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महोबा: 'सर्वधर्म भोजन सेवा' की शुरुआत, गरीबों को मिल रहा भर पेट भोजन - निशुल्क सर्वधर्म भोजन सेवा

उत्तर प्रदेश के महोबा में युवा समाजसेवियों की अनोखी पहल देखने को मिल रही है. महोबा में निशुल्क सर्वधर्म भोजन सेवा की शुरुआत की गई है. इस अभियान में शहर के स्कूलों को भी जोड़ा गया है.

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महोबा में 'सर्वधर्म भोजन सेवा' की शुरुआत.
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Published : Dec 21, 2019, 9:49 AM IST

महोबा: जनपद के युवा समाजसेवियों ने आगे आकर नि:शुल्क 'सर्वधर्म भोजन सेवा' की शुरुआत कर अनोखी मिसाल पेश की है. 27 मई 2018 से अनवरत चली आ रही यह भोजन सेवा अब महोबा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बांदा जनपद के जिला अस्पताल में भी इस सेवा की शुरुआत की जा चुकी है. इस सेवा से स्कूली बच्चों को भी जोड़ा गया है.

महोबा में 'सर्वधर्म भोजन सेवा' की शुरुआत.

टिफिन का पहला निवाला गरीबों को
इस अभियान में स्कूली बच्चे अपने टिफिन का पहला निवाला एक बॉक्स में डालकर तब भोजन ग्रहण करते हैं, जिससे शहर में कोई गरीब भूखा न सो सके. यह प्रेरणा इनको मिलती है स्कूल के शिक्षकों और यहां के समाजसेवियों से.

'सर्वधर्म भोजन सेवा'
बुंदेलखंड में पलायन, गरीबी और भुखमरी को देखते हुए कुछ समाजसेवियों द्वारा गरीबों को मुफ्त भोजन दिया जा रहा है, जिसे सर्वधर्म भोजन सेवा नाम दिया गया है. इसको संचालित करने का बीणा उठाया है यहां के एक युवा समाजसेवी मनमोहन सिंह उर्फ बबला सिंह ने जो कि अपने पूरे परिवार के साथ इस सेवा कार्य में लगे हुए हैं. समाजसेवी मनमोहन सिंह इस सेवा में सभी धर्मों के लोगों को जोड़कर सेवा केंद्र चला रहे हैं. इस सेवा केंद्र के संचालन के लिए इन्होंने शहर के प्राइवेट स्कूलों को अपने इस अभियान से जोड़ा है.

स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों द्वारा लाए जा रहे लंच में से एक रोटी या पूड़ी जो भी छात्र लाता है, उसे एक टंकी पर एकत्रित करवाते हैं और ऐसी कई टंकियां स्कूलों से एकत्रित करवाने के बाद ताजी सब्जी, दाल, चावल सर्वधर्म भोजन सेवा की किचन पर तैयार करवाने के बाद दोपहर से गरीबों को मुफ्त भोजन सेवा देना शुरू कर देते हैं.

ये भी पढ़ें:-अयोध्या कचहरी बम ब्लास्टः वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनाई सजा, 2 को आजीवन कारावास, 1 बरी

हम लोग उन गरीब लोगों को जो एक वक्त की रोटी नहीं खा सकते, उनके लिए रोटियां देते हैं. ताकि वह पेट भर खाना खाकर अपना जीवन निर्वाह कर सकें. यह काम सभी को करना चाहिए, क्योंकि जो गरीब दुआएं देते हैं, वह हमारे जीवन में बहुत काम आती है.
-भानुप्रिया, छात्रा

ईश्वर ने सबको सब कुछ दिया है. हम बच्चों को यही सिखाते हैं कि सबके साथ मिल-बांट कर खाओ, क्योंकि यही उम्र है बच्चों को सीखने की ताकि बड़े होकर अच्छे कार्य करते रहें, जो हमारे देश के लिए अच्छा होगा और ऐसा करने से हम लोग समाज को आगे बढ़ा सकते हैं.
-बीना तिवारी, प्रिंसिपल, बालिका विद्या मंदिर

महोबा: जनपद के युवा समाजसेवियों ने आगे आकर नि:शुल्क 'सर्वधर्म भोजन सेवा' की शुरुआत कर अनोखी मिसाल पेश की है. 27 मई 2018 से अनवरत चली आ रही यह भोजन सेवा अब महोबा तक ही सीमित नहीं है, बल्कि बांदा जनपद के जिला अस्पताल में भी इस सेवा की शुरुआत की जा चुकी है. इस सेवा से स्कूली बच्चों को भी जोड़ा गया है.

