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वक्फ संशोधन विधेयक पर लखनऊ में जेपीसी की अहम बैठक, 31 जनवरी को संसद में रिपोर्ट पेश करने की योजना, ओवैसी ने उठाए सवाल - JPC MEETING WAQF AMENDMENT BILL

लखनऊ में जेपीसी की वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर बैठक खत्म, मंत्री-धर्मगुरु और वक्फ से जुड़े लोगों ने दी ये प्रतिक्रिया

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लखनऊ में जेपीसी की बैठक (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 21, 2025, 4:44 PM IST

Updated : Jan 21, 2025, 9:37 PM IST

लखनऊ: ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 पर महत्वपूर्ण बैठक राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित होटल मैरियाड में हुई. सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक आयोग, मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद, मौलाना सैफ अब्बास, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अली जैदी, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारुकी सहित कई विशेषज्ञ और जानकार लोग शामिल हुए.

सुझावों पर होगा अमल: जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, हमने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर और दानिश आजाद अंसारी, प्रमुख सचिव एस. मोनिका गर्ग सहित कई बुद्धिजीवियों और धर्मगुरुओं से विस्तृत चर्चा की. सभी के सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा. बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने भी अपनी राय दी है, जिसे हमने ध्यानपूर्वक सुना. उन्होंने बताया कि जेपीसी की ये अंतिम बैठक थी और इससे पहले कर्नाटक, भुवनेश्वर, कोलकाता, पटना सहित विभिन्न राज्यों में बैठकों का आयोजन किया गया था.

31 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करने की योजना: जगदंबिका पाल ने कहा, 31 जनवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी. हमने 44 संशोधनों पर सहमति मांगी है और 23 जनवरी तक सभी संशोधनों को सदस्यों के पास भेजा जाएगा. चर्चा के बाद इसे पास किया जाएगा. हमारा प्रयास रहेगा कि 31 जनवरी से पहले रिपोर्ट पेश की जा सके. पाल ने ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वक्त संपत्तियों की स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया कि अभी तक राज्य में वक्त संपत्तियों का कोई निश्चित आंकड़ा नहीं था. सरकार का दावा है कि कई सरकारी संपत्तियों पर वक्त बोर्ड क्लेम कर रहा है. इस विषय पर भी विस्तार से चर्चा की गई.

वक्फ संशोधन अधिनियम पर ओवैसी ने उठाए सवाल: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 पर कड़ा विरोध जताया है. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा, सीएम योगी को संवैधानिक पद पर रहते हुए ऐसी आपत्तिजनक बातें नहीं करनी चाहिए. वक्फ बोर्ड को माफिया कहना केवल नफरत फैलाने की बात है. ओवैसी ने वक्फ संपत्तियों की सरकारी जांच प्रक्रिया का हवाला देते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाली 95% प्रॉपर्टी 'वक्फ बाय यूजर' है. ओवैसी ने अधिनियम में कई खामियों का जिक्र करते हुए कहा कि कलेक्टर को सारी शक्तियां देना उचित नहीं है. क्योंकि वह सरकार के निर्देशों के अनुसार काम करता है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 लागू किया गया तो इसका विरोध किया जाएगा.

मंत्री ओपी राजभर में बैठक में रखा सरकार का पक्ष (Video Credit; ETV Bharat)

वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जा जमाए लोग कर रहे विरोध: उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, हज और वक्फ मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बैठक में हिस्सा लिया. बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री राजभर ने बताया कि इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश के विभिन्न मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि, जेपीसी के अध्यक्ष और सदस्य शामिल हुए हैं. सभी अपने-अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत कर रहे हैं.

वहीं मंत्री राजभर ने स्पष्ट किया कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 का विरोध वही लोग कर रहे हैं जो वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जा जमाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित करना है. जिससे इसका लाभ महिलाओं और वंचित तबकों को मिल सके. इसी मकसद से सरकार ये संशोधन ला रही है.

वक्फ मंत्री ने ये भी कहा कि लखनऊ में हो रही ये बैठक अंतिम नहीं है. जेपीसी कमेटी अन्य राज्यों में जाकर भी लोगों से बातचीत करेगी और उनके सुझाव लेगी. इसके बाद दिल्ली में एक और बैठक होगी, जिसके बाद सत्र में रिपोर्ट पेश की जाएगी. राजभर ने कहा कि सरकार इस दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रही है ताकि वक्फ संपत्तियों का सही और उचित इस्तेमाल हो सके.

इससे पहले वक्फ वेलफेयर फॉर्म संगठन के अध्यक्ष जावेद अहमद ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि मुझे जेपीसी की बैठक में बुलाया गया है हम अपनी पूरी टीम के साथ बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर जेपीसी को सुझाव देंगे. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस महत्वपूर्ण बैठक में हमारे सुझाव को अपने रिपोर्ट में शामिल करेंगे.
यह भी पढ़ें : कल लखनऊ में होगी JPC की बैठक, वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर होगी चर्चा

लखनऊ: ज्वाइंट पार्लियामेंट्री कमेटी की वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 पर महत्वपूर्ण बैठक राजधानी लखनऊ के गोमती नगर स्थित होटल मैरियाड में हुई. सांसद जगदंबिका पाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कल्याण विभाग, अल्पसंख्यक आयोग, मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद, मौलाना सैफ अब्बास, शिया वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष सैयद अली जैदी, सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष जफर फारुकी सहित कई विशेषज्ञ और जानकार लोग शामिल हुए.

