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महोबा: चिटफंड घोटाले का शिकार हुआ किसान, फांसी लगाकर दे दी जान - महोबा की ताजा खबर

महोबा में चिटफंड घोटाले (chit fund scam in mahoba) के चलते एक किसान ने मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

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मृतक के परिजनों को समझाती पुलिस
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Published : Jul 13, 2022, 2:33 PM IST

महोबा: जिले में पुलिस प्रताड़ना और चिटफंड घोटाले (chit fund scam in mahoba) में अपना पैसा डूबने से परेशान होकर एक किसान ने मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक के परिजनों ने आरोपी दारोगा और चिटफंड कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग को लेकर कानपुर सागर हाईवे में शव रखकर जाम लगा दिया. परिजनों का आरोप है कि चिटफंड कंपनी और पुलिस की साठगांठ के चलते ही किसान फांसी के फंदे पर झूल गया. पुलिस ने परिजनों की तहरीर के आधार पर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है.

जिले के खरेला थाना क्षेत्र के बरायें ग्राम निवासी प्रमोद उदैनिया को पड़ोसी गांव के कुबेर सिंह ने अपने साथी धर्मेंद्र सिंह, जागेश्वर साहू, मुमताज अहमद, सोहनलाल से मिलवाया. सभी ने बताया कि उनकी कंपनी एमडीएस इंफ्रा लिमिटेड किसानों के लिए बैंक से अच्छा ब्याज देती है. यदि 10-12 लोगों को आरडी, एफडी कराते हैं तो कंपनी उन्हें एजेंट बना देगी.

कंपनी के कर्मियों की बातों में आकर प्रमोद उदैनिया एजेंट बन गया. एजेंट बनते ही उसने 12 से 13 लाख रुपये जमा कर लिए. जब प्रमोद को पता चला कि दिसम्बर 2021 में कंपनी ऑफिस बंद करके भाग गई तो उन्होंने उपरोक्त 6 लोगों के विरुद्ध चरखारी कोतवाली में आईपीसी की धारा 419, 420,467,468 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया.

यह भी पढ़ें: महिला ने 12 महीने की बच्ची के साथ लगाई फांसी, बेटा न होने पर मिलते थे ताने

मृतक के पुत्र अनिल ने बताया कि आरोपियों ने पुलिस के साथ साठगांठ करके उनसे अपनी शर्तों पर दबाव बनाते हुए राजीनामा लिखवा लिया. इस दौरान पुलिस ने शिकायकर्ता और उसके पुत्र के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया. इसके चलते बुजुर्ग किसान सदमे में आ गया. वहीं, पुलिस के बढ़ते दबाव और ग्राहकों के तकादे से परेशान होकर मंगलवार को बुजुर्ग प्रमोद ने अपने महोबा वाले घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

घटना से आक्रोशित होकर परिजनों ने मृतक किसान के शव का पंचनामा न कराते हुए कानपुर सागर हाईवे पर जाम लगा दिया और प्रताड़ित करने वाले पुलिसकर्मियों और कंपनी प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने लगे. पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए उन्हें कार्रवाई करने का आश्वासन दिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

इस संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक आरके गौतम ने कहा कि सीओ सिटी को इस घटना की जांच सौंपी गई है. इसमें जांच करते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट प्रेषित करने की बात कही है. यदि इस प्रकरण में कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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महोबा: जिले में पुलिस प्रताड़ना और चिटफंड घोटाले (chit fund scam in mahoba) में अपना पैसा डूबने से परेशान होकर एक किसान ने मंगलवार को फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. मृतक के परिजनों ने आरोपी दारोगा और चिटफंड कंपनी के विरुद्ध कार्रवाई करने की मांग को लेकर कानपुर सागर हाईवे में शव रखकर जाम लगा दिया. परिजनों का आरोप है कि चिटफंड कंपनी और पुलिस की साठगांठ के चलते ही किसान फांसी के फंदे पर झूल गया. पुलिस ने परिजनों की तहरीर के आधार पर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है.

जिले के खरेला थाना क्षेत्र के बरायें ग्राम निवासी प्रमोद उदैनिया को पड़ोसी गांव के कुबेर सिंह ने अपने साथी धर्मेंद्र सिंह, जागेश्वर साहू, मुमताज अहमद, सोहनलाल से मिलवाया. सभी ने बताया कि उनकी कंपनी एमडीएस इंफ्रा लिमिटेड किसानों के लिए बैंक से अच्छा ब्याज देती है. यदि 10-12 लोगों को आरडी, एफडी कराते हैं तो कंपनी उन्हें एजेंट बना देगी.

कंपनी के कर्मियों की बातों में आकर प्रमोद उदैनिया एजेंट बन गया. एजेंट बनते ही उसने 12 से 13 लाख रुपये जमा कर लिए. जब प्रमोद को पता चला कि दिसम्बर 2021 में कंपनी ऑफिस बंद करके भाग गई तो उन्होंने उपरोक्त 6 लोगों के विरुद्ध चरखारी कोतवाली में आईपीसी की धारा 419, 420,467,468 के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया.

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मृतक के पुत्र अनिल ने बताया कि आरोपियों ने पुलिस के साथ साठगांठ करके उनसे अपनी शर्तों पर दबाव बनाते हुए राजीनामा लिखवा लिया. इस दौरान पुलिस ने शिकायकर्ता और उसके पुत्र के साथ अभद्रता पूर्ण व्यवहार किया. इसके चलते बुजुर्ग किसान सदमे में आ गया. वहीं, पुलिस के बढ़ते दबाव और ग्राहकों के तकादे से परेशान होकर मंगलवार को बुजुर्ग प्रमोद ने अपने महोबा वाले घर में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

घटना से आक्रोशित होकर परिजनों ने मृतक किसान के शव का पंचनामा न कराते हुए कानपुर सागर हाईवे पर जाम लगा दिया और प्रताड़ित करने वाले पुलिसकर्मियों और कंपनी प्रबंधकों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग करने लगे. पुलिस ने मामले को गम्भीरता से लेते हुए उन्हें कार्रवाई करने का आश्वासन दिया और शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया.

इस संबंध में अपर पुलिस अधीक्षक आरके गौतम ने कहा कि सीओ सिटी को इस घटना की जांच सौंपी गई है. इसमें जांच करते हुए 24 घंटे में रिपोर्ट प्रेषित करने की बात कही है. यदि इस प्रकरण में कोई पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है तो उस पर कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी.

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