महोबा में 'सर्वधर्म भोजन सेवा' की शुरुआत.

टिफिन का पहला निवाला गरीबों को
इस अभियान में स्कूली बच्चे अपने टिफिन का पहला निवाला एक बॉक्स में डालकर तब भोजन ग्रहण करते हैं, जिससे शहर में कोई गरीब भूखा न सो सके. यह प्रेरणा इनको मिलती है स्कूल के शिक्षकों और यहां के समाजसेवियों से.

'सर्वधर्म भोजन सेवा'
बुंदेलखंड में पलायन, गरीबी और भुखमरी को देखते हुए कुछ समाजसेवियों द्वारा गरीबों को मुफ्त भोजन दिया जा रहा है, जिसे सर्वधर्म भोजन सेवा नाम दिया गया है. इसको संचालित करने का बीणा उठाया है यहां के एक युवा समाजसेवी मनमोहन सिंह उर्फ बबला सिंह ने जो कि अपने पूरे परिवार के साथ इस सेवा कार्य में लगे हुए हैं. समाजसेवी मनमोहन सिंह इस सेवा में सभी धर्मों के लोगों को जोड़कर सेवा केंद्र चला रहे हैं. इस सेवा केंद्र के संचालन के लिए इन्होंने शहर के प्राइवेट स्कूलों को अपने इस अभियान से जोड़ा है.

स्कूलों में पढ़ने वाले छात्रों द्वारा लाए जा रहे लंच में से एक रोटी या पूड़ी जो भी छात्र लाता है, उसे एक टंकी पर एकत्रित करवाते हैं और ऐसी कई टंकियां स्कूलों से एकत्रित करवाने के बाद ताजी सब्जी, दाल, चावल सर्वधर्म भोजन सेवा की किचन पर तैयार करवाने के बाद दोपहर से गरीबों को मुफ्त भोजन सेवा देना शुरू कर देते हैं.

ये भी पढ़ें:-अयोध्या कचहरी बम ब्लास्टः वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से सुनाई सजा, 2 को आजीवन कारावास, 1 बरी

हम लोग उन गरीब लोगों को जो एक वक्त की रोटी नहीं खा सकते, उनके लिए रोटियां देते हैं. ताकि वह पेट भर खाना खाकर अपना जीवन निर्वाह कर सकें. यह काम सभी को करना चाहिए, क्योंकि जो गरीब दुआएं देते हैं, वह हमारे जीवन में बहुत काम आती है.
-भानुप्रिया, छात्रा

ईश्वर ने सबको सब कुछ दिया है. हम बच्चों को यही सिखाते हैं कि सबके साथ मिल-बांट कर खाओ, क्योंकि यही उम्र है बच्चों को सीखने की ताकि बड़े होकर अच्छे कार्य करते रहें, जो हमारे देश के लिए अच्छा होगा और ऐसा करने से हम लोग समाज को आगे बढ़ा सकते हैं.
-बीना तिवारी, प्रिंसिपल, बालिका विद्या मंदिर

Intro:एंकर- बीते कई सालों से देवी आपदाओं और प्रशासनिक उपेक्षा का शिकार बुंदेलखंड जिसके चलते यहां के लोग रोजगार की तलाश में पलायन करने को मजबूर है। जिसके चलते पलायन किए गए परिवारों के बचे लोग जैसे तैसे दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पेट की आग बुझा पाते हैं। ऐसे में रोटी की कीमत क्या होती है यहां के बाशिंदे ही बता सकते हैं। महोबा के युवा समाजसेवियों ने आगे आकर ऐसे लोगों को लिए निशुल्क सर्वधर्म भोजन सेवा की शुरुआत कर अनोखी मिसाल पेश की है 27 मई 2018 से अनवरत चली आ रही यह भोजन सेवा अब महोबा तक ही सीमित नहीं है बल्कि बांदा जनपद के जिला अस्पताल में भी इस सेवा की शुरुआत की जा चुकी है। जब भूख लगी हो तो एक रोटी की कीमत बच्चों से ज्यादा शायद कोई नहीं जान सकता इसलिए बच्चों को भी इस सेवा से जोड़ा गया है। स्कूलों के बच्चे अपने टिफिन का पहला निवाला एक बॉक्स में डालकर खाना खाते हैं। ताकि शहर में कोई गरीब भूखा न सो सके। यह प्रेरणा इनको मिलती है स्कूल के शिक्षकों और यहां के समाजसेवियों से जी हाँ हम बात कर रहे हैं महोबा जिले के युवा समाजसेवियों की जिनके द्वारा सर्व धर्म भोजन सेवा संचालित कर गरीबों को मुफ्त भोजन दिया जा रहा है।


