मैनपुरी: जिले में जवाहर नवोदय विद्यालय की एक छात्रा की मौत पुलिस के लिए अब तक अनसुलझी पहेली बनी हुई है. लगभग तीन माह के बाद भी जांच पूरी नहीं हो सकी है. परिजनों ने सीएम योगी से न्याय की गुहार लगाई. सीएम के सख्त रुख को देखते हुए एसआईटी टीम गठित कर दी गई. टीम ने अब तक सिर्फ ब्लड सैंपल लेने का काम किया है. छात्रा के परिजन न्याय के इंतजार में हैं.
उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जवाहर नवोदय विद्यालय की छात्रा की मौत के मामले में पुलिस अधीक्षक के बाद सोमवार को वहां के जिलाधिकारी का भी तबादला कर दिया गया था. मामले में चार के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस की कार्रवाई से पीड़ित संतुष्ट नहीं हैं. परिजन लगातार मैनपुरी पुलिस पर आरोप लगा रहे हैं.
एसआईटी का गठन
मामले को तूल पकड़ता देख तीन सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया. घटना के तीन महीने बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी कोई सुराग नहीं मिला है. एसआईटी ने लगभग दो दर्जन से अधिक विद्यालय के लोगों और छात्रा के परिजनों के डीएनए सैंपल लिए हैं. साथ ही पॉलीग्राफी टेस्ट करवाया है.
लिया जा रहा लोगों का ब्लड सैंपल
रविवार को भी 17 लोगों को डीएनए सैंपल लिए गए. इसमें कुछ विद्यालय स्टॉफ, रिश्तेदार और छात्र मौजूद हैं. पुलिस को अंदेशा है कि विद्यालय के छात्रों, स्टाफ या किसी रिश्तेदार ने घटना को अंजाम दिया है.
पुलिस ने रविवार को छात्रा के रिश्तेदार विजय मोहन मिश्रा (छात्रा के पंचनामा में गवाह) और उनके भतीजे का डीएनए सैंपल लिया है. ईटीवी से बातचीत करते हुए उन्होंने बताया कि इतना समय बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक किसी नतीजे पर नहीं पहुंची है. सिर्फ डीएनए और पॉलीग्राफी करवा रही है.
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एसआईटी ने जांच का दायरा बढ़ाया है. पुलिस को शक है कि छात्रा के किसी रिश्तेदार ने ही घटना को अंजाम दिया गया है. विद्यालय में किसी भी व्यक्ति को प्रवेश करने की इजाजत नहीं है. ऐसे में यह एक बड़ा प्रश्न खड़ा होता है कि बाहरी व्यक्ति छात्रावास तक पहुंचा कैसे और यदि ऐसा हुआ तो विद्यालय प्रशासन क्या कर रहा था.