पहुंच गए. गौ सेवकों ने पुलिस की मदद से 3 घायल गोवंशों को प्राथमिक उपचार के बाद गौशाला भेजा.
जानकारी के मुताबिक ये दुर्घटना देर रात्रि की बताई जा रही है. दरअसल 12 गोवंशों का एक झुंड जंगल से निकलकर लाइन पार कर रहा था, तभी किसी सुपरफास्ट एक्सप्रेस ने सभी गोवंशों को बुरी तरह रौंद डाला. 10 गोवंशों ने मौके पर ही दम तोड़ दिया. दुर्घटना के बाद कई गोवंशों ट्रेन में फंस गए. आनन-फानन में अधिकारियों ने रात्रि में ही कर्मचारियों की मदद से मृत गौवंशों को निकालकर रेलवे मार्ग तो दुरस्त कर दिया. लेकिन रेलवे के अधिकारियों ने दुर्घटना में घायल गायों की सूचना किसी संस्था या गऊशाला संचालक को देना जरूरी नहीं समझा. जिसकी वजह से रात भर गाय दर्द से तड़पती रहीं और 10 गोवंशों ने उपचार के अभाव में दम तोड़ दिया.
गौसेवकों को इसकी जानकारी सुबह 8 बजे किसी ग्रामीण से मिली. जिसके बाद गौसेवकों ने रस्सों की मदद से मृत पड़े गोवंशों को रेलवे की सीमा से निकलवाकर भूमिगत कराया. गौ सेवा संस्था, भारतीय गौ सेवा समिति वृंदावन और छटीकरा के गौभक्तों ने अथक प्रयासों से ये रेस्क्यू ऑपरेशन 4 घंटे में पूरा किया गया.
वृंदावन क्षेत्र के छटीकरा रेलवे लाइन पर आधा दर्जन से अधिक गोवंशों की ट्रेन की चपेट में आ जाने से मौत हो गई. वहीं कई गोवंश घायल हो गए हैं. जिले में बड़ी संख्या में स्थाई और अस्थाई गौशाला संचालित की जा रही हैं. बावजूद सड़कों पर बड़ी संख्या में गोवंश घूमते हुए दिखाई दे जाएंगे. सरकार की तरफ से बेसहारा गोवंशओं के लिए विशेष अनुदान दिया जा रहा है. उस अनुदान में भी प्रशासन और गौशाला संचालक धांधली कर रहे हैं. बेसहारा गोवंश को गौशालाओं के अंदर नहीं रखा जा रहा.
-नवीन, भारतीय गौसेवा समिति अध्यक्ष