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पहाड़ों पर बारिश ने बढ़ायी मुश्किलें, बाढ़ का पानी गावों में घुसा तो जीना हुआ दुश्वार

पहाड़ों व मैदानी इलाकों में हो रही मूसलाधार बारिश से गंगा और दूसरी नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है. इसकी वजह से कई गांवों के आने जाने वाले रास्तों पर पानी भर गया है. रास्ते जलमग्न होने के कारण बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं.

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Published : Sep 8, 2021, 4:08 PM IST

बिजनौर: जिले की गौशाला में कई फीट पानी घुसने के बाद पशुओं को सड़क पर बांधा गया है. खेतों में पानी आने के कारण फसलें डूब गयी हैं. यहां बांध भी लीकेज की कगार पर है. लाख कोशिशों के बावजूद पुख्ता इंतजाम न होने की वजह से बरसात के मौसम में ग्रामीण हर साल पानी की मार से लाखों रुपए का नुकसान झेलते हैं.

बिजनौर में बाढ़ के कारण परेशानी


जिले के मैदानी इलाकों व पहाड़ी पर हो रही लगातार बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं. थाना अफजलगढ़ क्षेत्र के गांव अगवानपुर की गौशाला में 3 से 4 फिट जलभराव हो गया है और गांव नारायणवाला और माधोवाला के बीच में बह रही धारा नदी का जल स्तर बढ़ने से इस पर बने बांध में लीकेज होने पर ग्रामीणों ने खुद लीकेज रोकने के उपाय किए. ग्रामीणों का कहना है कि पानी के तेज बहाव से यदि बांध टूट गया तो 10 से 15 गांव बाढ़ की चपेट में आ जायेंगे. ग्रामीण हर साल सरकार को सूचना देते हैं कि यह बांध क्षतिग्रस्त हो गया है. थोड़ा बहुत कार्य कराया गया था लेकिन सही तरीके से नहीं कराया गया और ग्रामीणों का आरोप है कि हमें सरकार सिर्फ झूठा आश्वासन देती है.

बिजनौर के ग्रामीण इलाकों में भरा बाढ़ का पानी
बिजनौर के ग्रामीण इलाकों में भरा बाढ़ का पानी

ये भी पढ़ें- दीपावली पर दीपोत्सव में शामिल होने अयोध्या आ सकते हैं पीएम मोदी, यूपी चुनाव से पहले जाने क्यों खास है यह दौरा

ग्रामीणों का कहना है कि कई सालों से प्रशासन धोखा दे रहा है. प्रधान निहाल सिंह ने कहा कि हर साल प्रशासन लाखों रुपये कागजों में ही खर्च कर देता है. बांध की मरम्मत ठीक से नहीं की जाती है. बनैली नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से कई गांवों के रास्ते में पानी आ गया है. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. गांवों के संपर्क मार्ग जलमग्न हो गये हैं. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. प्रशासन की ओर से कोई राहत और बचाव कार्य नहीं किए जा रहे हैं.

बिजनौर: जिले की गौशाला में कई फीट पानी घुसने के बाद पशुओं को सड़क पर बांधा गया है. खेतों में पानी आने के कारण फसलें डूब गयी हैं. यहां बांध भी लीकेज की कगार पर है. लाख कोशिशों के बावजूद पुख्ता इंतजाम न होने की वजह से बरसात के मौसम में ग्रामीण हर साल पानी की मार से लाखों रुपए का नुकसान झेलते हैं.

बिजनौर में बाढ़ के कारण परेशानी


जिले के मैदानी इलाकों व पहाड़ी पर हो रही लगातार बारिश से बाढ़ जैसे हालात हैं. थाना अफजलगढ़ क्षेत्र के गांव अगवानपुर की गौशाला में 3 से 4 फिट जलभराव हो गया है और गांव नारायणवाला और माधोवाला के बीच में बह रही धारा नदी का जल स्तर बढ़ने से इस पर बने बांध में लीकेज होने पर ग्रामीणों ने खुद लीकेज रोकने के उपाय किए. ग्रामीणों का कहना है कि पानी के तेज बहाव से यदि बांध टूट गया तो 10 से 15 गांव बाढ़ की चपेट में आ जायेंगे. ग्रामीण हर साल सरकार को सूचना देते हैं कि यह बांध क्षतिग्रस्त हो गया है. थोड़ा बहुत कार्य कराया गया था लेकिन सही तरीके से नहीं कराया गया और ग्रामीणों का आरोप है कि हमें सरकार सिर्फ झूठा आश्वासन देती है.

बिजनौर के ग्रामीण इलाकों में भरा बाढ़ का पानी
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ग्रामीणों का कहना है कि कई सालों से प्रशासन धोखा दे रहा है. प्रधान निहाल सिंह ने कहा कि हर साल प्रशासन लाखों रुपये कागजों में ही खर्च कर देता है. बांध की मरम्मत ठीक से नहीं की जाती है. बनैली नदी का जलस्तर बढ़ने की वजह से कई गांवों के रास्ते में पानी आ गया है. बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं. गांवों के संपर्क मार्ग जलमग्न हो गये हैं. इससे लोगों को काफी परेशानी हो रही है. प्रशासन की ओर से कोई राहत और बचाव कार्य नहीं किए जा रहे हैं.

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