महोबा : जिले में स्टाफ नर्स को गर्भवती महिला के परिजनों से सुविधा शुल्क की मांग करना महंगा पड़ गया. सुविधा शुल्क कम मिलने से भड़की स्टाफ नर्स का प्रसूता के परिजनों से विवाद हो गया, जिसके बाद उन्होंने नर्स की शिकायत जिलाधिकारी से कर दी. इसके बाद हरकत में आये सीएमओ डॉ. मनोज कांत सिन्हा ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पहुंच कर मौके पर मौजूद स्वास्थ्यकर्मियों और प्रसूता के परिजनों का लिखित बयान दर्ज करने के बाद स्टाफ नर्स को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है.
दरअसल मामला कबरई कस्बा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां खन्ना क्षेत्र के मवई खुर्द गांव निवासी रानी वर्मा गर्भवती होने की वजह से वह अपनी चाची और विनोद श्रीवास के साथ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र आई थी. यहां तैनात स्टाफ नर्स आराधना वर्मा ने विनोद से प्रसव के लिए 1100 सौ रुपए मांग की और न दे पाने पर गाली गलौज कर मारपीट कर दी. दूसरे मरीजों के तीमारदारों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया. इधर, रानी ने नर्स की कारगुजारियों की शिकायत जिलाधिकारी से फोन पर की. इसके बाद जिलाधिकारी ने तत्काल सीएमओ को मामले की जांच के लिए सीएचसी भेजा. वहीं जांच के दौरान स्टाफ नर्स पर लगाये गए सभी आरोपों की पुष्टि होने के बाद नर्स की सेवाएं समाप्त कर दी गईं.
सीएमओ डॉ. मनोज कांत सिन्हा ने बताया कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में तैनात स्टाफ नर्स आराधना वर्मा की शिकायत जिलाधिकारी से की गई थी कि इनके द्वारा प्रसव कराने के लिए रुपयों की मांग की गई थी. इस मामले की जांच के दौरान आरोप सही पाए गए हैं, जिसके बाद नर्स को बर्खास्त कर दिया गया.