मैनपुरी: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जनपद से एक महिला की ऐसी कहानी सामने आई है, जो हर किसी के लिए प्रेरणादायक है. यहां की एक महिला ने अपने पति के प्राणों को यमराज से वापस लाने वाली सावित्री की कहानी को सच कर दिया. बेवर की रहने वाली प्रज्ञा सेंगर ने अपने पति पुष्पेंद्र की जान बचाने के लिए 60 प्रतिशत लीवर डोनेट कर दिया और पति को बचा लिया. बता दें कि प्रज्ञा सेंगर और पुष्पेंद्र ने 22 साल पहले प्रेमविवाह किया था.
फर्रुखाबाद के मोहम्मदाबाद थाना क्षेत्र के ग्राम माडर की रहने वाली प्रज्ञा सेंगर ने साल 2000 में बेवर के बस स्टैंड निवासी पुष्पेंद्र सिंह सेंगर से प्रेम विवाह किया था. पहले पुष्पेंद्र रोडवेज में परिचालक थे. बाद में वह शिक्षा विभाग में नौकरी पाकर शिक्षक बन गए. इस समय उसकी तैनाती शाहजहांपुर जनपद में है. उनका एक 18 साल का बेटा भी है. पांच वर्ष पहले प्रज्ञा के पति को पेट में दर्द हुआ था, जिसके बाद वह पति के इलाज के लिए एक शहर से दूसरे शहर डाॅक्टरों के चक्कर काटती रहीं.
प्रज्ञा सेंगर ने बताया कि पति को पेटदर्द की शिकायत के बाद सबसे पहले फतेहगढ़ में डाॅक्टर को दिखाया था. यहां जांच में पता चला कि पुष्पेंद्र का लीवर 75 फीसदी खराब हो चुका है और 25 फीसदी ही ठीक बचा है. इसके बाद प्रज्ञा अपने पति का इलाज कराने के लिए आगरा गईं, जहां कुछ दिन इलाज के बाद डॉक्टरों ने दिल्ली में उपचार कराने की सलाह दी. लेकिन, दिल्ली जाने पर वहां के डॉक्टरों ने भी कुछ दिन इलाज करने के बाद हाथ खड़े कर दिए.
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इसके बाद भी प्रज्ञा ने हार नहीं मानी और अपने पति को बचाने के लिए दिल्ली के एक प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया. वहां के डॉक्टरों ने कहा कि अगर लीवर डोनेट किया जाए तो पुष्पेंद्र की जान बचाई जा सकती है. यह बात सुनकर प्रज्ञा ने पति की जान बचाने के लिए अपना 60 फीसदी लीवर डोनेट कर दिया. अब प्रज्ञा 40 प्रतिशत लिवर के सहारे अपनी जिंदगी गुजारेंगी. लेकिन, उन्हें पति की जान बचाने की बेहद खुशी है. प्रज्ञा के पति पुष्पेंद्र अभी दिल्ली के अस्पताल में आईसीयू में हैं. डाॅक्टर्स का कहना है कि 10 से 15 दिनों में वह ठीक हो जाएंगे.
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