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बुंदेलों ने खून से खत लिखकर पीएम को दी जन्मदिन की बधाई, ये मांग उठाई - पीएम नरेंद्र मोदी जन्मदिन

बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकार के नेतृत्व में शुक्रवार को बुंदेलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने खून से खत लिखकर बधाई (pm narendra modi birthday wishes) दी. उन्होंने इस खत के माध्यम से बुंदेलखंड राज्य की बहाली की मांग की है.

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बुंदेलों ने खून से खत लिखकर पीएम को दी जन्मदिन की बधाई
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Published : Sep 16, 2022, 5:24 PM IST

महोबा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 72वें जन्मदिन (pm narendra modi 72th birthday) की पूर्व संध्या पर बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकार के नेतृत्व में बुंदेलों ने लगातार चौथे साल अपने खून से खत लिखकर पीएम को जन्मदिन की बधाई (pm narendra modi birthday wishes) दी है. इस खत के जरिए उन्होंने पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग (bundelkhand state demand) की है.

बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकार (Bundeli Samaj Convenor Tara Patkar) ने बताया कि बुंदेली समाज के सदस्य पीएम के जन्मदिन पर पिछले चार साल से लगातार अपने खून से खत लिखकर बधाइयां भेजते आ रहे हैं. उनके समाज के लोगों ने अब तक 27 बार अपने खून से एक हजार से अधिक खत लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेज चुके हैं.

मामले के बारे में जानकारी देते बुन्देली समाज के संयोजक तारा पाटकार

अंतिम बार बुंदेलों ने वीर आल्हा के जन्मोत्सव पर प्रधानमंत्री को खून भरी 51 पाती लिखी थी और बुंदेलखंड की ऐतिहासिक विरासतों व संस्कृति को बचाने के लिए उसे फिर से राज्य बनाने की मांग की थी. देश आजाद होने के बाद 12 मार्च, 1948 को नेहरू सरकार ने बघेलखंड को बुंदेलखंड में मिलाकर विन्ध्य प्रदेश बना दिया. फिर प्रथम राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश को खारिज करते हुए नेहरू सरकार ने एक नवंबर, 1955 को विन्ध्य प्रदेश के टुकड़े कर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच बांट दिया. तभी से बुंदेलखंड दोनों राज्यों के बीच पिस रहा है और विकास की दौड़ में बहुत पिछड़ गया. सरकारें बुंदेलखंड के लिए बहुत कुछ कर रही हैं. लेकिन ये सिर्फ ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही हैं.

यह भी पढ़ें: युवक ने मुख्यमंत्री को लिखा खून से पत्र, त्यागी परिवार के लिए मांगा न्याय

महोबा: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 72वें जन्मदिन (pm narendra modi 72th birthday) की पूर्व संध्या पर बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकार के नेतृत्व में बुंदेलों ने लगातार चौथे साल अपने खून से खत लिखकर पीएम को जन्मदिन की बधाई (pm narendra modi birthday wishes) दी है. इस खत के जरिए उन्होंने पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग (bundelkhand state demand) की है.

बुंदेली समाज के संयोजक तारा पाटकार (Bundeli Samaj Convenor Tara Patkar) ने बताया कि बुंदेली समाज के सदस्य पीएम के जन्मदिन पर पिछले चार साल से लगातार अपने खून से खत लिखकर बधाइयां भेजते आ रहे हैं. उनके समाज के लोगों ने अब तक 27 बार अपने खून से एक हजार से अधिक खत लिखकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भेज चुके हैं.

मामले के बारे में जानकारी देते बुन्देली समाज के संयोजक तारा पाटकार

अंतिम बार बुंदेलों ने वीर आल्हा के जन्मोत्सव पर प्रधानमंत्री को खून भरी 51 पाती लिखी थी और बुंदेलखंड की ऐतिहासिक विरासतों व संस्कृति को बचाने के लिए उसे फिर से राज्य बनाने की मांग की थी. देश आजाद होने के बाद 12 मार्च, 1948 को नेहरू सरकार ने बघेलखंड को बुंदेलखंड में मिलाकर विन्ध्य प्रदेश बना दिया. फिर प्रथम राज्य पुनर्गठन आयोग की सिफारिश को खारिज करते हुए नेहरू सरकार ने एक नवंबर, 1955 को विन्ध्य प्रदेश के टुकड़े कर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश के बीच बांट दिया. तभी से बुंदेलखंड दोनों राज्यों के बीच पिस रहा है और विकास की दौड़ में बहुत पिछड़ गया. सरकारें बुंदेलखंड के लिए बहुत कुछ कर रही हैं. लेकिन ये सिर्फ ऊंट के मुंह में जीरा साबित हो रही हैं.

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