महोबा: हर गरीब को रहने के लिए छत नसीब हो, इसके लिए सरकार पानी की तरह पैसे बहा रही है. बावजूद इसके प्रधानमंत्री आवास योजना में हजारों पात्र छप्परों के नीचे रहने को मजबूर हैं. पात्रों का आरोप है कि उनके आवास की किश्त जिम्मेदार बिना सुविधा शुल्क के नहीं दे रहे हैं.
पात्रों को नहीं मिला आवास
- प्रदेश और केंद्र सरकार गरीबों के हितों में तमाम योजनाएं चला रही हैं.
- फिर भी तमाम पात्र लोगों तक सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है.
- महोबा में कई परिवार पन्नी और छप्पर के नीचे रहने को मजबूर हैं.
- पात्रों का आरोप है कि उनके आवास की किश्त अधिकारी बिना सुविधा शुल्क के नहीं दे रहे.
- कुछ लोगों को पहली किश्त मिल पाई है, जबकि अन्य लोग अभी धनराशि मिलने के इंतजार में हैं.
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ममता का कहना है कि कच्चा मकान था. आवास के पैसे पास होने के कारण गिरा दिया था. एक किश्त आई जिसमें अधूरा मकान बन पाया. आवेदक कंधी लाल का कहना है कि कई बार आवेदन किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.
प्रधानमंत्री आवास योजना में कुछ शिकायतें जरूर आ रही हैं. इसके लिये एक फोरम बना हुआ है. यदि उसमें पात्र पाए गए तो उसको मकान मिलेगा. इसके अलावा जिन पात्रों को पहली किश्त मिल चुकी है, उनको दूसरी और तीसरी किश्त दी जाएगी. इसके लिए एक कैंप भी लगवा रहे हैं.
-अवधेश तिवारी, जिलाधिकारी