Body:बीते कई वर्षों से लगातार दैवीय आपदाओं और प्रशासनिक उपेक्षा के शिकार बुंदेलखंड में पलायन,गरीबी और भुखमरी को देखते हुए कुछ समाजसेवियों द्वारा गरीबों को मुफ्त भोजन दिया जा रहा है। जिस सेवा का नाम दिया गया है सर्वधर्म भोजन सेवा इसको संचालित करने का बीणा उठाया है यहां के एक युवा समाजसेवी मनमोहन सिंह उर्फ (बबला सिंह) ने जो कि अपने पूरे परिवार के साथ इस सेवा कार्य में लगे हुए हैं। इस सेवा में सभी धर्मों( हिंदू,मुस्लिम,सिख,इसाई) के लोगों को जोड़कर सेवा केंद्र चला रहे हैं। इस सेवा केंद्र का संचालन कैसे किया जाए इसके लिए भी इन्होंने शहर के प्राइवेट स्कूलों को अपने इस अभियान से जोड़कर उसमें पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं द्वारा लाया जा रहा लंच बॉक्स में से एक रोटी या पूड़ी जो भी छात्र लाता है। उसे एक टंकी पर एकत्रित करवाते हैं और ऐसी कई टंकियां स्कूलों से एकत्रित करवाने के बाद ताजी सब्जी, दाल, चावल सर्व धर्म भोजन सेवा की किचन पर तैयार करवाने के बाद दोपहर से गरीबों को मुफ्त भोजन सेवा शुरू कर देते हैं। जिसे खाकर गरीब इन्हें दुआएं देते हैं।

छात्रा भानुप्रिया कहती है कि हम लोग उन गरीब लोगों को जो एक वक्त की रोटी नहीं खा सकते उनके लिए रोटियां देते हैं। ताकि वह पेट भर खाना खाकर अपना जीवन निर्वाह कर सकें। यह काम सभी को करना चाहिए क्योंकि यह एक सोशल वर्क के अलावा जो गरीब दुआएं देते हैं वह हमारे जीवन में बहुत काम आती है।
बाइट- भानुप्रिया (छात्रा)

स्कूल की प्रिंसिपल कहती है कि ईश्वर ने सबको सब कुछ दिया है। हम बच्चों को यही सिखाते है कि सबके साथ मिलबांट कर खाओ क्योकि यही उम्र है बच्चों को सीखने की ताकि बड़े होकर अच्छे कार्य करते रहें। जो हमारे देश के लिए अच्छा होगा और ऐसा करने से हम लोग समाज को आगे बढ़ा सकते है।
बाइट- बीना तिवारी (प्रिंसिपल बालिका विद्या मंदिर महोबा)
बाइट- जयनित (सिस्टर संत जोसेफ स्कूल महोबा)




Conclusion:महोबा के युवाओं द्वारा उठाया गया यह कदम भूखे को भोजन नसीब कराना इन युवाओं की कोशिश कितना रंग लाती है। यह तो देखने वाली बात होगी। आज के समाज मे हर किसी को ऐसा कदम उठाने की जरूरत है। ताकि ज़रूरतमन्दों को भोजन नसीब हो सके और कोई भी व्यक्ति भूखा न सो सके।
बाइट- मनमोहन सिंह उर्फ बबला सिंह (संचालनकर्ता)

तेज प्रताप सिंह
महोबा यूपी
09889466159
06306038548
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