वाराणसी: प्रयागराज महाकुंभ में भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है. लगातार भारी भीड़ के बीच ट्रैफिक समस्या एक विकराल रूप ले चुकी है. वाराणसी से प्रयागराज जाने वाला रास्ता हो या फिर पूर्वांचल के अलग-अलग हिस्सों को प्रयागराज से कनेक्ट करने वाली रिंग रोड, हर तरफ जाम परेशानी बना है. लोग घंटों जाम में फंसे हुए हैं. ऐसे में धर्म नगरी वाराणसी में भी स्थितियां खराब हैं. यहां पर भी जो बाहर से आने वाले वाहन हैं, वह घंटों जाम में फंसे रह रहे हैं. बनारस से एयरपोर्ट और स्टेशन जाने वाले वाहनों को भी घंटों जाम में फंसे रहना पड़ रहा है, जिसकी वजह से लोगों की गाड़ियां और फ्लाइट भी छूट जा रही है. वाराणसी में जाम की कंडीशन के साथ हाईवे और रेलवे स्टेशनों पर क्या हालात हैं, इसका जायजा ईटीवी भारत ने लिया. लोगों से उनकी समस्याओं को जाना और यह पता करने की कोशिश की कि वे कितनी देर से जाम में फंसे हैं, या कब से स्टेशनों पर ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं?
तीन दिन पहले प्रयागराज के लिए निकले, अब तक रास्ते में फंसे: बलरामपुर के चंद्रशेखर अपने परिवार के 15 लोगों के साथ तीन दिन पहले प्रयागराज जाने के लिए निकले थे, लेकिन अब तक वह प्रयागराज नहीं पहुंच सके हैं. सोमवार को भी वह वाराणसी के रेलवे स्टेशन पर अपने परिवार के सभी सदस्यों के साथ ट्रेन मिलने का इंतजार करते मिले. सभी प्लेटफार्म नंबर एक पर सुबह 7:00 बजे से ही बैठे हैं. उनका कहना था कि हमें उम्मीद है कि हम आज प्रयागराज पहुंच जाएंगे. वहीं कोलकाता से आने वाले मधुसूदन दास का कहना है कि वह अपने परिवार के साथ प्रयागराज जाने के लिए निकले हैं. दो दिन हो गए हैं, लेकिन अब तक प्रयागराज नहीं पहुंचे हैं. उम्मीद है कि आज वह प्रयागराज पहुंच जाएंगे. महाराष्ट्र के शिवाजी नगर से अपने परिवार के 6 सदस्यों के साथ प्रयागराज से लौट रहे सुशील गायकवाड 11 घंटे से ज्यादा ट्रेन लेट होने की वजह से वाराणसी रेलवे स्टेशन पर ही फंसे हुए हैं. उनका कहना है कि हम कब घर पहुंचेंगे, पता नहीं. क्योंकि हमारी ट्रेन ही अब तक नहीं आई है.
हाईवे पर फंसे वाहन: महाकुंभ में भीड़ और उसका पलट प्रवाह वाराणसी में भी जबरदस्त देखने को मिल रहा है. वाराणसी के अलावा पूर्वांचल के अलग-अलग हिस्सों से आने वाली गाड़ियां भी हाईवे पर फांसी हुई दिखाई दे रही हैं. वाराणसी के चंदौली और मुगलसराय से होते हुए बिहार झारखंड पश्चिम बंगाल की गाड़ियां भी यूपी में एंट्री लेती हैं. जिसकी वजह से इस हाईवे पर भारी दबाव है. टोल प्लाजा से लेकर प्रयागराज वाले रास्ते पर गाड़ियों की लंबी कतारें लगी हुई हैं. वाराणसी में आने वाले एंट्री प्वाइंट्स पर जो भी प्रयागराज से शहर की तरफ आते हैं, हर तरफ जाम का जाम देखने को मिल रहा है.
![वाराणसी जंक्शन पर भीड़.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/10-02-2025/up-var-3-ground-report-7200982_10022025132556_1002f_1739174156_338.jpg)
कोई 2 तो कई 4 घंटे से फंसा: ईटीवी भारत ने जब ग्राउंड पर उतरकर इन चीजों की हकीकत जानी तो लोगों ने अपने दर्द को बयां किया. गाड़ियों में फंसे ड्राइवर और लोगों का कहना था कि कोई 2 घंटे से तो कोई 4 घंटे से गाड़ियों में फंसा है. किसी को एयरपोर्ट फ्लाइट पकड़ने जाना था, तो किसी को अपने घर ही लौटना था, लेकिन सभी जाम में फंसे हुए हैं. सबसे बुरे हालात तो कैंट रेलवे स्टेशन और बस अड्डे के दिखाई दिए, जहां लोग 2 से 3 दिनों से अपनी गाड़ियों के इंतजार में इधर-उधर भटक रहे हैं. गाड़ियां हैं, लेकिन भीड़ इतनी ज्यादा है कि लोगों को जगह ही नहीं मिल रही है. सड़कों पर जाम के साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट की भी हालत बुरी है.
चार पहिया वाहनों की शहर में नो इंट्री: वहीं प्रयागराज से वाराणसी में आ रही भीड़ को देखते हुए चार पहिया वाहनों, बसों को शहर में प्रवेश करने से 12 फरवरी तक रोक दिया गया है. यह प्रतिबंध दोबारा लागू किया गया है, इसके पहले 24 जनवरी से 5 फरवरी तक यह रोक लागू की गई थी, लेकिन भीड़ कम होने के बाद इसे नॉर्मल कर दिया गया था. अचानक से भीड़ बढ़ने की वजह से 9 फरवरी की रात से वाराणसी में 12 फरवरी तक के लिए सभी तरह के बाहरी वाहनों के साथ बड़े वाहनों के प्रवेश पर पूर्णतया रोक लगा दी गई है.
महाकुंभ की भीड़ का असर: इस बारे में एडीसीपी ट्रैफिक राजेश पांडेय का कहना है कि महाकुंभ के पलट प्रवाह का बड़ा असर वाराणसी और इससे सटे पूर्वांचल के तमाम इलाकों में है. इसलिए वाराणसी में प्रयागराज से आने वाली बाहर के नंबर की गाड़ियों और बड़ी गाड़ियों पर रोक लगाई गई है. इसकी बड़ी वजह यह भी है कि 12 तारीख को रविदास जयंती का पर्व भी वाराणसी में मनाया जाना है. जिसके लिए पंजाब और हरियाणा समेत अन्य हिस्सों से भी बड़ी संख्या में लोगों का आना हो रहा है. डबल भीड़ को देखते हुए शहर में रूट वर ट्रैफिक प्लान तैयार किया गया है. बसों को शहर के बाहर पार्किंग में ही रोका जा रहा है, जबकि आजमगढ़, जौनपुर और गाजीपुर की रोडवेज और निजी बस से हरहुआ बस पार्किंग रिंग रोड के पास ही लगवा दी जा रही है.
फिलहाल ये है व्यवस्था: इसके अलावा यात्रियों को सिटी बसों से छोटा कटिंग मेमोरियल ग्राउंड तक लाया जा रहा है. सोनभद्र, प्रयागराज, मिर्जापुर से आने वाले रोडवेज और निजी बसों को मोहनसराय ट्रांसपोर्ट नगर के पास ही रोक दिया जा रहा है. शहर में एंट्री नहीं दी जा रही है. दूसरे जिलों से आने वाले वाहनों को बैरिकेडिंग के जरिए शहर से बाहर ही पार्किंग में रोका जा रहा है. सोनभद्र, मिर्जापुर और प्रयागराज से आने वाले वाहन रोहनिया जगतपुर इंटर कॉलेज और उसके आसपास खाली मैदानों में पार्क करवाया जा रहे हैं. इसके अतिरिक्त चंदौली आजमगढ़ जौनपुर और गाजीपुर से आने वाले वाहनों को चौकाघाट के आसपास लकड़ी मंडी इलाके में रखवाया जा रहा है. यह प्रतिबंध काशी क्षेत्र में रात 11:00 से सुबह 7:00 बजे तक प्रभावित नहीं रहेगा. जो भी माल वाहक या लोडर वहां हैं, सिर्फ उनको ही शहर में प्रवेश दिया जाएगा. ताकि खाने-पीने दवाइयां अन्य सामग्री की दिक्कत ना हो.
बनारस में 14 फरवरी तक के लिए कक्षा 8 तक के सभी स्कूल बंद: महाकुंभ में लगातार उमड़ रही भीड़ की वजह से स्कूल-कॉलेजों को ऑनलाइन क्लॉस चलाने के आदेश जारी किए जा रहे हैं. बीते दिनों यह आदेश जारी किया गया था और 9 तारीख तक के लिए स्कूलों को बंद किया गया था, लेकिन अब जिलाधिकारी वाराणसी के आदेश के बाद भीड़ को देखते हुए 14 फरवरी तक के लिए सभी शहरी क्षेत्र के कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल बंद कर दिए गए हैं. जिलाधिकारी एस राज लिंगम के निर्देश पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डॉक्टर अरविंद कुमार पाठक की तरफ से आदेश जारी किया गया है. जिसमें 14 फरवरी तक सभी स्कूलों को एक से कक्षा 8 तक के क्लासेस को ऑनलाइन मोड में चलने का निर्देश दिया गया है. डीएम के जारी किए गए आदेश में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि शहर में महाकुंभ के बाद बाबा विश्वनाथ का दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. शहर में मां की पूर्णिमा के स्नान के लिए भी श्रद्धालु अभी से पहुंचने लगे हैं, ऐसे में शहरी क्षेत्र के सभी विद्यालय जो 10 तारीख को खोले गए थे. उन्हें दोबारा 14 फरवरी तक के लिए पूर्व कितना संचालित करने का आदेश दिया गया है. सभी विद्यालय ऑनलाइन मोड पर कक्षा 8 तक की क्लासेस को संचालित करेंगे. आदेश में यह भी बताया गया है कि सभी स्कूलों में प्रशासनिक कार्य पूर्ण की भांति ही होते रहेंगे.