मैनपुरी: जिले के थाना एलाऊ क्षेत्र के गांव एलाऊ के डाकखाने में बीपीएम पद पर तैनात हिमांशु जो कि अरम सराय बेवर का निवासी है, 2014 में डाकखाने में नियुक्ति के बाद ग्रामीणों को विश्वास में लिया. फिर घर-घर जाकर फिक्स डिपॉजिट महीने दारी के नाम पर रुपया जमा कराता रहा. अब 2 करोड़ की ठगी करने के बाद वह फरार हो गया है.
ग्रामीणों को फर्जीवाड़े की खबर तब लगी, जब 15 अक्टूबर से बीपीएम गायब हो गया. ग्रामीणों ने जब डाकखाने में जाकर पासबुक में एंट्री करवाई तो अधिकतर लोगों के रुपये की एंट्री नहीं निकली, जिससे ग्रामीणों के होश उड़ गए. सबसे ज्यादा फर्जी खाते 2016 में नोटबंदी के दौरान खोले गए. फरार बीपीएम अधिकतर पंच वर्षीय योजना के खाते खोलता था. कभी कोई खाता धारक रुपये मांगता तो अपने पास से रुपये दे देता था.
एक अनुमान के मुताबिक उसने दो हजार खाते खोले हैं, जिसमें दो करोड़ रुपये की फर्जीवाड़ा करके नटवरलाल फरार हो गया. वहीं सोमवार को कलेक्ट्रेट परिसर में ग्रामीण पहुंचकर डाक अधीक्षक विनय द्विवेदी से मिले. डाक अधीक्षक ने कहा जिन खाताधारकों की पासबुक में एंट्री है, उनको समय आने पर रुपया वापस किया जाएगा.
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पीड़िता सुनीता ने कहा कि उनकी बूढ़ी मां ने एक लाख रुपये जमा कराये. पहले यह लगा किसी ने उसको मार दिया है, लेकिन गांव से जानकारी मिली कि वह भाग गया. वहीं पीड़िता अनीता ने कहा बीपीएम पर कार्रवाई हो, जिससे मुझे मेरा रुपया मिले. मीटिंग का बहाना करके मेरी पासबुक ले गया.
पीड़ित गुड्डू ने बताया कि मैंने 50 हजार रुपये एक वर्ष के लिए फिक्स किये थे, जिसका समय 16 अक्टूबर को पूरा हो गया. जब मैं रुपये निकालने के लिए डाकखाने पहुंचा तो वह गायब था. वहीं डाक अधीक्षक अपने कर्मचारी के पक्ष में खड़े नजर आए. उन्होंने कहा कि बीपीएम 15 अक्टूबर से चला गया है. मामले की जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.