महोबा: एक ओर जहां सरकार स्वास्थ्य को लेकर चिंतित है, वहीं दूसरी ओर झोलाछाप डॉक्टर मरीजों की जान लेने में लगे हुए हैं. बुन्देलखण्ड के महोबा जिले का मामला सामने आया है, जहां एक झोलाछाप डॉक्टर पर गलत इलाज करने का आरोप लगाया गया. परिजनों का कहना है कि डॉक्टर ने किशोरी का गलत इलाज किया, जिसके चलते किशोरी की जान चली गई.
मामला महोबा जिले के कस्वे गांव का है, जहां गांव के झोलाछाप डॉक्टर ने आरती का इलाज किया, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. जानकारी के मुताबिक 17 वर्षीय आरती की तबियत खराब हो गई थी. वहीं उसे अजनर में ही एक कमरे में क्लीनिक खोले ब्रजेन्द्र राजपूत को दिखाया गया. परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने बोतल चढ़ाई और छुट्टी कर दी. देर रात अचानक आरती की तबियत और खराब हो गई और उसकी मौत हो गई.
गांव के इन झोलाछाप डॉक्टरों पर प्रशासन का कोई खौफ देखने को नहीं मिल रहा है. गांव के इस झोलाछाप डॉक्टर ने खुद दबी जुबान से कहा कि स्वास्थ्य विभाग को हर माह मोटी रकम जाती है. हालांकि की कैमरे के सामने यह झोलाछाप डॉक्टर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं था. वहीं पुलिस को तहरीर देकर परिजनों ने न्याय की गुहार लगाई है. फिलहाल स्वास्थ्य विभाग द्वारा झोलाछाप डॉक्टरों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है, जिसके कारण इनके हौसले बुलन्द होते नजर आ रहे हैं.
बहन की तबियत खराब होने पर गांव के झोलाछाप डॉक्टर ब्रजेन्द्र राजपूत को दिखाया था, जिसके गलत इलाज के कारण बहन की मौत हो गई.
-भज्जू, मृतका का भाई
झोलाछाप डॉक्टरों पर विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है. अजनर में झोलाछाप डॉक्टर द्वारा एक किशोरी की मौत पर जांच टीम बनाई गई है और जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
-डॉ. सुमन, सीएमओ महोबा