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इंद्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड: एसओ और सिपाही पर गिरी बर्खास्तगी की गाज

उत्तर प्रदेश के महोबा में व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड मामले में तत्कालीन एसओ सहित सिपाही को बर्खास्त कर दिया गया है. विवेचना के आधार पर कबरई के तत्कालीन थाना प्रभारी देवेंद्र शुक्ला और बांदा में तैनात सिपाही अरुण यादव को बर्खास्त कर दिया गया है.

crime in mahoba
इंद्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड में एसओ और सिपाही बर्खास्त.
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Published : Oct 13, 2020, 9:17 PM IST

महोबा: कबरई थाना क्षेत्र के बहुचर्चित इंद्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड के मामले में दो पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. बता दें कि चित्रकूट धाम मंडल के आईजी के सत्यनारायण इस मामले की जांच कर रहे थे. आईजी की विवेचना के आधार पर कबरई के तत्कालीन थाना प्रभारी देवेंद्र शुक्ला और बांदा में तैनात सिपाही अरुण यादव को बर्खास्त कर दिया गया है.

इंद्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड में एसओ और सिपाही बर्खास्त.

आईजी के सत्यनारायण की जांच के बाद की गई इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार का दामन पकड़े बैठे तमाम आला अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. वहीं तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार को भ्रष्टाचार में सम्मिलित पाए जाने पर शासन को रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई है.

आईजी के सत्यनारायण ने बताया कि इंद्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड के मामले में तत्कालीन कबरई थाना प्रभारी देवेंद्र शुक्ला ने पुलिस नियमावली का उल्लंघन किया है. घटना के समय मौके पर पहुंचने के बावजूद इंद्रकांत की फाइल को छुपाने के मामले में देवेंद्र शुक्ला दोषी पाए गए हैं. वहीं बांदा में रहकर सिपाही अरुण यादव 95 दिन गैरहाजिर होने के बावजूद एसएमएस के जरिये ड्यूटी में ज्वॉइन हुआ और बाद में एसएमएस करके छुट्टी पर चला गया था, जो पुलिस नियमावली का साफ तौर पर उल्लंघन माना गया है.

इन दोनों को व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी पर दबाव बनाने और वर्दी का रौब दिखाते हुए भ्रष्टाचार में सम्मिलित पाया गया है. पुलिस आचरण नियमावली 1995 की अनुशासनहीनता के मद्देनजर दोनों को बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है.

महोबा: कबरई थाना क्षेत्र के बहुचर्चित इंद्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड के मामले में दो पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है. बता दें कि चित्रकूट धाम मंडल के आईजी के सत्यनारायण इस मामले की जांच कर रहे थे. आईजी की विवेचना के आधार पर कबरई के तत्कालीन थाना प्रभारी देवेंद्र शुक्ला और बांदा में तैनात सिपाही अरुण यादव को बर्खास्त कर दिया गया है.

इंद्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड में एसओ और सिपाही बर्खास्त.

आईजी के सत्यनारायण की जांच के बाद की गई इस कार्रवाई से पुलिस महकमे में भ्रष्टाचार का दामन पकड़े बैठे तमाम आला अधिकारियों में हड़कंप मच गया है. वहीं तत्कालीन एसपी मणिलाल पाटीदार को भ्रष्टाचार में सम्मिलित पाए जाने पर शासन को रिपोर्ट प्रेषित कर दी गई है.

आईजी के सत्यनारायण ने बताया कि इंद्रकांत त्रिपाठी हत्याकांड के मामले में तत्कालीन कबरई थाना प्रभारी देवेंद्र शुक्ला ने पुलिस नियमावली का उल्लंघन किया है. घटना के समय मौके पर पहुंचने के बावजूद इंद्रकांत की फाइल को छुपाने के मामले में देवेंद्र शुक्ला दोषी पाए गए हैं. वहीं बांदा में रहकर सिपाही अरुण यादव 95 दिन गैरहाजिर होने के बावजूद एसएमएस के जरिये ड्यूटी में ज्वॉइन हुआ और बाद में एसएमएस करके छुट्टी पर चला गया था, जो पुलिस नियमावली का साफ तौर पर उल्लंघन माना गया है.

इन दोनों को व्यापारी इंद्रकांत त्रिपाठी पर दबाव बनाने और वर्दी का रौब दिखाते हुए भ्रष्टाचार में सम्मिलित पाया गया है. पुलिस आचरण नियमावली 1995 की अनुशासनहीनता के मद्देनजर दोनों को बर्खास्त कर दिया गया है. साथ ही एसपी मणिलाल पाटीदार के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल कर दिया गया है.

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