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महोबा: गरीबों को पीएम आवास योजना का नहीं मिल पा रहा लाभ

यूपी के महोबा में प्रधानमंत्री आवास योजना के पात्र आज भी छप्परों के नीचे रहने को मजबूर हैं. आरोप है कि उनके आवास की किश्त जिम्मेदार बिना सुविधा शुल्क के नहीं दे रहे हैं. डीएम का कहना है कि इसके लिये एक फोरम बना है. यदि उसमें पात्र पाए गए तो मकान मिलेगा.

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लोगों को नहीं मिल रहा आवास योजना का लाभ.
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Published : Dec 6, 2019, 12:43 PM IST

महोबा: हर गरीब को रहने के लिए छत नसीब हो, इसके लिए सरकार पानी की तरह पैसे बहा रही है. बावजूद इसके प्रधानमंत्री आवास योजना में हजारों पात्र छप्परों के नीचे रहने को मजबूर हैं. पात्रों का आरोप है कि उनके आवास की किश्त जिम्मेदार बिना सुविधा शुल्क के नहीं दे रहे हैं.

लोगों को नहीं मिल रहा आवास योजना का लाभ.


पात्रों को नहीं मिला आवास

  • प्रदेश और केंद्र सरकार गरीबों के हितों में तमाम योजनाएं चला रही हैं.
  • फिर भी तमाम पात्र लोगों तक सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है.
  • महोबा में कई परिवार पन्नी और छप्पर के नीचे रहने को मजबूर हैं.
  • पात्रों का आरोप है कि उनके आवास की किश्त अधिकारी बिना सुविधा शुल्क के नहीं दे रहे.
  • कुछ लोगों को पहली किश्त मिल पाई है, जबकि अन्य लोग अभी धनराशि मिलने के इंतजार में हैं.

इसे भी पढ़ें:- झांसी: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में धांधली के आरोप में ग्राम प्रधान गिरफ्तार

ममता का कहना है कि कच्चा मकान था. आवास के पैसे पास होने के कारण गिरा दिया था. एक किश्त आई जिसमें अधूरा मकान बन पाया. आवेदक कंधी लाल का कहना है कि कई बार आवेदन किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

प्रधानमंत्री आवास योजना में कुछ शिकायतें जरूर आ रही हैं. इसके लिये एक फोरम बना हुआ है. यदि उसमें पात्र पाए गए तो उसको मकान मिलेगा. इसके अलावा जिन पात्रों को पहली किश्त मिल चुकी है, उनको दूसरी और तीसरी किश्त दी जाएगी. इसके लिए एक कैंप भी लगवा रहे हैं.
-अवधेश तिवारी, जिलाधिकारी

महोबा: हर गरीब को रहने के लिए छत नसीब हो, इसके लिए सरकार पानी की तरह पैसे बहा रही है. बावजूद इसके प्रधानमंत्री आवास योजना में हजारों पात्र छप्परों के नीचे रहने को मजबूर हैं. पात्रों का आरोप है कि उनके आवास की किश्त जिम्मेदार बिना सुविधा शुल्क के नहीं दे रहे हैं.

लोगों को नहीं मिल रहा आवास योजना का लाभ.


पात्रों को नहीं मिला आवास

  • प्रदेश और केंद्र सरकार गरीबों के हितों में तमाम योजनाएं चला रही हैं.
  • फिर भी तमाम पात्र लोगों तक सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं पहुंच पा रहा है.
  • महोबा में कई परिवार पन्नी और छप्पर के नीचे रहने को मजबूर हैं.
  • पात्रों का आरोप है कि उनके आवास की किश्त अधिकारी बिना सुविधा शुल्क के नहीं दे रहे.
  • कुछ लोगों को पहली किश्त मिल पाई है, जबकि अन्य लोग अभी धनराशि मिलने के इंतजार में हैं.

इसे भी पढ़ें:- झांसी: प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना में धांधली के आरोप में ग्राम प्रधान गिरफ्तार

ममता का कहना है कि कच्चा मकान था. आवास के पैसे पास होने के कारण गिरा दिया था. एक किश्त आई जिसमें अधूरा मकान बन पाया. आवेदक कंधी लाल का कहना है कि कई बार आवेदन किया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई.

