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महोबा: मुआवजा न मिलने से कर्ज में डूबे किसान ने की आत्महत्या - farmer suicides in mahoba

उत्तर प्रदेश के महोबा जिले में भूमि अधिग्रहण की जमीन का मुआवजा न मिलने के कारण एक किसान ने आत्महत्या कर ली. दरअसल मृतक किसान के ऊपर करीब 10 लाख रुपये का कर्ज था.

कर्ज में डूबे किसान ने की आत्महत्या.
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Published : Jul 17, 2019, 7:12 PM IST

महोबा: बुंदेलखंड में एक के बाद एक किसान आत्महत्या करने को मजबूर होता जा रहा है. दरअसल महोबा जिले में एक किसान ने भूमि अधिग्रहण की जमीन का मुआवजा न मिलने के कारण आत्महत्या कर ली. फिलहाल इस मामले में कोई भी अधिकारी कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं है.

कर्ज में डूबे किसान ने की आत्महत्या

क्या है पूरा मामला

  • मामला कबरई ब्लाक के गंज गांव का है, जहां के रहने वाले 67 वर्षीय किसान विशाल सिंह के ऊपर बैंक और साहूकारों का करीब 10 लाख रुपये कर्ज था.
  • दरअसल मृतक किसान की जमीन सिचाई विभाग द्वारा सन 2012 में अधिग्रहित की गई थी.
  • अभी तक किसान को मुआवजा नहीं मिल सका.
  • दिन प्रतिदिन बैंक और साहूकारों का दबाव के कारण किसान का जीना मुहाल हो गया था.

अर्जुन सहायक परियोजना के बांध डूब क्षेत्र में सिचाई विभाग द्वारा जमीन अधिग्रहण की गई थी. जिसका मुआवजा अभी तक नहीं मिला और मृतक लगातार सिंचाई विभाग के चक्कर काटता रहा. बैक और साहूकारों के कर्ज को लेकर परेशान रहते थे. जिससे परेशान होकर आज फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
-सूरज भान सिंह, मृतक का परिजन

महोबा: बुंदेलखंड में एक के बाद एक किसान आत्महत्या करने को मजबूर होता जा रहा है. दरअसल महोबा जिले में एक किसान ने भूमि अधिग्रहण की जमीन का मुआवजा न मिलने के कारण आत्महत्या कर ली. फिलहाल इस मामले में कोई भी अधिकारी कैमरे के सामने बोलने को तैयार नहीं है.

कर्ज में डूबे किसान ने की आत्महत्या

क्या है पूरा मामला

  • मामला कबरई ब्लाक के गंज गांव का है, जहां के रहने वाले 67 वर्षीय किसान विशाल सिंह के ऊपर बैंक और साहूकारों का करीब 10 लाख रुपये कर्ज था.
  • दरअसल मृतक किसान की जमीन सिचाई विभाग द्वारा सन 2012 में अधिग्रहित की गई थी.
  • अभी तक किसान को मुआवजा नहीं मिल सका.
  • दिन प्रतिदिन बैंक और साहूकारों का दबाव के कारण किसान का जीना मुहाल हो गया था.

अर्जुन सहायक परियोजना के बांध डूब क्षेत्र में सिचाई विभाग द्वारा जमीन अधिग्रहण की गई थी. जिसका मुआवजा अभी तक नहीं मिला और मृतक लगातार सिंचाई विभाग के चक्कर काटता रहा. बैक और साहूकारों के कर्ज को लेकर परेशान रहते थे. जिससे परेशान होकर आज फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
-सूरज भान सिंह, मृतक का परिजन

Intro:एंकर- बुंदेलखंड में एक के बाद एक किसान आत्महत्या करने को मजबूर होता जा रहा है कारण कर्ज और मर्ज के अलावा सरकारी मुआबजा । जी हां महोबा जिले में एक किसान ने भूमि अधिग्रहण की जमीन का मुआबजा न मिलने के कारण आत्महत्या कर ली । फिलहाल इस मामले में कोई भी अधिकारी कैमरे के सामने बोलने को तैयार नही है ।
Body:वी/ओ- मामला कबरई ब्लाक के गंज गांव का है जहां के रहने बाले 67 वर्षीय किसान बिशाल सिंह के ऊपर बैंक और साहूकारों का 10 लाख रुपये बताया जा रहा है किसान की जमीन सिचाई बिभाग द्वारा अर्जुन सहायक परियोजना बांध के डूब क्षेत्र लिए सन 2012 में अधिग्रहित की गई थी और अभी तक किसान का मुआबजा नही मिल सका दिन प्रतिदिन बैक और साहूकारों का दवाब के कारण किसान का जीना मुहाल हो गया था क्योंकि बुंदेलखंड के किसान कर्जदार होते हुए भी खुद्दार है और इसी के चलते उसने फाँसी लगाकर जान दे दी ।

Conclusion:मृतक के परिजन सूरज भान सिंह ने बताया कि अर्जुन सहायक परियोजना के बांध डूब क्षेत्र में सिचाई विभाग द्वारा जमीन अधिग्रहण की गई थी जिसका मुआवजा अभी तक नही मिला और मृतक लगातार सिंचाई विभाग के चक्कर काटता रहा बैक और साहूकारो के कर्ज को लेकर परेशान रहते थे जिससे परेशान होकर आज फाँसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
बाइट- सूरज भान सिंह (मृतक का परिजन)

पीटीसी
तेज प्रताप सिंह
महोब यूपी
09889466159
06306038548
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