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मथुराः बेरोजगारी और कृषि बिल के खिलाफ कांग्रेस ने किया प्रदर्शन

यूपी के मथुरा जिले में बेरोजगारी, कृषि बिल, कानून-व्यवस्था आदि मुद्दों को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही राज्यपाल के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने बताया कि वर्तमान सरकार में महिलाएं, गरीब, किसान और व्यापारी हर व्यक्ति परेशान है. हर किसी के साथ अन्याय हो रहा है.

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Published : Sep 21, 2020, 7:03 PM IST

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कृषि बिल और बेरोजगारी के खिलाफ प्रदर्शन करती कांग्रेस

मथुराः बेरोजगारी, कृषि बिल, कानून-व्यवस्था आदि मुद्दों को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही राज्यपाल के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान सरकार में महिलाएं, गरीब, किसान और व्यापारी सभी परेशान है. हर किसी के साथ अन्याय हो रहा है. जल्द ही सरकार ने किसान बिल को वापस नहीं लिया तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर किसान के हक की लड़ाई लड़ेगी.

कांग्रेस ने मांग की कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार को कृषि बिल वापस ले लेना चाहिए. कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए संसद से कृषक उत्पादक व्यापार एवं वाणिज्य विधेयक 2020 पास कराया है, यह बिल किसान विरोधी बिल है. इससे बड़ी कंपनियों को कृषि उत्पादों के भंडारण की छूट मिल जाएगी. जिससे उद्योगपति किसानों पर अपनी मनमर्जी थोप सकेंगे.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस कानून को भारतीय खाद एवं कृषि व्यवसाय पर हावी होने की इच्छा रखने वाले बड़े उद्योगपतियों के अनुरूप बनाया गया है. यह किसानों की मोलतोल की शक्ति को कमजोर करेगा. इसके अलावा बड़ी निजी कंपनियां नियोजक को एवं थोक विक्रेताओं और प्रोसेसर को इससे कृषि क्षेत्र में बढ़त मिल सकती है. यह किसान विरोधी काला कानून है. यह बिल किसानों के फायदे के लिए नहीं है. कांग्रेस किसानों की आवाज उठाते हुए इस बिल को वापस लिए जाने की मांग करती है. अन्यथा कांग्रेस पार्टी किसानों का समर्थन करते हुए सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी.

मथुराः बेरोजगारी, कृषि बिल, कानून-व्यवस्था आदि मुद्दों को लेकर कांग्रेस के कार्यकर्ता और नेताओं ने शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही राज्यपाल के नाम जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने कहा कि वर्तमान सरकार में महिलाएं, गरीब, किसान और व्यापारी सभी परेशान है. हर किसी के साथ अन्याय हो रहा है. जल्द ही सरकार ने किसान बिल को वापस नहीं लिया तो कांग्रेस सड़कों पर उतरकर किसान के हक की लड़ाई लड़ेगी.

कांग्रेस ने मांग की कि किसानों के हित को ध्यान में रखते हुए सरकार को कृषि बिल वापस ले लेना चाहिए. कांग्रेसी नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार ने तानाशाही रवैया अपनाते हुए संसद से कृषक उत्पादक व्यापार एवं वाणिज्य विधेयक 2020 पास कराया है, यह बिल किसान विरोधी बिल है. इससे बड़ी कंपनियों को कृषि उत्पादों के भंडारण की छूट मिल जाएगी. जिससे उद्योगपति किसानों पर अपनी मनमर्जी थोप सकेंगे.

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कहा कि इस कानून को भारतीय खाद एवं कृषि व्यवसाय पर हावी होने की इच्छा रखने वाले बड़े उद्योगपतियों के अनुरूप बनाया गया है. यह किसानों की मोलतोल की शक्ति को कमजोर करेगा. इसके अलावा बड़ी निजी कंपनियां नियोजक को एवं थोक विक्रेताओं और प्रोसेसर को इससे कृषि क्षेत्र में बढ़त मिल सकती है. यह किसान विरोधी काला कानून है. यह बिल किसानों के फायदे के लिए नहीं है. कांग्रेस किसानों की आवाज उठाते हुए इस बिल को वापस लिए जाने की मांग करती है. अन्यथा कांग्रेस पार्टी किसानों का समर्थन करते हुए सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी.

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