प्रधानमंत्री आवास योजना में कुछ शिकायतें जरूर आ रही हैं. इसके लिये एक फोरम बना हुआ है. यदि उसमें पात्र पाए गए तो उसको मकान मिलेगा. इसके अलावा जिन पात्रों को पहली किश्त मिल चुकी है, उनको दूसरी और तीसरी किश्त दी जाएगी. इसके लिए एक कैंप भी लगवा रहे हैं.
-अवधेश तिवारी, जिलाधिकारी

Intro:एंकर- सरकार का सपना है कि हर गरीब को रहने के लिए छत नसीब हो जिसके लिए पानी की तरह पैसा भी बहाया जा रहा है। लेकिन सरकारी सिस्टम में लगी जंग की बजह से बिना सुबिधा शुल्क लिए गरीबों को आबास नही मिल पा रहे । जी हाँ हम बात कर रहे महोबा जिले की जहां आवास पात्रों का आरोप है कि उनके आवास की क़िस्त जिम्मेदार बिना सुबिधा शुल्क के नही दे रहे है ।

Body:वी/ओ- बुंदेलों की यह बदनसीबी है कि सरकार तो गरीबों को छत नसीब करा रही है। लेकिन उन्हें अपना ही पैसा पाने के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है। ऑफिस के चक्कर काट काट कर परेशान है क्योंकि साहब को पहले सुबिधा शुल्क चाहिए। जिसने सुबिधा शुल्क दे दिया उसे तो पैसा मिल जाता है लेकिन जिसने नही दिया उसकी चप्पल ऑफिस के चक्कर लगाते लगाते खिज जाती हैं।
लेकिन पैसा नही मिलता । यह हम नही कह रहे बल्कि यह आरोप है आवास पाने बाले पात्रों का । अब जरा इन आवासों को देखिये जो अधूरे पड़े हुए है क्योंकि इनके पास साहब को देने के लिए पैसे नही है जब यह साहब को पैसे देंगे तो इनकी अगली क़िस्त इन्हें दे दी जाएगी । इस लिए इनके अधूरे मकान बन पा रहे ।

बाईट- ममता - ममता कहती है कि हमारा कच्चा मकान था और आवास के पैसे पास होने के कारण गिरा दिया था एक क़िस्त आई जिसमे अधूरा मकान बन पाया अब दूसरी क़िस्त के लिए रुपये मांग रहे है कहाँ से लाये पैसा ।
बाइट- ममता

बाईट- माया (आवेदक की बेटी)- माया कहती है कि हमारे पापा ने कई बार आबेदन किया लेकिन आज तक पैसा नही आया कहते है आ जायेगा मजबूरन पन्नी के नीचे रहना पड़ रहा है पापा और भाई मजदूरी करते है ।
बाइट- माया (आवेदक की बेटी)

बाईट- कंधी लाल (आवेदक)- कंधी लाल कहते है कि हमने कई बार आबेदन किया लेकिन आज तक कोई सुनबाई नही हो रही पन्नी के नीचे जीवन गुजारने को मजबूर है अभी एक हप्ते पहले बच्ची हुई है जिसे जमीन ने पन्नी के नीचे लिटाना पड़ रहा है कंधी लाल कहते है कि पहले 10 हजार रुपये दो तब आपको मकान मिलेगा हम गरीव आदमी कहाँ से लाये रुपये बिना पैसे के कोई कार्य नही होता ।
बाइट- कंधी लाल (आवेदक)
Conclusion:बाईट- अवधेश तिवारी (जिलाधिकारी महोबा)- जिलाधिकारी कहते है कि प्रधानमंत्री आवास योजना में कुछ शिकायते जरूर आ रही है। इसके लिये एक फोरम बना हुआ है। यदि उसमें पात्र पाए गए उसको मकान मिलेगा । इसके अलावा जिन पात्रो को पहली किस्त मिल चुकी है उनको दूसरी और तीसरी क़िस्त दी जा रही और इसके लिए एक कैम्प भी लगवा रहे है।
बाइट- अवधेश तिवारी (जिलाधिकारी महोबा)


तेज प्रताप सिंह
महोबा यूपी
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