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बदहाली के आंसू बहाता 'समान पक्षी विहार', ये हैं समस्याएं

मैनपुरी में सैलानियों को लुभाने के लिए तैयार सारस सर्किट की हालत खस्ता है. यहां स्थित तालाब सूखा पड़ा हुआ है. इससे पक्षियों की तादाद में काफी कमी देखी जा रही है. प्रशासन और किसानों में समन्वय न होने के कारण इस पक्षी विहार की स्थिति लगातार बद से बदतर होती जा रही है.

समान पक्षी विहार.
समान पक्षी विहार.
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Published : Jun 5, 2021, 4:30 PM IST

Updated : Jun 5, 2021, 5:28 PM IST

मैनपुरी: सैलानियों को लुभाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी की ओर से तैयार सारस सर्किट आज बदहाली की कगार पर है. बड़ी संख्या में समाप्त हो चुके वेटलैंड्स को खुदाई कर यह सर्किट तैयार किया गया था. इस सारस सर्किट का नया रूट मैप भी तैयार किया गया है. अगर देश की बात करें तो सबसे ज्यादा सारस यहां पाए जाते हैं और इनकी संख्या पिछले सितंबर में 2,866 थी. वहीं 2020 में समान पक्षी विहार को विश्व के मानचित्र पर भी दर्शाया गया है.

जानकारी देते ग्रामीण.

समान पक्षी विहार 526 हेक्टेयर में फैला हुआ है. 2020 में विश्व के मानचित्र पर समान पक्षी विहार को दर्शाया गया है. साथ ही सितंबर 2020 में जो सारस पक्षियों की गणना की गई. वह देश में सर्वाधिक मिली है लेकिन इतना बड़े विस्तार में फैला यह तालाब बदहाली की कगार पर है. प्रशासन स्तर पर इसमें कुछ सुधार नहीं किया जा रहा है और न ही कोई इसकी सुध ले रहा है.

नहीं है कोई सुध लेने वाला
हालात यह है कि तालाब सूखा पड़ा हुआ है. दूर-दूर तक आपको पानी देखने को नहीं मिलेगा. यहां पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. सवाल उठता है कि जब तालाब में पानी ही नहीं होगा तो पक्षी कहां से आएंगे. इन्हीं सब मुद्दों पर ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से कोई देखरेख नहीं हो रही है.

पक्षी विहार.
पक्षी विहार.

ग्रामीणों को नहीं मिला मुआवजा
ग्रामीणों ने बताया कि जब पक्षी विहार का निर्माण हुआ था. उस दौरान कुछ ग्राम सभा की जमीन थी. उसे भी इसमें शामिल कर लिया गया. अगर मुआवजे की बात किया जाए तो वह न के बराबर था. इस वजह से उन्होंने न्यायालय की शरण ली. जिसका मामला विचाराधीन है. प्रशासन और किसानों में समन्वय न होने के कारण इस पक्षी विहार की स्थिति लगातार बद से बदतर होती गई. तालाब में पानी नहीं है तो पक्षी(सारस) कहां से आएंगे. यह पार्क सिर्फ नाम का ही बना हुआ है.

मैनपुरी में सारसों की सर्वाधिक आबादी
देश में सारसों की सर्वाधिक संख्या मैनपुरी में है. विशेषकर किशनी और करहल क्षेत्र में संख्या अधिक है. क्योंकि यहां वेटलैंडस सबसे अधिक है. करीब 526 हेक्टेयर में फैले समान पक्षी विहार में सारसों के साथ ही विदेशी परिंदे भी सर्दियों में यहां प्रवास करने आते हैं.

इसे भी पढे़ं- 300 मीटर से बड़े एरिया वाले घरों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य : मंत्री महेंद्र सिंह

मैनपुरी: सैलानियों को लुभाने के लिए मुख्य विकास अधिकारी की ओर से तैयार सारस सर्किट आज बदहाली की कगार पर है. बड़ी संख्या में समाप्त हो चुके वेटलैंड्स को खुदाई कर यह सर्किट तैयार किया गया था. इस सारस सर्किट का नया रूट मैप भी तैयार किया गया है. अगर देश की बात करें तो सबसे ज्यादा सारस यहां पाए जाते हैं और इनकी संख्या पिछले सितंबर में 2,866 थी. वहीं 2020 में समान पक्षी विहार को विश्व के मानचित्र पर भी दर्शाया गया है.

जानकारी देते ग्रामीण.

समान पक्षी विहार 526 हेक्टेयर में फैला हुआ है. 2020 में विश्व के मानचित्र पर समान पक्षी विहार को दर्शाया गया है. साथ ही सितंबर 2020 में जो सारस पक्षियों की गणना की गई. वह देश में सर्वाधिक मिली है लेकिन इतना बड़े विस्तार में फैला यह तालाब बदहाली की कगार पर है. प्रशासन स्तर पर इसमें कुछ सुधार नहीं किया जा रहा है और न ही कोई इसकी सुध ले रहा है.

नहीं है कोई सुध लेने वाला
हालात यह है कि तालाब सूखा पड़ा हुआ है. दूर-दूर तक आपको पानी देखने को नहीं मिलेगा. यहां पानी की कोई समुचित व्यवस्था नहीं की गई है. सवाल उठता है कि जब तालाब में पानी ही नहीं होगा तो पक्षी कहां से आएंगे. इन्हीं सब मुद्दों पर ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन की तरफ से कोई देखरेख नहीं हो रही है.

पक्षी विहार.
पक्षी विहार.

ग्रामीणों को नहीं मिला मुआवजा
ग्रामीणों ने बताया कि जब पक्षी विहार का निर्माण हुआ था. उस दौरान कुछ ग्राम सभा की जमीन थी. उसे भी इसमें शामिल कर लिया गया. अगर मुआवजे की बात किया जाए तो वह न के बराबर था. इस वजह से उन्होंने न्यायालय की शरण ली. जिसका मामला विचाराधीन है. प्रशासन और किसानों में समन्वय न होने के कारण इस पक्षी विहार की स्थिति लगातार बद से बदतर होती गई. तालाब में पानी नहीं है तो पक्षी(सारस) कहां से आएंगे. यह पार्क सिर्फ नाम का ही बना हुआ है.

मैनपुरी में सारसों की सर्वाधिक आबादी
देश में सारसों की सर्वाधिक संख्या मैनपुरी में है. विशेषकर किशनी और करहल क्षेत्र में संख्या अधिक है. क्योंकि यहां वेटलैंडस सबसे अधिक है. करीब 526 हेक्टेयर में फैले समान पक्षी विहार में सारसों के साथ ही विदेशी परिंदे भी सर्दियों में यहां प्रवास करने आते हैं.

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Last Updated : Jun 5, 2021, 5:28 PM IST
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