मैनपुरीः जिले में गुरुवार को सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव भागवत कथा में भाग लेने पहुंचे. इस मौके पर उन्होंने बीजेपी पर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि समाजवाद को नीचा दिखाने के लिए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने इंग्लैंड की पूर्व पीएम मार्गेट थ्रेचर के भाषण का हिंदी अनुवाद पढ़ा है. यह संविधान का अपमान है. कहा कि मुख्यमंत्री विधानसभा में संविधान को क्यों अपमानित कर रहे थे.
अखिलेश यादव बोले, मंदिरों में रामचरित मानस के पाठ के लिए योगी सरकार की ओर से एक लाख रुपए दिए जा रहे हैं. वह बोले कि कम से कम दस करोड़ रुपए दिए जाने चाहिए. उन्होंने कहा कि यह विपक्ष की लोकतंत्र में जिम्मेदारी है कि वह सरकार से सवाल करे. अखिलेश यादव ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी की सरकार में 100 माफियाओं की सूची कभी नहीं आएगी. 10 माफियाओं की सूची कभी नहीं आएगी इसलिए नहीं आएगी क्योंकि जब भी सूची जारी होगी उसमें भारतीय जनता पार्टी के लोग सबसे ज्यादा होंगे. कहा कि विधानसभा में पूछा कि टॉप 10 माफियाओं की सूची दे दो, टॉप 100 की सूची दे दो, आखिर सूची क्यों नहीं दी गई.
स्वामी प्रसाद मौर्य के हालिया बयान को लेकर उन्होंने कहा कि उन्होंने क्या कहा है अभी इसकी जानकारी नहीं है. पहले इसकी जानकारी करूंगा, फिर कुछ कहूंगा. स्वामी प्रसाद मौर्य के रामचरित मानस वाले बयान को लेकर उन्होंने कहा कि बहस लंबी है. मैंने कई बार कहा और विधानसभा में भी कहा कि 5000 साल से ज्यादा की लंबी लड़ाई है लेकिन यह लड़ाई अब हम लोग जीतने के करीब पहुंच गए हैं. बीजेपी को परेशानी है इसलिए मुख्यमंत्रीजी एक शूद्र को अपने बगल में रखते हैं और उसे बुलाते हैं. आप लोग पूछिए कि वह शूद्र हैं कि नहीं. उन्होंने यह भी कहा कि मैनपुरी मॉडल को लेकर बीजेपी घबराई हुई है. सवाल किए जा रहे हैं कि आखिर यह मैनपुरी मॉडल है क्या.
वहीं, मंदिरों में रामचरित मानस के पाठ को लेकर उन्होंने कहा कि डीएम से पूछा जाएगा कि आयोजन कहां होगा. हम लोग भी आएंगे प्रसाद लेने. जनता का पैसा है, यह हमारा कार्यक्रम है. वहीं, महागठबंधन को लेकर उन्होंने कहा कि आगे की रणनीति क्या बनेगी इस पर वरिष्ठ नेता जो राय रखेंगे, उसी दिशा में चलेंगे. 2024 का चुनाव महत्वपूर्ण है. उन्होंने प्रदेश की बेरोजगारी पर भी निशाना साधते हुए कहा कि बीजेपी कहती है कि 100 में सिर्फ चार लोग बेरोजगार हैं. क्या यह सच है?