महोबा: मुस्लिम समाज के पैगम्बर हजरत मोहम्मद साहब का जन्मदिन हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया, जिसमें हजारों की तादात में लोगों का हुजूम देखने को मिला. जलूस में मुस्लिम समाज के साथ-साथ हिंदुओं ने भी सहभागिता निभाई. मुस्लिम युवा अपने हाथों में तिरंगा और इस्लामी झण्डा लेकर जमकर नारेबाजी करते नजर आए.
बारावफात के मौके पर निकाला जुलूस
- बारावफात इस्लाम में अहम स्थान रखता है.
- हजरत मोहम्मद साहब की यौमे पैदाइश और मृत्यु एक ही दिन हुई है, इसलिए यौमे पैदाइश के दिन बारावफात भी मानते हैं.
- मोहम्मद साहब ने आपसी भाईचारे का वह सन्देश दिया है, जिसे लोग आज भी याद करते हैं.
- महोबा में मोहम्मद साहब के जन्मदिन पर रविवार को भारी संख्या में लोगों का हुजूम नजर आया.
- इस दौरान पुलिस प्रशासन भी चाक चौबंद रहा.
आज हमारे आक़ा मोहम्मद-ए-अरबी सल्लल्लाहो तआला अलैहे वसल्लम आज उनकी यौमे पैदाइश है और मेरे आक़ा सारे आलम के लिए रहमते आलम बनकर आये और उन्होंने इंसानियत का दर्श दिया और लोगों को सही रास्ता दिया, अमन और शांति का पैगाम दिया, प्यार, मोहब्बत और भाईचारे का पैगाम दिया. इसी को आगे बढ़ाते हुए हमने मोहम्मद-ए-अरबी सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के नक्शे कदम पर अमल करते हुए अमन-शांति पैगाम दिया.
- आफाक हुसैन, शहर काजी