सुझावों पर होगा अमल: जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने कहा, हमने उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर और दानिश आजाद अंसारी, प्रमुख सचिव एस. मोनिका गर्ग सहित कई बुद्धिजीवियों और धर्मगुरुओं से विस्तृत चर्चा की. सभी के सुझावों को गंभीरता से लिया जाएगा. बार एसोसिएशन के अधिवक्ताओं ने भी अपनी राय दी है, जिसे हमने ध्यानपूर्वक सुना. उन्होंने बताया कि जेपीसी की ये अंतिम बैठक थी और इससे पहले कर्नाटक, भुवनेश्वर, कोलकाता, पटना सहित विभिन्न राज्यों में बैठकों का आयोजन किया गया था.

31 जनवरी तक रिपोर्ट पेश करने की योजना: जगदंबिका पाल ने कहा, 31 जनवरी से शुरू होने वाले बजट सत्र में रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी. हमने 44 संशोधनों पर सहमति मांगी है और 23 जनवरी तक सभी संशोधनों को सदस्यों के पास भेजा जाएगा. चर्चा के बाद इसे पास किया जाएगा. हमारा प्रयास रहेगा कि 31 जनवरी से पहले रिपोर्ट पेश की जा सके. पाल ने ये भी कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने वक्त संपत्तियों की स्थिति को स्पष्ट करते हुए बताया कि अभी तक राज्य में वक्त संपत्तियों का कोई निश्चित आंकड़ा नहीं था. सरकार का दावा है कि कई सरकारी संपत्तियों पर वक्त बोर्ड क्लेम कर रहा है. इस विषय पर भी विस्तार से चर्चा की गई.

वक्फ संशोधन अधिनियम पर ओवैसी ने उठाए सवाल: ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 पर कड़ा विरोध जताया है. बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए ओवैसी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की टिप्पणी पर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने कहा, सीएम योगी को संवैधानिक पद पर रहते हुए ऐसी आपत्तिजनक बातें नहीं करनी चाहिए. वक्फ बोर्ड को माफिया कहना केवल नफरत फैलाने की बात है. ओवैसी ने वक्फ संपत्तियों की सरकारी जांच प्रक्रिया का हवाला देते हुए कहा कि वक्फ बोर्ड के अंतर्गत आने वाली 95% प्रॉपर्टी 'वक्फ बाय यूजर' है. ओवैसी ने अधिनियम में कई खामियों का जिक्र करते हुए कहा कि कलेक्टर को सारी शक्तियां देना उचित नहीं है. क्योंकि वह सरकार के निर्देशों के अनुसार काम करता है. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 लागू किया गया तो इसका विरोध किया जाएगा.

मंत्री ओपी राजभर में बैठक में रखा सरकार का पक्ष (Video Credit; ETV Bharat)

वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जा जमाए लोग कर रहे विरोध: उत्तर प्रदेश के अल्पसंख्यक कल्याण, हज और वक्फ मंत्री ओम प्रकाश राजभर ने बैठक में हिस्सा लिया. बैठक के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए मंत्री राजभर ने बताया कि इस महत्वपूर्ण बैठक में प्रदेश के विभिन्न मुस्लिम संगठनों के प्रतिनिधि, जेपीसी के अध्यक्ष और सदस्य शामिल हुए हैं. सभी अपने-अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत कर रहे हैं.

वहीं मंत्री राजभर ने स्पष्ट किया कि वक्फ संशोधन अधिनियम 2024 का विरोध वही लोग कर रहे हैं जो वक्फ की संपत्तियों पर अवैध कब्जा जमाए हुए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों का सही उपयोग सुनिश्चित करना है. जिससे इसका लाभ महिलाओं और वंचित तबकों को मिल सके. इसी मकसद से सरकार ये संशोधन ला रही है.

वक्फ मंत्री ने ये भी कहा कि लखनऊ में हो रही ये बैठक अंतिम नहीं है. जेपीसी कमेटी अन्य राज्यों में जाकर भी लोगों से बातचीत करेगी और उनके सुझाव लेगी. इसके बाद दिल्ली में एक और बैठक होगी, जिसके बाद सत्र में रिपोर्ट पेश की जाएगी. राजभर ने कहा कि सरकार इस दिशा में पूरी गंभीरता से काम कर रही है ताकि वक्फ संपत्तियों का सही और उचित इस्तेमाल हो सके.

इससे पहले वक्फ वेलफेयर फॉर्म संगठन के अध्यक्ष जावेद अहमद ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि मुझे जेपीसी की बैठक में बुलाया गया है हम अपनी पूरी टीम के साथ बैठक में हिस्सा ले रहे हैं. कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर जेपीसी को सुझाव देंगे. उन्होंने कहा कि मुझे उम्मीद है कि इस महत्वपूर्ण बैठक में हमारे सुझाव को अपने रिपोर्ट में शामिल करेंगे.
यह भी पढ़ें : कल लखनऊ में होगी JPC की बैठक, वक्फ संशोधन विधेयक 2024 पर होगी चर्चा
Last Updated : Jan 21, 2025, 9:37 PM IST
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