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महोबाः नसबंदी कराने पहुंची महिला की मौत, गलत इंजेक्शन का लगा आरोप

यूपी के महोबा जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है. यहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आशा बहू के साथ नसबंदी कराने पहुंची महिला की डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन लगाने के बाद हालत गंभीर हो गई, जिसके बाद आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. वहीं जिला अस्पताल के चिकित्सकों ने महिला को देखते ही मृत घोषित कर दिया.

नसबंदी के दौरान महिला की मौत
नसबंदी के दौरान महिला की मौत
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Published : Sep 12, 2020, 5:46 PM IST

महोबाः जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है, जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आशा बहू के साथ नसबंदी कराने पहुंची महिला की डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन लगाने के बाद हालत बेहद खराब हो गई. महिला को आनन-फानन में जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया. युवती के असामयिक मौत की खबर सुनकर पहुंचे परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा.

मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चरखारी का है, जहां खरेला थानाक्षेत्र के बारी गांव के किशन की पत्नी नीलम आशा बहु रेखा कुमारी के साथ नसबंदी कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चरखारी पहुंची थी. सर्जन डॉ. डी के सुल्लेरे नसबन्दी ऑपरेशन कर रहे थे. डॉ. ने अन्य महिलाओं के साथ ही नीलम को भी इंजेक्शन लगाया, लेकिन इंजेक्शन लगने के बाद ही नीलम की हालत खराब होने लगी, जिसके बाद आनन-फानन में महिला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.

जिला अस्पताल में डॉक्टर ने नीलम को देखते ही मृत घोषित कर दिया. युवती के असामयिक निधन से परिजनों में कोहराम मच गया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया और आगे की कार्रवाई में जुटी है.

मृतका के पति किशन ने बताया कि गांव की आशा पत्नी को नसबंदी के लिए चरखारी के सामुदायिक केंद्र लाई थी. वह काम से बाहर गया था जब जानकारी मिली तो वह भी अस्पताल पहुंचा और देखा तो पत्नी मृत पड़ी थी. पति ने आरोप लगाते हुए कहा कि पत्नी को डॉक्टर के द्वारा गलत इंजेक्शन दिया गया है. साथ ही उसे बिना बताए ही पत्नी को महोबा भेज दिया गया.

सीएससी में तैनात डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि बारी गांव की रहने वाली नीलम नाम की महिला नसबंदी के लिए आई थी, जिसकी बीपी, पल्स सब ठीक थी. खून की जांच के बाद उसको इंजेक्शन दिया गया. इंजेक्शन देने के बाद ही उसकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे ऑक्सीजन भी लगाई गई. वहीं हालत में सुधार न होने पर महिला को महोबा रेफर कर दिया गया.

महिला की मौत के मामले में जानकारी देते हुए सीएमओ मनोज कांत सिन्हा ने बताया कि नसबंदी में सर्जिकल खतरे सभी पर लागू होते हैं. कभी-कभी किसी को एनेसियल में दिक्कत हो गई या ऑपरेशन में दिक्कत हो जाती है. कभी-कभी पेशेंट अंदर से कमजोर होता है, जो समस्या किसी को नहीं पता होती है. हमने वहां के प्रभारी से बात की है. सारे प्रोसेस भी हमने देखे हैं, फिलहाल यह घटना तो बदकिस्मती से हुई है.

महोबाः जिले में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही का बड़ा मामला सामने आया है, जहां सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में आशा बहू के साथ नसबंदी कराने पहुंची महिला की डॉक्टर द्वारा इंजेक्शन लगाने के बाद हालत बेहद खराब हो गई. महिला को आनन-फानन में जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे देखते ही मृत घोषित कर दिया. युवती के असामयिक मौत की खबर सुनकर पहुंचे परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा काटा.

मामला सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चरखारी का है, जहां खरेला थानाक्षेत्र के बारी गांव के किशन की पत्नी नीलम आशा बहु रेखा कुमारी के साथ नसबंदी कराने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र चरखारी पहुंची थी. सर्जन डॉ. डी के सुल्लेरे नसबन्दी ऑपरेशन कर रहे थे. डॉ. ने अन्य महिलाओं के साथ ही नीलम को भी इंजेक्शन लगाया, लेकिन इंजेक्शन लगने के बाद ही नीलम की हालत खराब होने लगी, जिसके बाद आनन-फानन में महिला को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया.

जिला अस्पताल में डॉक्टर ने नीलम को देखते ही मृत घोषित कर दिया. युवती के असामयिक निधन से परिजनों में कोहराम मच गया. सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवा दिया और आगे की कार्रवाई में जुटी है.

मृतका के पति किशन ने बताया कि गांव की आशा पत्नी को नसबंदी के लिए चरखारी के सामुदायिक केंद्र लाई थी. वह काम से बाहर गया था जब जानकारी मिली तो वह भी अस्पताल पहुंचा और देखा तो पत्नी मृत पड़ी थी. पति ने आरोप लगाते हुए कहा कि पत्नी को डॉक्टर के द्वारा गलत इंजेक्शन दिया गया है. साथ ही उसे बिना बताए ही पत्नी को महोबा भेज दिया गया.

सीएससी में तैनात डॉक्टर अशोक कुमार ने बताया कि बारी गांव की रहने वाली नीलम नाम की महिला नसबंदी के लिए आई थी, जिसकी बीपी, पल्स सब ठीक थी. खून की जांच के बाद उसको इंजेक्शन दिया गया. इंजेक्शन देने के बाद ही उसकी हालत बिगड़ गई, जिसके बाद उसे ऑक्सीजन भी लगाई गई. वहीं हालत में सुधार न होने पर महिला को महोबा रेफर कर दिया गया.

महिला की मौत के मामले में जानकारी देते हुए सीएमओ मनोज कांत सिन्हा ने बताया कि नसबंदी में सर्जिकल खतरे सभी पर लागू होते हैं. कभी-कभी किसी को एनेसियल में दिक्कत हो गई या ऑपरेशन में दिक्कत हो जाती है. कभी-कभी पेशेंट अंदर से कमजोर होता है, जो समस्या किसी को नहीं पता होती है. हमने वहां के प्रभारी से बात की है. सारे प्रोसेस भी हमने देखे हैं, फिलहाल यह घटना तो बदकिस्मती से हुई है.

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