महोबाः बुंदेलखंड का महोबा जनपद पिछड़ेपन को लेकर हमेशा चर्चा में बना रहता है. लेकिन यहां की हस्त शिल्पकला ने महोबा को बड़ी पहचान दी है. दिल्ली में 9 सितंबर से होने जा रहे G20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने आ रहे विदेशी राष्ट्राध्यक्षों को स्मृति चिन्ह के रूप में महोबा में निर्मित पीतल के पुष्पकमल भेंट किये जाएंगे. इन्हें बनाने के लिए शिल्पकार ने दिन-रात जुटकर पुष्प कमलों को आखिरी रूप दिए हैं.
पुष्पकमल की कलाकृतियां दिल्ली पहुंची
दिल्ली में जी20 के देशों के आने वाले मेहमानों को महोबा के कुलपहाड़ के मेटर आर्टिस्ट मनमोहन सोनी की गढ़ी पीतल से निर्मित पुष्पकमल को भेंट किया जाएगा. महोबा ही नहीं बल्कि पूरे बुंदेलखंड को गौरवांवित होने का यह क्षण है. जो महोबा की पहचान को नया आयाम दे रहा है. जी20 शिखर सम्मेलन शुरू होने के पहले पुष्पकमल की कलाकृतियों को समय से बनाकर दिल्ली भेज दिया गया है.
पीएम मोदी को है बेहद पसंद
महोबा के मनमोहन सोनी ने वर्ष 1998 में राज्य हस्तशिल्प पुरस्कार,1997 में नेशनल मेरिट अवार्ड और 2012 में नेशनल अवार्ड जीत चुके हैं. पीतल की कलाकृतियां गढ़ने के माहिर मनमोहन 2012 में अपनी कलाकृतियों की माॅस्को में प्रदर्शनी लगा चुके हैं. देश के सभी प्रमुख शहरों, महानगरों और हस्तशिल्प मेलों में अपनी कलाकृतियों को प्रदर्शित कर चुके हैं. मनमोहन सोनी की बनाई पुष्पकमल उत्तरप्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य और सांसद पुष्पेन्द्र सिंह चंदेल ने 2016 में महोबा में आयोजित परिवर्तन रैली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को स्मृति चिन्ह के रूप में भेंट में दी थी. इसे पीएम मोदी ने बेहद पसंद किया था.
कमलपुष्प की अनोखी कलाकृति
शिल्पकार मनमोहन सोनी अपने पिता के समय से पीतल की कलाकृतियों को बनाते चले आ रहे हैं. शिल्पकार मनमोहन सोनी द्वारा तैयार की गई पीतल की कमलकृति पांच इंच की हैं. इसमें 8 बड़ी और 8 छोटी पंखुडियों समेत 16 पंखुडियां हैं. इस कमलपुष्प को जब खोलते हैं तो सभी पंखुडियां खिली हुई अवस्था में नजर आती हैं. इसे बंद करने पर सभी पंखुडी अंदर बंद हो जाती है. इसके साथ ही कमल की केवल कली नजर आती है. मनमोहन सोनी को 50 सेट कमलकृति तैयार करने में एक माह का समय लगा है.
पीतल की कलाकृतियां
मनमोहन सोनी ने बताया कि उनका पूरा परिवार पीतल की नयनाभिराम कलाकृतियां गढ़ने के लिए जाना जाता है. उनके बड़े भाई कल्याणदास भी नेशनल अवार्ड जीत चुके हैं. उनके छोटे भाई आजाद और शिवकुमार भी स्टेट अवार्ड जीत चुके हैं. उनके काम में घर की महिलाएं भी जरूरत पड़ने पर उनका सहयोग करती हैं. उनकी द्वारा कमलकृति को दुनिया भर के दिग्गज राष्ट्राध्यक्षों को स्मृतिचिन्ह के रूप में दिया जाना, जो बुंदेलखंड के लिए गौरव की बात है. जी20 सम्मेलन में इनके द्वारा बनाए गए कमलपुष्प को बनाकर भेजा गया है.