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वकील की मौत में सीओ का आया नाम तो अधिवक्ताओं ने हाईवे किया जाम - महोबा में अधिवक्ता की मौत से नाराज अधिवक्ता

महोबा में सीनियर अधिवक्ता की आत्महत्या के मामले में सीओ सिटी का नाम सामने आने के बाद अधिवक्ता आक्रोशित हो गए. नाराज अधिवक्ताओं ने सीओ को सस्पेंड करने की मांग की है.

अधिवक्ताओं ने किया कानपुर सागर राष्ट्रीय राज्यमार्ग जाम
अधिवक्ताओं ने किया कानपुर सागर राष्ट्रीय राज्यमार्ग जाम
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Published : Feb 14, 2021, 7:24 PM IST

महोबा: जिले में सीनियर अधिवक्ता की आत्महत्या के मामले में सीओ सिटी का नाम सामने आने के बाद आक्रोशित अधिवक्ताओं ने आरोपी सीओ को सस्पेंड करने की मांग की है. अधिवक्ताओं ने मांग के समर्थन में कानपुर सागर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर अधिवक्ता के शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. इस दौरान अधिवक्ताओं ने सीओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मौके पर पहुंचे अपर पुलिस अधीक्षक और अपर जिलाधिकारी से अधिवक्ताओं ने तत्काल प्रभाव से सीओ को हटाने और सस्पेंड करने की मांग की. दोनों अधिकारियों के समझाने के बाद अधिवक्ताओं ने जाम खोल दिया. इसके साथ ही अधिवक्ता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगाया था जाम

मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित मोक्ष धाम के बाहर का है. यहां अंतिम संस्कार के लिए अधिवक्ता मुकेश पाठक का शव लाया गया था. उनके अंतिम संस्कार में शामिल अधिवक्ताओं ने आक्रोशित होकर सीओ को सस्पेंड करने की मांग शुरू कर दी. इसके साथ ही मोक्ष धाम के बाहर कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया. साथ ही सीओ सदर को हटाने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे.

ये है मामला

बीती रात सीनियर अधिवक्ता मुकेश पाठक ने अपनी लाइसेंसी रायफल से गोलीमार कर आत्महत्या कर ली थी. मृतक के शव के पास से पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया था. इसमें अधिवक्ता मुकेश पाठक ने अपनी मौत का जिम्मेदार प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव छत्रपाल सिंह यादव, उनके भतीजे विक्रम सिंह यादव, रवि सोनी, अंकित सोनी, अभय प्रताप सिंह, मनीष चौबे और आनन्द मोहन यादव को बताया है. पुलिस ने मृतक मुकेश पाठक के बेटे राहुल पाठक की तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया है. इसके साथ ही आरोपी छत्रपाल सिंह यादव और विक्रम सिंह यादव को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

सीओ का नाम भी है शामिल

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत विशाल शुक्ला ने बताया कि श्मशान घाट में मौजूद लोग गुस्से में हैं क्योंकि सुसाइड नोट में सीओ सदर का नाम सामने आया है. अपर पुलिस अधीक्षक ने मौके में जाकर बताया कि शासन को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी गई है. सीओ सदर को अभी उनके पद से हटा दिया गया है.

महोबा: जिले में सीनियर अधिवक्ता की आत्महत्या के मामले में सीओ सिटी का नाम सामने आने के बाद आक्रोशित अधिवक्ताओं ने आरोपी सीओ को सस्पेंड करने की मांग की है. अधिवक्ताओं ने मांग के समर्थन में कानपुर सागर राष्ट्रीय राजमार्ग जाम कर अधिवक्ता के शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया. इस दौरान अधिवक्ताओं ने सीओ के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. मौके पर पहुंचे अपर पुलिस अधीक्षक और अपर जिलाधिकारी से अधिवक्ताओं ने तत्काल प्रभाव से सीओ को हटाने और सस्पेंड करने की मांग की. दोनों अधिकारियों के समझाने के बाद अधिवक्ताओं ने जाम खोल दिया. इसके साथ ही अधिवक्ता के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगाया था जाम

मामला शहर कोतवाली क्षेत्र के कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित मोक्ष धाम के बाहर का है. यहां अंतिम संस्कार के लिए अधिवक्ता मुकेश पाठक का शव लाया गया था. उनके अंतिम संस्कार में शामिल अधिवक्ताओं ने आक्रोशित होकर सीओ को सस्पेंड करने की मांग शुरू कर दी. इसके साथ ही मोक्ष धाम के बाहर कानपुर-सागर राष्ट्रीय राजमार्ग पर जाम लगा दिया. साथ ही सीओ सदर को हटाने की मांग करते हुए नारेबाजी करने लगे.

ये है मामला

बीती रात सीनियर अधिवक्ता मुकेश पाठक ने अपनी लाइसेंसी रायफल से गोलीमार कर आत्महत्या कर ली थी. मृतक के शव के पास से पुलिस ने सुसाइड नोट बरामद किया था. इसमें अधिवक्ता मुकेश पाठक ने अपनी मौत का जिम्मेदार प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव छत्रपाल सिंह यादव, उनके भतीजे विक्रम सिंह यादव, रवि सोनी, अंकित सोनी, अभय प्रताप सिंह, मनीष चौबे और आनन्द मोहन यादव को बताया है. पुलिस ने मृतक मुकेश पाठक के बेटे राहुल पाठक की तहरीर के आधार पर मुकदमा पंजीकृत कर लिया है. इसके साथ ही आरोपी छत्रपाल सिंह यादव और विक्रम सिंह यादव को गिरफ्तार कर मामले की जांच शुरू कर दी है.

सीओ का नाम भी है शामिल

बार एसोसिएशन के अध्यक्ष भारत विशाल शुक्ला ने बताया कि श्मशान घाट में मौजूद लोग गुस्से में हैं क्योंकि सुसाइड नोट में सीओ सदर का नाम सामने आया है. अपर पुलिस अधीक्षक ने मौके में जाकर बताया कि शासन को कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी गई है. सीओ सदर को अभी उनके पद से हटा दिया गया है.

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