महोबाः बुन्देलखण्ड में खाद की किल्लत की समस्या गहराती ही जा रही है. महोबा में खाद न मिलने से परेशान किसानों ने झांसी-मिर्जापुर हाईवे जाम कर घंटों हंगामा किया. किसानों ने वितरण समिति पर कालाबाजारी का आरोप लगाया है.
बुन्देलखण्ड के महोबा जिले में सिंचाई के लिए पानी की उपलब्धता कम है. ऐसे में बारिश ही यहां खेती का मुख्य सहारा है. नवंबर में बारिश के बाद खाद की मांग बढ़ने लगी.
प्रशासन मांग के अनुरूप किसानों को खाद नहीं उपलब्ध करवा पाया. ऐसे में खाद की किल्लत बढ़ गई. खाद की बोरियों की कालाबाजारी भी बढ़ गई. मनमानी कीमतों पर खाद बेची जाने लगी.
इससे परेशान किसान बीते एक माह से लगातार खाद उपलब्ध कराए जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी कड़ी में शुक्रवार को भी किसानों ने नेशनल हाईव पर जाम लगाया.
कुलपहाड़ तहसील के देवगनपुरा गांव में समिति पर खाद न देने का आरोप लगा किसानों ने जाम लगा दिया. किसानों ने यहां काफी देर तक नारेबाजी की.
जाम की सूचना मिलते ही पनवाड़ी कोतवाली पुलिस पहुंच गई. पुलिस ने किसी तरह समझा-बुझाकर किसानों को शांत कराया. इसके बाद जाम खुल सका. सवाल उठ रहे हैं कि किसानों के इतने प्रदर्शन के बावजूद आखिर खाद क्यों नहीं उपलब्ध कराई जा रही है. कालाबाजारी करने वाला समितियों पर नकेल क्यों नहीं कसी जा रही है.
गौरतलब है कि खाद की किल्लत सिर्फ महोबा में ही नहीं है बल्कि बुंदेलखंड के कई जिलों में है. खासकर ललितपुर में खाद की किल्लत अब काफी बढ़ गई है. यहां खाद के लिए लाइन में लगने वाले तीन किसानों की मौत भी हो चुकी है. ग्रामीणों में इसे लेकर काफी नाराजगी है. अभी तक खाद की किल्लत दूर नहीं हो सकी है.
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