महोबा : जिला अस्पताल में प्रसव पीड़ा से तड़पती प्रसूता को ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों ने अनहोनी की आशंका के चलते झांसी मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया. ऐसे में जननी सुरक्षा 102 एम्बुलेंस की मदद से झांसी जा रही प्रसूता ने जिला मुख्यालय से 20 किलोमीटर की दूरी पर एम्बुलेंस में ही स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया. एम्बुलेंस में तैनात ईएमटी ने सुरक्षित प्रसव कराया. वहीं अब ऐसे में एम्बुलेंस में नॉर्मल डिलीवरी जिला अस्पताल के स्वास्थ्यकर्मियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े करती है. मामला जिले के कुलपहाड़ कोतवाली क्षेत्र का है.
कोतवाली क्षेत्र के सुगिरा गांव के पास पनवाड़ी कस्बा निवासी वृन्दावन अहिरवार अपनी पत्नी किरण को प्रसव पीड़ा होने पर महिला जिला अस्पताल लेकर गया. वहां मौजूद चिकित्सकों ने बिना देखे ही गर्भवती महिला को झांसी मेडिकल कालेज रेफर कर दिया. करीब 20 किलोमीटर जाने के बाद महिला ने एम्बुलेंस में ही बच्चे को जन्म दिया. एम्बुलेंस में मौजूद ईएमटी देवेन्द्र कुमार और पायलट जयवीर ने सुरक्षित प्रसव कराकर महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र कुलपहाड़ में भर्ती कराया.
इस संबंध में डाॅक्टरों का बचाव करते हुए सीएमओ मनोज कांत सिन्हा ने बताया कि डिलीवरी के सम्बंध में सही से नहीं बताया जा सकता है. महिला अस्पताल में जो भी स्टाप मरीज को देख रही होगी उन्होंने बेहतर इलाज के लिए उसे रेफर किया होगा. रास्ते में सुरक्षित डिलेवरी होने की घटना को उन्होंने सामान्य बताया.