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अनशनकारी के अस्पताल से गायब होने से प्रशासनिक अमले में हड़कंप, जानिए क्या है मामला - विद्युत विभाग लापरवाही

करंट से नाबालिग किशोर की मौत के 3 महीने बाद भी आर्थिक सहायता न मिलने से आहत होकर बीते 6 दिनों से सदर तहसील परिसर में भूख हड़ताल कर रहे मृत किशोर के पिता की हालत बिगड़ने पर प्रशासन द्वारा उसे बीती रात जिला अस्पताल के इमजेन्सी वार्ड में भर्ती कराया गया था.

एसडीएम सदर जितेंद्र कुमार, तहसीलदार सदर बालकृष्ण सिंह विद्युत विभाग के एसडीओ अनूप कुमार
एसडीएम सदर जितेंद्र कुमार, तहसीलदार सदर बालकृष्ण सिंह विद्युत विभाग के एसडीओ अनूप कुमार
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Published : Oct 27, 2021, 5:51 PM IST

महोबा : करंट से नाबालिग किशोर की मौत के 3 महीने बाद भी आर्थिक सहायता नहीं मिली. इससे आहत होकर बीते 6 दिनों से सदर तहसील परिसर में भूख हड़ताल कर रहे मृत नाबालिग किशोर के पिता की हालत बिगड़ गई. इस पर प्रशासन द्वारा उसे बीती रात जिला अस्पताल के इमजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया.

यहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे आईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर इलाज शुरू कर दिया गया. आज जब एसडीएम प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पीड़ित से मिलने अस्पताल पहुंचे तो वहां से पीड़ित गायब मिला.

इसके बाद अस्पताल प्रशासन सहित प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फानन अधिकारियों द्वारा पुलिस के साथ पीड़ित को अस्पताल के सभी वार्डों में ढूंढा गया लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला.

गत अगस्त माह में मुख्यालय के सुभाषनगर मुहल्ले के रहने वाला कल्लू के 6 वर्षीय नाबालिग किशोर की घर के पास खेलते समय बिजली के पोल में आ रहे करंट की चपेट में आकर मौत हो गई थी.

पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों द्वारा मुख्यालय के कानपुर सागर हाईवे स्थित पीडब्ल्यूडी तिराहे में पथावरोध कर लापरवाह विद्युत कर्मियों पर कार्रवाईऔर पीड़ित परिवार को आर्थिक मुआवजे की मांग की गई थी.

यह भी पढ़ेः सऊदी आयोग ने लगाई नाबालिग अपराधियों को मौत की सजा देने पर रोक

तत्कालीन एसडीएम द्वारा 4 दिनों में मुआवजे देने का आश्वासन दिया गया था लेकिन तीन महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी आर्थिक मुआवजा न मिलने से आक्रोशित होकर पीड़ित परिवार बीते 6 दिनों से सदर तहसील परिसर में भूख हड़ताल पर बैठा था.

बीती रात परिवार के मुखिया कल्लू की हालत खराब होने पर स्थानीय प्रशासन द्वारा इलाज के लिए जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया. यहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया.

एसडीएम सदर जितेंद्र कुमार, तहसीलदार सदर बालकृष्ण सिंह विद्युत विभाग के एसडीओ अनूप कुमार के साथ पीड़ित से मिलने अस्पताल पहुंचे तो पाया कि वह अस्पताल से गायब है. उसके बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया.

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महोबा : करंट से नाबालिग किशोर की मौत के 3 महीने बाद भी आर्थिक सहायता नहीं मिली. इससे आहत होकर बीते 6 दिनों से सदर तहसील परिसर में भूख हड़ताल कर रहे मृत नाबालिग किशोर के पिता की हालत बिगड़ गई. इस पर प्रशासन द्वारा उसे बीती रात जिला अस्पताल के इमजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया.

यहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे आईसीयू वार्ड में शिफ्ट कर इलाज शुरू कर दिया गया. आज जब एसडीएम प्रशासनिक अधिकारियों के साथ पीड़ित से मिलने अस्पताल पहुंचे तो वहां से पीड़ित गायब मिला.

इसके बाद अस्पताल प्रशासन सहित प्रशासनिक महकमे में हड़कंप मच गया. आनन-फानन अधिकारियों द्वारा पुलिस के साथ पीड़ित को अस्पताल के सभी वार्डों में ढूंढा गया लेकिन उसका कहीं पता नहीं चला.

गत अगस्त माह में मुख्यालय के सुभाषनगर मुहल्ले के रहने वाला कल्लू के 6 वर्षीय नाबालिग किशोर की घर के पास खेलते समय बिजली के पोल में आ रहे करंट की चपेट में आकर मौत हो गई थी.

पीड़ित परिवार और स्थानीय लोगों द्वारा मुख्यालय के कानपुर सागर हाईवे स्थित पीडब्ल्यूडी तिराहे में पथावरोध कर लापरवाह विद्युत कर्मियों पर कार्रवाईऔर पीड़ित परिवार को आर्थिक मुआवजे की मांग की गई थी.

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तत्कालीन एसडीएम द्वारा 4 दिनों में मुआवजे देने का आश्वासन दिया गया था लेकिन तीन महीने से ज्यादा समय बीतने के बाद भी आर्थिक मुआवजा न मिलने से आक्रोशित होकर पीड़ित परिवार बीते 6 दिनों से सदर तहसील परिसर में भूख हड़ताल पर बैठा था.

बीती रात परिवार के मुखिया कल्लू की हालत खराब होने पर स्थानीय प्रशासन द्वारा इलाज के लिए जिला अस्पताल के इमरजेंसी वार्ड में भर्ती कराया गया. यहां से प्राथमिक उपचार के बाद उसे आईसीयू में शिफ्ट कर दिया गया.

एसडीएम सदर जितेंद्र कुमार, तहसीलदार सदर बालकृष्ण सिंह विद्युत विभाग के एसडीओ अनूप कुमार के साथ पीड़ित से मिलने अस्पताल पहुंचे तो पाया कि वह अस्पताल से गायब है. उसके बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया.

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