मैनपुरी: जिले के कस्बा कुरावली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की संवेदनहीनता के चलते सड़क पर ही बच्चे को जन्म देना पड़ा. परिजनों ने सीएचसी की नर्स पर छह हजार रुपये सुविधा शुल्क नहीं देने पर गर्भवती को अस्पताल से बाहर निकालने का आरोप लगाया है. डेढ़ घंटे देरी से पहुंची एंबुलेंस से जच्चा और बच्चा को अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
मामला जिले के कस्बा कुरावली के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां पर दौली खेरिया निवासी सलमा बंजारा जोकि गर्भवती थी. प्रसव पीड़ा होने के चलते परिजनों ने उसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया. उसके बाद महिला की खून की जांच कराई गई. ड्यूटी पर तैनात नर्स ने खून की कमी की बात कहते हुए प्रसव कराने के लिए मना करते हुए दूसरे अस्पताव में रेफर कर दिया. महिला के ससुर ने प्रसव कराने के लिए मिन्नतें की तो नर्स ने प्रसव के लिए छह हजार रुपये सुविधा शुल्क मांगा. गरीबी का हवाला देते हुए सुविधा शुल्क कम करने के लिए कहा गया तो नर्स ने अपने कर्मचारियों की मदद से गर्भवती महिला को बाहर निकाल दिया. इस दौरान परिजन परिसर में इधर-उधर भटकते रहे.
शाम को ससुर प्रसूता को बाइक पर बैठाकर वापस किसी प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराने के लिए चल दिए. जब वह श्रीराम फाइनेंस कंपनी के ऑफिस के सामने पहुंची तो अत्याधिक प्रसव पीड़ा होने के चलते ससुर ने बाइक रोक दी और महिला सड़क पर लेटकर चिल्लाने लगी. तब तक साथ आई महिलाएं भी पहुंच गईं. इसके बाद सड़क पर तड़प रही महिला ने एक बच्चे को जन्म दिया. वहां एकत्रित हुई भीड़ ने फोन करके एंबुलेंस को बुलाया गया. एंबुलेंस डेढ़ घंटे लेट आई. तब जच्चा और बच्चा दोनों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया.
इस बारे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी अशोक कुमार पांडे से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जांच कराई जा रही है. जांच में जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी.