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OMG! मोबाइल टॉर्च की रोशनी में इलाज, ऐसी है इस सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र की हालत - सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मोबाइल के टॉर्च से इलाज

महोबा में स्वास्थ्य सेवाएं इस कदर बदहाल हैं कि मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में अस्पताल के डॉक्टर इलाज कर रहे हैं. घायलों को अंधेरे में ही इलाज कराने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. अस्पताल में यह लापरवाही लोगों के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है.

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घायल छात्राओं का मोबाइल टॉर्च की रोशनी में इलाज करता डॉक्टर
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Published : Jul 31, 2022, 1:01 PM IST

महोबा: उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग में कमी को सही करने की लाख कोशिश कर रही हो. लेकिन, महोबा में स्वास्थ्य विभाग की तस्वीर बदलती नहीं दिखाई दे रही. ताजा मामला जनपद के पनवाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां पर घायलों का इलाज अंधेरे में मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में किया जा रहा है.

जानकारी के अनुसार, पनवाड़ी थाना क्षेत्र के झांसी-मिर्जापुर में स्कॉर्पियो ने ई-रिक्शा को पीछे से टक्कर मार दी. इस सड़क हादसे में ई-रिक्शे में सवार छात्राएं और चालक गंभीर रूप से घायल हो गए. बताया जा रहा है कि किल्हौवा गांव निवासी दृगपाल ई-रिक्शा चलाकर अपना गुजर बसर करता है. रोजाना की तरह वह अपने गांव से कोचिंग पढ़ने वाली छात्राओं को लेकर पनवाड़ी कस्बा लेकर जा रहा था. जैसे ही ई-रिक्शा पनवाड़ी थाना क्षेत्र के छतेसर के पास पहुंचा, वैसे ही पीछे से रफ्तार में आ रही स्कॉर्पियो ने जोरदार टक्कर मार दी.

इस हादसे में ई-रिक्शे में बैठीं छात्राएं नैंसी, सोनम, समीक्षा, प्रीति सहित रिक्शा चालक घायल हो गया. सभी घायलों को पनवाड़ी स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. लेकिन, यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरीके से चरमराई हुई मिली. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर ने मोबाइल की टॉर्च जलाकर घायल छात्राओं और रिक्शा चालक का इलाज किया. घायलों के टांके लगाने का काम भी मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में किया गया.

यह भी पढ़ें: बिजनौर में भीषण सड़क हादसा: 4 की मौत, चार की हालत गंभीर

सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो लाइट की व्यवस्था है और न ही जरनेटर और इनवर्टर लगाया गया है. इसके चलते यहां आने वाले घायलों और मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यह लापरवाही आम जनमानस में चर्चा का विषय बनी हुई है. वहीं, लोगों में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर नाराजगी भी है.

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महोबा: उत्तर प्रदेश सरकार स्वास्थ्य विभाग में कमी को सही करने की लाख कोशिश कर रही हो. लेकिन, महोबा में स्वास्थ्य विभाग की तस्वीर बदलती नहीं दिखाई दे रही. ताजा मामला जनपद के पनवाड़ी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का है. यहां पर घायलों का इलाज अंधेरे में मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में किया जा रहा है.

जानकारी के अनुसार, पनवाड़ी थाना क्षेत्र के झांसी-मिर्जापुर में स्कॉर्पियो ने ई-रिक्शा को पीछे से टक्कर मार दी. इस सड़क हादसे में ई-रिक्शे में सवार छात्राएं और चालक गंभीर रूप से घायल हो गए. बताया जा रहा है कि किल्हौवा गांव निवासी दृगपाल ई-रिक्शा चलाकर अपना गुजर बसर करता है. रोजाना की तरह वह अपने गांव से कोचिंग पढ़ने वाली छात्राओं को लेकर पनवाड़ी कस्बा लेकर जा रहा था. जैसे ही ई-रिक्शा पनवाड़ी थाना क्षेत्र के छतेसर के पास पहुंचा, वैसे ही पीछे से रफ्तार में आ रही स्कॉर्पियो ने जोरदार टक्कर मार दी.

इस हादसे में ई-रिक्शे में बैठीं छात्राएं नैंसी, सोनम, समीक्षा, प्रीति सहित रिक्शा चालक घायल हो गया. सभी घायलों को पनवाड़ी स्वास्थ्य केंद्र लाया गया. लेकिन, यहां की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरीके से चरमराई हुई मिली. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर ने मोबाइल की टॉर्च जलाकर घायल छात्राओं और रिक्शा चालक का इलाज किया. घायलों के टांके लगाने का काम भी मोबाइल की टॉर्च की रोशनी में किया गया.

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सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में न तो लाइट की व्यवस्था है और न ही जरनेटर और इनवर्टर लगाया गया है. इसके चलते यहां आने वाले घायलों और मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. यह लापरवाही आम जनमानस में चर्चा का विषय बनी हुई है. वहीं, लोगों में स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही को लेकर नाराजगी भी है.

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