ETV Bharat / state

बिजली विभाग को लगा 17 करोड़ का 'करंट', दो माह बाद भी आरोपी पर कार्रवाई नहीं - विद्युत विभाग के कर्मचारी ने किया भ्रष्टाचार

महोबा जिले में विद्युत विभाग के एक कर्मचारी ने करोड़ों रुपये के सरकारी राजस्व की हेराफेरी कर विभागीय अधिकारियों को मुश्किल में डाल दिया. अधीक्षण अभियंता के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर आरोपी कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं.

विद्युत विभाग के कर्मचारी ने किया 17 करोड़ का भ्रष्टाचार.
विद्युत विभाग के कर्मचारी ने किया 17 करोड़ का भ्रष्टाचार.
author img

By

Published : Feb 19, 2021, 2:10 PM IST

महोबा: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात कर भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात करते हों, लेकिन महोबा जिले में विद्युत विभाग में करप्शन के करंट की सप्लाई लगातार जारी है. यहां एक कर्मचारी ने करोड़ों रुपये के सरकारी राजस्व की हेराफेरी कर विभागीय अधिकारियों को मुश्किल में डाल दिया. मामला संज्ञान में आने के बाद विद्युत विभाग में हडकंप मच हुआ है. आनन-फानन में उच्चाधिकारियों ने अधीक्षण अभियंता के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर मामले की जल्द जांच रिपोर्ट सौंपने और आरोपी कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने आरोपी कर्मचारी के खिलाफ दो माह बाद भी कार्रवाई न करना अपने आप में सवाल खड़े कर रहा है.

विद्युत विभाग के कर्मचारी ने किया 17 करोड़ का भ्रष्टाचार.

17 करोड़ 57 लाख रुपये का गबन
महोबा जिले में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए बीते साल विस्फोटक कारोबारी इन्द्रकांत त्रिपाठी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था, जिसके चलते आरोपी तत्कालीन एसपी महोबा मणिलाल पाटीदार सहित कई पुलिस कर्मियों पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया. जिले के लोग अभी इन्द्रकांत त्रिपाठी मामला भूले भी नहीं थे कि अब विद्युत विभाग में टीजी-2 के पद पर तैनात कर्मचारी श्याम नारायण पर 17 करोड़ 57 लाख रुपये के सरकारी राजस्व का घोटाला करने के आरोप लगे हैं.

इसे भी पढ़ें-संदिग्ध परिस्थितियों में अधिवक्ता का मिला शव, जांच जारी

दो माह पूरा होने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
मामला सामने आने पर विद्युत विभाग की हवाइयां उड़ी हुई हैं. जांच टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में आरोपी कर्मचारी को दोषी पाया. दोषी पाए जाने पर विद्युत विभाग के उच्चाधिकारियों ने अधीक्षण अभियंता महेन्द्र कुमार के नेतृत्व में उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन कर जल्द से जल्द जांच कर रिपोर्ट सौंपने और स्थानीय अधिकारियों को पत्र भेज आरोपी कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. हालांकि पत्र आने को लगभग एक माह पूरा होने को है, लेकिन अधिकारियों ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की.

अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मण्डल महोबा महेन्द्र कुमार ने बताया कि अधिशाषी अभियंता को आरोपी श्याम नारायण के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन, पहले से ही एक मामले में श्याम नारायण पर एफआईआर और सस्पेंड चल रहा था. दूसरे मामले में टीम गठित कर जांच करा रही है.

महोबा: यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ भले ही करप्शन के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाने की बात कर भ्रष्टाचार को खत्म करने की बात करते हों, लेकिन महोबा जिले में विद्युत विभाग में करप्शन के करंट की सप्लाई लगातार जारी है. यहां एक कर्मचारी ने करोड़ों रुपये के सरकारी राजस्व की हेराफेरी कर विभागीय अधिकारियों को मुश्किल में डाल दिया. मामला संज्ञान में आने के बाद विद्युत विभाग में हडकंप मच हुआ है. आनन-फानन में उच्चाधिकारियों ने अधीक्षण अभियंता के नेतृत्व में चार सदस्यीय जांच कमेटी का गठन कर मामले की जल्द जांच रिपोर्ट सौंपने और आरोपी कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन स्थानीय अधिकारियों ने आरोपी कर्मचारी के खिलाफ दो माह बाद भी कार्रवाई न करना अपने आप में सवाल खड़े कर रहा है.

विद्युत विभाग के कर्मचारी ने किया 17 करोड़ का भ्रष्टाचार.

17 करोड़ 57 लाख रुपये का गबन
महोबा जिले में भ्रष्टाचार की जड़ें कितनी गहरी हैं. इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि भ्रष्टाचार को उजागर करने के लिए बीते साल विस्फोटक कारोबारी इन्द्रकांत त्रिपाठी को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा था, जिसके चलते आरोपी तत्कालीन एसपी महोबा मणिलाल पाटीदार सहित कई पुलिस कर्मियों पर मुकदमा पंजीकृत कराया गया. जिले के लोग अभी इन्द्रकांत त्रिपाठी मामला भूले भी नहीं थे कि अब विद्युत विभाग में टीजी-2 के पद पर तैनात कर्मचारी श्याम नारायण पर 17 करोड़ 57 लाख रुपये के सरकारी राजस्व का घोटाला करने के आरोप लगे हैं.

इसे भी पढ़ें-संदिग्ध परिस्थितियों में अधिवक्ता का मिला शव, जांच जारी

दो माह पूरा होने के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
मामला सामने आने पर विद्युत विभाग की हवाइयां उड़ी हुई हैं. जांच टीम ने अपनी जांच रिपोर्ट में आरोपी कर्मचारी को दोषी पाया. दोषी पाए जाने पर विद्युत विभाग के उच्चाधिकारियों ने अधीक्षण अभियंता महेन्द्र कुमार के नेतृत्व में उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन कर जल्द से जल्द जांच कर रिपोर्ट सौंपने और स्थानीय अधिकारियों को पत्र भेज आरोपी कर्मचारी के खिलाफ कठोर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. हालांकि पत्र आने को लगभग एक माह पूरा होने को है, लेकिन अधिकारियों ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई नहीं की.

अधीक्षण अभियंता विद्युत वितरण मण्डल महोबा महेन्द्र कुमार ने बताया कि अधिशाषी अभियंता को आरोपी श्याम नारायण के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे. लेकिन, पहले से ही एक मामले में श्याम नारायण पर एफआईआर और सस्पेंड चल रहा था. दूसरे मामले में टीम गठित कर जांच करा रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.