मथुरा: समाजवादी पार्टी के पूर्व जिलाध्यक्ष गुरुदेव शर्मा फर्जीवाड़ा कर जमीन खरीदने के चक्कर में कानून के फंदे में फंस चुके हैं. साल 2005 में सत्ता में रहते हुए पार्टी के जिलाध्यक्ष ने फर्जी वसीयत के आधार पर पार्टी कार्यालय के लिए जमीन का बैनामा कराया था. जिसमें कोर्ट ने गुरुदेव शर्मा सहित पांच लोगों को सात साल की सजा के साथ 25-25 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है.
जानिए क्या है पूरा मामला
- समाजवादी पार्टी की सत्ता की हनक का एक और मामला सामने आया है.
- मामला गोवर्धन चौराहे के के पार स्थित होली एंजल पब्लिक स्कूल का है.
- जिसमें वर्ष 2005 में सत्ता में रहते हुए पार्टी के जिला अध्यक्ष गुरुदेव शर्मा ने फर्जी वसीयत के आधार पर पार्टी कार्यालय के लिए जमीन का बैनामा कराया था.
- सपा नेता गुरुदेव शर्मा ने जब इस जमीन का बैनामा कराया था उससे पूर्व भी इस जमीन की मिल्कियत और कब्जा छगनलाल पांडे के पास था.
- इस जमीन पर जो मकान बना था उसका नक्शा एमवीडीए से स्वीकृत था और नगर पालिका में भी मिल्कियत दर्द थी.
- फर्जी बैनामा का मामला सामने आते ही उन्होंने इस मामले की एफआईआर सात लोगों के खिलाफ दर्ज कराई थी, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यह निर्णय सुनाया है.
समाजवादी पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष गुरुदेव शर्मा सहित वीरेंद्र वर्मा ,अखिल वर्मा ,अनुराग पंजाबी ,युद्ध राज सिंह इन पांचों को साथ सात वर्ष की सजा हुई है. इस पूरे मामले में कुल सात लोग आरोपित थे जिनमें से नारायण दास यादव और संजीव गुप्ता को बरी कर दिया है. इन लोगों ने कथित बैनामे में गवाही दी थी. मथुरा के सिविल सीनियर डिवीजन के जज महेंद्र पाल सिंह ने थाना सदर बाजार से संबंधित मामले में सुनवाई करते हुए आईपीसी की कई धाराओं अंतर्गत आरोपियों को दोषी मानते हुए सात-सात साल की सजा के साथ 25-25 हजार के अर्थदंड की सजा सुनाई है.
जमीन मालिक के वकील