मैनपुरी: शहर में लगने वाला मोहल्ला बड़ी नगरिया यहां के अधिकांश बाशिंदे वाल्मिकि समाज से ताल्लुख रखते हैं. पीढ़ी दर पीढ़ी ये लोग शहर की गंदगी साफ करते हैं. इससे उन्हें दिहाड़ी मिलती है और ये अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं, लेकिन इनकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. आलम यह है की बस्ती में गंदगी का अंबार है. अन्य बस्तियों से आने वाला पानी एक जगह इकट्ठा हो जाता है, लेकिन प्रशासन इनकी समस्या की सुध नहीं ले रहा.
मैनपुरी शहर के मोहल्ला बड़ी नगरिया आबादी में रहने वाले बाशिंदे शहर की गंदगी साफ करते हैं. जिससे उन्हें मजदूरी मिलती है और वे परिवार का पालन पोषण करते हैं. आलम यह है कि पीढ़ी दर पीढ़ी घर में एक या एक से अधिक लोग शहर में मैला धो रहे हैं, लेकिन आज भी इनके जीवन शैली में कोई बदलाव नहीं आया है.
जहां पर इनकी बस्तियां हैं. वहां कोई भी विकास देखने को नहीं मिल रहा. बच्चों का भविष्य अंधकार में है. सड़क निकालने के लिए रास्ता नहीं है. गंदगी का अंबार चारों तरफ लगा हुआ है. बारिश का जब भी मौसम आता है. गंदगी दस्तक देने लगी है.
ग्रामीण राधेश्याम बताते हैं कि रास्ता तक नहीं है. पानी निकलने के लिए नालियां ठीक नहीं है. नाला न होने से बच्चे तालाब में डूब जाते हैं. जिससे हादसा होने का खतरा बढ़ा रहता है.
ग्रामीण मालती का कहना है कि बदबू की वजह से घर से बाहर खड़े होने में दिक्कत होती है. जिसकी शिकायत कई बार अधिकारियों से की गई, लेकिन अब तक उनकी तरफ से सिर्फ आश्वासन ही मिल रहा है.
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