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मथुरा: भगवान रंगनाथ निकले बैकुंठ द्वार से बाहर, दिया भक्तों को आशीर्वाद - बैकुंठ उत्सव

उत्तर प्रदेश के मथुरा में बड़ी एकादशी के अवसर पर रंगनाथ मंदिर में बैकुंठ उत्सव का आयोजन किया गया. इस दिन भगवान रंगनाथ बैकुंठ द्वार से बाहर निकले और भक्तों को आशीर्वाद दिया. इस अवसर पर श्रद्धालु भारी संख्या में भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचे.

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रंगनाथ मदिर में बैकुंठ उत्सव का किया गया आयोजन.
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Published : Jan 7, 2020, 5:20 PM IST

मथुरा: बैकुंठ एकादशी के अवसर पर उत्तर भारत के विशालतम रंगनाथ मंदिर में आयोजन किया गया. वर्षभर के बड़े उत्सवों में से एक बैकुंठ उत्सव के अवसर पर भगवान रंगनाथ बैकुंठ द्वार से निकलते हैं. हजारों भक्तों ने भगवान रंगनाथ के दर्शन किए और पुण्य लाभ कमाया.

रंगनाथ मदिर में बैकुंठ उत्सव का किया गया आयोजन.
राक्षस मुराद को मारने के लिए प्रकट हुई स्त्री
  • वृंदावन स्थित भारत के विशालतम रंगनाथ मंदिर में बैकुंठ उत्सव का आयोजन किया गया.
  • मान्यता है कि इस दिन भगवान रंगनाथ के पीछे मुराद नाम का राक्षस पड़ गया था.
  • राक्षस से बचने के लिए भगवान रंगनाथ बद्रीनाथ में तपस्या करने गए, लेकिन वहां भी इसने आतंक फैला दिया.
  • राक्षस मुराद का वध करने के लिए भगवान ने अपने तेज से एक स्त्री को प्रकट किया और उससे राक्षस का वध करवाया.
  • भगवान ने स्त्री को आशीर्वाद दिया कि आज के दिन जो भी भक्त व्रत करेगा उसे बैकुंठ की प्राप्ति होगी, तभी से वैकुंठ एकादशी पर्व मनाया जाने लगा.
  • दूसरी मान्यता यह भी है कि भगवान रंगनाथ के अनन्य भक्त शठ कोप स्वामी को इस लोक पर ही रहने देने का आग्रह किया.

इसे भी पढ़ें-मथुराः बिजली की समस्या से निजात दिलाएगी फॉल्ट लोकेटर वैन

मथुरा: बैकुंठ एकादशी के अवसर पर उत्तर भारत के विशालतम रंगनाथ मंदिर में आयोजन किया गया. वर्षभर के बड़े उत्सवों में से एक बैकुंठ उत्सव के अवसर पर भगवान रंगनाथ बैकुंठ द्वार से निकलते हैं. हजारों भक्तों ने भगवान रंगनाथ के दर्शन किए और पुण्य लाभ कमाया.

रंगनाथ मदिर में बैकुंठ उत्सव का किया गया आयोजन.
राक्षस मुराद को मारने के लिए प्रकट हुई स्त्री
  • वृंदावन स्थित भारत के विशालतम रंगनाथ मंदिर में बैकुंठ उत्सव का आयोजन किया गया.
  • मान्यता है कि इस दिन भगवान रंगनाथ के पीछे मुराद नाम का राक्षस पड़ गया था.
  • राक्षस से बचने के लिए भगवान रंगनाथ बद्रीनाथ में तपस्या करने गए, लेकिन वहां भी इसने आतंक फैला दिया.
  • राक्षस मुराद का वध करने के लिए भगवान ने अपने तेज से एक स्त्री को प्रकट किया और उससे राक्षस का वध करवाया.
  • भगवान ने स्त्री को आशीर्वाद दिया कि आज के दिन जो भी भक्त व्रत करेगा उसे बैकुंठ की प्राप्ति होगी, तभी से वैकुंठ एकादशी पर्व मनाया जाने लगा.
  • दूसरी मान्यता यह भी है कि भगवान रंगनाथ के अनन्य भक्त शठ कोप स्वामी को इस लोक पर ही रहने देने का आग्रह किया.

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Intro:वर्ष भर की बड़ी एकादशी में से वैकुंठ एकादशी के अवसर पर उत्तर भारत के विशालतम रंगनाथ मंदिर मैं बैकुंठ उत्सव का आयोजन किया गया .वर्ष भर के बड़े उत्सवों में से एक बैकुंठ उत्सव के अवसर पर भगवान रंगनाथ वैकुंठ द्वार से निकले .हजारों भक्तों ने भगवान रंगनाथ के दर्शन किए और पुण्य लाभ कमाया.


Body:वृंदावन स्थित भारत के विशालतम रंगनाथ मंदिर में बैगन उत्सव का आयोजन किया गया.
मान्यता है कि इस दिन भगवान के पीछे मुरान नाम का राक्षस पड़ गया इससे बचने के लिए जब भगवान बद्रीनाथ में तपस्या करने पहुंच गए तब वहां भी इसमें आतंक फैलाया जिसके फल स्वरुप भगवान ने अपने तेज से एक स्त्री को प्रकट किया और उससे मुरान का वध कराया जिसके बाद भगवान ने उसको आशीर्वाद दिया कि आज के दिन जो भी भक्त व्रत करेगा उसे बैकुंठ की प्राप्ति होगी तभी से वैकुंठ एकादशी पर्व मनाया जाने लगा वहीं दूसरी मान्यता यह भी है कि भगवान रंगनाथ के अनन्य भक्त शठ कोप स्वामी को इस लोक पर ही रहने देने का आग्रह किया जिसके बाद से व्याकुल उत्सव मनाया जाने लगा.


Conclusion:वर्ष भर की बड़ी एकादशी मैं से वैकुंठ एकादशी के अवसर पर उत्तर भारत के विशालतम रंगनाथ मंदिर में बैकुंठ उत्सव का आयोजन किया गया .वर्षवन के बड़े उत्सवों में से एक बैकुंठ उत्सव के अवसर पर भगवान रघुनाथ बैकुंठ द्वार से निकले. इस दौरान हजारों भक्तों ने भगवान रंगनाथ के दर्शन कर पुण्य लाभ कमाया और अपने आप को धन्य किया. इस अवसर पर श्रद्धालु देसी नहीं बाहर से भी भारी संख्या में भगवान के दर्शन करने के लिए पहुंचे थे.
बाइट- रघुवीर स्वामी मंदिर सेवायत
बाइट- शंभू व्यास श्रद्धालु
स्ट्रिंगर मथुरा
राहुल खरे
mb-9897000608
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