महोबाः देश के सबसे पिछड़े इलाकों में से एक बुन्देलखंड का महोबा जिला बीते एक दशक से आपदाओं का शिकार है. प्रशासन द्वारा सूखे के लिए कराया जा रहा सर्वे अभी पूरा नहीं हो सका था कि बीते चार दिनों से लगातार बारिश ने महोबा जिले के किसानों की बची उम्मीद को भी तहस-नहस कर दिया. किसानों की उड़द और मूंग की फसलें पूरी तरह नष्ट हो गईं. इसके बाद महोबा के एक दर्जन से ज्यादा गांवों के किसानों ने जिलाधिकारी से प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिलाए जाने की मांग की. वहीं, जिलाधिकारी ने जल्द से जल्द सर्वे कराकर शासन को इसकी रिपोर्ट भेजने की बात कही है.
बुन्देलखंड के महोबा जिले में कभी सूखा, कभी ओलावृष्टि तो कभी अतिवृष्टि के चलते फसलें खराब होती रही हैं. यहां के किसान दो जून की रोटी और परिवार के भरण-पोषण के लिए बड़े शहरों में पलायन को मजबूर हैं. गौरतलब है कि जिले में प्रशासन द्वारा कराया जा रहा सूखे का सर्वे अभी पूरा नहीं हो पाया था कि आपदा के रूप में बीते 4 दिनों से लगातार हो रही बारिश ने किसानों की उड़द और मूंग की फसल को पूरी तरह से खराब कर दिया.
फसल खराब होने से महोबा जिले के करहरा कला, कुम्हडोरा, श्रीनगर, भंडरा, सिजवाहा, तिन्दौली, कैमाहा सहित दर्जन भर से ज्यादा गांव के किसानों ने शुक्रवार को जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर डीएम मनोज कुमार को ज्ञापन सौंपकर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना का लाभ दिलाने की मांग की. वहीं, डीएम मनोज कुमार ने तत्काल सभी उप जिलाधिकारियों को जल्द से जल्द फसलों का सर्वे कराकर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही किसानों को शासन द्वारा मिलने वाली सहायता राशि जल्द से जल्द दिलाए जाने का आश्वासन दिया गया है.
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