मथुराः स्वास्थ्य विभाग मथुरा द्वारा पीएम केयर्स फंड से आए 13 वेंटिलेटर को निजी अस्पताल को दिए जाने का मामला अब गरमाने लगा है. विपक्षी पार्टियों के नेता इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. वरिष्ठ कांग्रेस नेता प्रदीप माथुर ने सरकार और सिस्टम पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे समय में जहां लोग स्वास्थ्य सेवाओं की कमी के चलते तड़प-तड़प कर अपनी जान गंवा रहे थे, तब इस तरह से वेंटीलेटर घोटाला चौंकाने वाला है. उन्होंने इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की. साथ ही उन्होंने स्वास्थ्य संबंधी उपकरण के लिए दिए गए विधायक निधि के पैसों पर भी सवालिया निशान उठाए.
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विधायक निधी पर उठाए सवाल
प्रदीप माथुर ने कहा कि विधायक निधि से जो पैसा मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय को दी गई है, उसका उपयोग कहां किया गया है, यह जांच का विषय है. क्योंकि कोरोना वायरस से बचने के लिए स्वास्थ्य अब प्रथम प्राथमिकता है, शहर वासियों के लिए, प्रदेश वासियों के लिए और देशवासियों के लिए. क्योंकि सब लोगों को अपनी जान बचाने लाले पड़े हुए हैं, तो इसमें किसी भी तरह की लापरवाही है वह बर्दाश्त नहीं होनी चाहिए. ऐसे में अगर कोई घोटाला हुआ है तो उसकी उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए.
क्या है पूरा मामला
दरअसल, विगत दिनों प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा द्वारा और सांसद हेमा मालिनी द्वारा मथुरा की स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की जानकारी के लिए एक वीसी ली गई थी. जिसमें यह खुलासा हुआ कि मथुरा में 96 वेंटिलेटर है जिसमें से 13 वेंटीलेटर जिला अस्पताल मथुरा की बजाय निजी अस्पताल को दे दिए गए हैं. जिस पर ऊर्जा मंत्री द्वारा जांच के आदेश दे दिए गए हैं. वही वेंटीलेटर जिला अस्पताल के बजाय निजी अस्पताल को दिए जाने का मामला गरमाने लगा है. विभिन्न राजनीतिक दल के नेता इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दे रहे हैं.